- पुलिस ने 112 लग्जरी गाडि़यों के साथ 12 लोगों को किया था अरेस्ट
- गैंग का मुखिया अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर
LUCKNOW: अब तक के सबसे बड़ी लग्जरी कार चोरी के खुलासे के बाद पुलिस अभी तक पूरे खेल के मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच सकी है। हालांकि पुलिस ने एक माह में चोरी की 112 लग्जरी कार के साथ कई शहरों से गैंग के 12 मेंबर्स को गिरफ्तार किया है। मामले के खुलासे के दौरान पुलिस ने दावा किया कि चोरी की पटकथा बैंकॉक में रची जाती थी, लेकिन अभी यह साफ नहीं हो सका कि उन्हे बैंकॉक में कौन बुलाता था और गाइड करता था। इतना ही नहीं पुलिस ने चोरी और फर्जी पेपर से रोड पर दौड़ रही सौ लग्जरी गाडि़यों को चिन्हित किया है।
धंधे में कई ग्रुप हैं शामिल
यूपी के कई शहरों में कंडम गाडि़यों के इंजन व चेसिस नंबर पर चोरी की गाडि़यों का कारोबार फल फूल रहा है, जिसे बिहार समेत कई प्रदेशों में खपाया जा रहा है। पुलिस ने मामले में पप्पू खान एंड कंपनी और कानपुर के सतपाल व विनोद डेंटर गैंग के सदस्यों को दबोचा है। डीसीपी पूर्वी सोमेन वर्मा के मुताबिक इस धंधे में कई ग्रुप शामिल हैं, जो अलग-अलग एरिया में एक्टिव हैं। हालांकि सभी का तरीका एक है, जिससे साफ है कि गैंग को कोई ऑपरेट कर रहा है। बैंकॉक में मीटिंग से भी यह बात साफ हो रही है।
लेडी डॉन का कनेक्शन खंगाल रही पुलिस
दूसरे गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रयागराज की लेडी डॉन श्वेता गुप्ता पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। लेडी डॉन गैंग के सदस्य विनोद डेंटर के पकड़ने जाने से यह बात पुख्ता हो गई कि वह भी इसमें शामिल है। दो साल पहले उसे प्रयागराज के झूसी थाने से जेल भेजा गया था। लेडी डॉन श्वेता मेरठ, मुरादाबाद, आगरा, दिल्ली, बिहार व नेपाल में संचालित होने वाले गैंग के संपर्क में है। इसके अलावा पुलिस मनीष, रोमी पाल, राजू शर्मा, शीबू, कामिल, अबरार व अफजाल की भी तलाश कर रही है।
शासन को भेजेंगे पॉलिसी में बदलाव की रिपोर्ट
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि 6 सरकारी बीमा कंपनियां हैं। इसके अलावा कई प्राइवेट बीमा कंपनी हैं। सरकारी बीमा कंपनी कंडम गाड़ी के पेपर आरटीओ में जमा करते हैं, जिसके चलते फर्जीवाड़ा संभव नहीं है। वहीं प्राइवेट बीमा कंपनी कंडम गाडि़यों के पेपर आरटीओ में जमा करने की जगह उसे कंडम गाड़ी के साथ कबाड़ी को बेच देते हैं, जिसे गैंग के सक्रिय मेंबर्स उन पेपर्स को कबाडि़यों से लेकर डिमांड के अनुसार गाड़ी चुराते हैं।