लखनऊ (ब्यूरो)। 25 अक्टूबर को सुल्तानपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस में विधायक मुन्नू अंसारी के गनर से कार्बाइन लूट की घटना बानगी नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश में पुलिस से हथियार लूटे गए हैं और इसके बाद किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है।
अफसर की हुई थी हत्या
25 नवंबर 2015 को लखनऊ में रहने वाले जज एएन शुक्ला के गनर की अपराधी मुनीर ने हत्या कर पिस्टल लूटी थी। 5 महीने बाद ही एनआईए अफसर तंजील अहमद और उनकी पत्नी की इसी लूटी हुई पिस्टल से हत्या की गई थी। जब मुनीर को गिरफ्तार किया गया तो उसने कबूल किया कि उसके पास कई हथियार थे लेकिन पुलिस के हथियार से ही उसने हत्या की। उसने पुलिस की कार्बाइन व एके 47 लूटने की भी योजना बनाई थी।
पंजाब में देना था वारदात को अंजाम
पुलिस के लूटे हुए हथियार से पंजाब में सनसनी फैलाने की भी कोशिश की जा चुकी है। एनसीआर के सौरभ गुर्जर गैंग ने हापुड़ की जिला पंचायत अध्यक्ष के गनर की 25 जुलाई 2021 को कार्बाइन लूटी थी। गैंग को इसी कार्बाइन से पंजाब में एक राजनीतिक दल की जनसभा में फायरिंग कर माहौल बिगाडऩा था।
लखनऊ में की ठेकेदार की हत्या
लखनऊ में बिहार के रईस गैंग के शूटर फिरदौस ने गोरख ठाकुर की दिन दहाड़े हत्या की थी। इस हत्या में 9 एमएम पिस्टल का प्रयोग किया गया था। लखनऊ पुलिस ने घटना के करीब एक महीने बाद जब 3 शूटर को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था तब उनके पास से पुलिस की लूटी हुई 9 एमएम पिस्टल भी बरामद हुई थी।
प्रदीप व दाढ़ी गैंग कार्बाइन की करता था लूट
पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रदीप गैंग व दाढ़ी गैंग जब भी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देती थी। उससे पहले पुलिस की कार्बाइन की लूट करते और फिर हत्याओं को अंजाम देते थे। पुलिस इन गैंग के कई सदस्यों के पास से कार्बाइन बरामद कर चुकी है।
कार्बाइन लूट कर बिहार में बेचते हैं
यूपी में ट्रेन से सफर करने वाले पुलिस सिपाहियों की कार्बाइन पर ऐसे जहखुरानी गैंग की भी नजर रहती है, जो उसे लूट कर बिहार में अपराधियों को बेचते हैं। 3 अप्रैल 2019 को गोरखपुर के पूर्व मंत्री के गनर से ट्रेन में सफर के दौरान कार्बाइन लूट ली गई थी। गनर ने बताया था कि उसे कुछ खिलाया गया और बेहोश होने पर उसकी कार्बाइन लूट ली। यूपी एसटीएफ ने जब जहरखुरानी गैंग के सदस्य को लूटी हुई कार्बाइन के साथ गिरफ्तार किया तो सामने आया कि उसका गैंग इन्हे बिहार में अपराधियों को बेचता है।
दरोगा से लूटी गई थी पिस्टल
जुलाई 2018 को लखनऊ के आलमबाग में वीआईपी ड्यूटी कर लौट रहे दारोगा से दो अपराधियों ने असलहा दिखा कर सरकारी पिस्टल लूट ली थी। लखनऊ पुलिस व यूपी एसटीएफ की कोशिशों के बाद भी लूटी हुई पिस्टल व बदमाश नहीं खोजे जा सके।
यूपी और बिहार कार्बाइन के सबसे बड़े बाजार
रिटायर्ड डिप्टी एसपी एस शुक्ला बताते हैं कि पुलिस व सेना से लूटी हुई कार्बाइन का सबसे बड़ा बाजार बिहार व यूपी बॉर्डर था। 90 के दशक में एक कार्बाइन की कीमत 25000 होती थी जो बिकते बिकते 60,000 तक पहुंच जाती थी। मौजूदा समय कार्बाइन की कीमत 3 लाख तक होती है। लूटे हुए पुलिस के हथियारों को इकठ्ठा किया जाता है और थोक में ऑर्डर मिलने पर उसे नक्सलियों व संगठित आपराधिक गिरोह को बेच दिया जाता है। पुलिस से कार्बाइन लूटने की हिम्मत छोटे अपराधियों में नही होती है। इसके पीछे किसी बड़े गैंग या अपराधी ही होते है।
कभी कभी कुछ छोटे अपराधी जो बड़ा हथियार लेना चाहते हैंउसे लूट लेते हैं। कार्बाइन एक ऑटोमेटिक हथियार है, इसकी फायर पावर मजबूत होती है। सबसे अधिक इसकी खासियत होती है कि कभी धोखा नहीं देती है। इसलिये अपराधी इसका सबसे अधिक इस्तेमाल करना चाहते हैं।
-एके जैन, पूर्व डीजीपी