लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ का ट्रैफिक अब चैलेंज बन गया है। पांच सालों में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई बार कागजों तो कई बार जमीनी स्तर पर काम भी किया गया। हालांकि, शहर जाम से मुक्त नहीं हो सका। जाम की एक नहीं कई वजहे हैं। सिटी में लगातार बढ़ रहे व्हीकल के चलते ट्रैफिक प्रेशर बढ़ा है। रोड व फुटपाथ पर अतिक्रमण और नो पार्किंग में पार्किंग भी बड़ी वजह है। शहर के ऐसे 10 चौराहे हैं जिनसे गुजरने से पहले जाम का ख्याल दिमाग में पहले ही आ जाता है।
इन 10 चौराहों पर रहता है हर वक्त जाम
हुसैनगंज चौराहा - स्टेशन रोड जाने वाले रूट होने के चलते सबसे ज्यादा ट्रैफिक प्रेशर रहता है। आने और जाने के साथ ही कई महत्वपूर्ण ऑफिस इस रूट पर हैं, जिसके चलते ट्रैफिक प्रेशर सबसे ज्यादा रहता है।
बर्लिंग्टन चौराहा- विधानसभा, रेलवे स्टेशन समेत कई सरकारी ऑफिस होने के चलते इस रूट पर ट्रैफिक प्रेशर सबसे ज्यादा रहता है। चौराहा छोटा होने के चलते अक्सर जाम से लोगों को जूझना पड़ता है।
हजरतगंज चौराहा- यह शहर का सबसे महत्वपूर्ण चौराहा है। यहां हर दिन लाखों की संख्या में व्हीकल गुजरते है। राजभवन, विधान सभा, रेलवे स्टेशन रूट और हजरतगंज मार्केट के चलते यह चौराहा सबसे बिजी चौराहा है।
समतामूलक चौराहा- यह चौराहा ट्रांसगोमती से जोड़ने वाला चौराहा है। गोमती बैराज के वनवे होने के चलते इस चौराहे पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक प्रेशर रहता है। कई महत्वपूर्ण ऑफिस, बिल्डिंग और शहर के आने जाने का प्रमुख रूट है।
कैसरबाग चौराहा- पुराने लखनऊ के आने जाने के साथ कई बड़ी मार्केट का कनेक्टिंग प्वाइंट चौराहा है। जिसके चलते हर दिन लाखों लोगों का आना जाना होता है। पार्किंग की व्यवस्था दुरुस्त न होने और ई रिक्शा, टैंपो की अराजकता के चलते इस चौराहे पर जाम से लोगों को जूझना पड़ता है।
मुंशी पुलिया चौराहा- मुंशी पुलिया चौराहे कई नई कॉलोनी और शहर से बाहर जाने के लिए जोड़ने वाला चौराहा है। इसके अलावा वर्तमान में ओवर ब्रिज के निर्माण के चलते भी इस चौराहे पर रास्ता सकरा होने के चलते जाम की स्थिति बनी रहती है।
पॉलीटेक्निक चौराहा- यह चौराहा हाईकोर्ट और शहर के बाहर जाने के लिए कनेक्टिंग चौराहा है। यहां पर चारों तरफ से ट्रैफिक का प्रेशर आता है। अवध डिपो के अलावा कई स्कूल कॉलेज भी है। चौराहे कई एरिया को जोड़ता है। जिसके चलते सबसे ज्यादा ट्रैफिक प्रेशर रहता है।
अवध चौराहा- यह चौराहा दो तरफ के हाईवे से जुड़ा है। साथ ही शहर में इंट्री करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चौराहा है। जिसमें हैवी व्हीकल के साथ-साथ कामर्शियल व्हीकल का प्रेशर भी रहता है। इस चौराहे पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक प्रेशर रहता है।
बीबीडी तिराहा- हाईवे पर होने के चलते अयोध्या व बाराबंकी को कनेक्ट करता है। इसके अलाबा बीबीडी कॉलेज और कई मॉल होने के चलते भी यहां ट्रैफिक प्रेशर ज्यादा रहता है। यहां पर रोड व सर्विस लेन पर अवैध पार्किंग भी जाम का प्रमुख कारण है।
चरक चौराहा-चौक के चरक चौराहे पर सुबह हो या शाम, हमेशा जाम लगा रहता है। यहां सैकड़ों की संख्या में ई रिक्शा और फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा है। लोग नो पार्किंग होने के बाद भी यहां अपनी गाड़ी पार्क कर देते हैं, जिससे चौराहा पूरी तरह ब्लॉक हो जाता है।
थोड़ा सा काम और मिल सकती है राहत
- चौक चौराहे के पास लंबे समय से रोड व फुटपाथ पर लगने वाली दुकानों को वहां शिफ्ट किया जाए तो बहुत हद तक स्थिति सुधर सकती है।
- चौक चौराहे पर ई-रिक्शा के जंजाल को खत्म करने के लिए सभी रूट से आने वाले ई-रिक्शा को चौराहों से 200 सौ मीटर पहले ही रोक दिया जाए।
- चौक में सराफा व अन्य कई बड़ी मार्केट हैं। जहां खरीदारी करने वाले रोड पर पार्किंग करते हैं, अगर इन व्हीकल्स को स्थाई पार्किंग की सुविधा दी जाए तो हालत सुधर सकते हैं।
- ट्रैफिक विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ सिविल डिफेंस या किसी अन्य एजेंसी के कर्मचारियों को ट्रैफिक व्यवस्था के लिए ड्यटी पर लगाए जाए।
- चौक से केजीएमयू तक ओवरब्रिज की भी जरूरत है, ताकि डबल रूट मिलने से ट्रैफिक प्रेशर कम हो।
पहले भी तैयार की गई 10 चौराहों के लिए स्कीम
पहले भी ट्रैफिक पुलिस ने इस तरह का ब्लूप्रिंट तैयार किया था। इसके तहत शहर के मुख्य 10 चौराहों को जाम से निजात दिलाने के लिए चिन्हित किया था। जिसमें हजरतगंज, सिकंदरबाग, महानगर, भूतनाथ आदि चौराहे शामिल थे। यहां पर एक्स्ट्रा फोर्स के अलावा कई सुविधाएं दी जानी थी। बावजूद इसके आजतक वाहन चालकों को जाम की समस्या से निजात नहीं मिल सकी है।
ये किए जाने थे काम
- चौराहों से 100 मीटर तक नो पार्किंग जोन रहेगा
- यहां लगने वाली सभी दुकानों को हटाया जाएगा
- विभागों के साथ मिलकर चौराहों की बदली जाएगी सूरत
- चौराहों पर एक्स्ट्रा फोर्स की जाएगी तैनात
- चौराहों पर नहीं रहेगा पिक एंड ड्रॉप का सिस्टम
रोड और सर्विस लेन तक पार्क होते व्हीकल
शहर के मेन चौराहों पर जाम लगने का प्रमुख कारण है रोड के किनारे और सर्विस लेन में गाड़ियों की पार्किंग। नो पार्किंग के बोर्ड लगे होने के बाद भी व्हीकल की पार्किंग होती है। जिसके चलते उसका असर रोड और चौराहों पर पड़ता है।
ये 7 चौराहे बने थे नो पार्किंग जोन
1- पत्रकारपुरम से हुसड़िया चौराहा तक रोड के दोनों ओर
2- पत्रकारपुरम से कैप्टन मनोज पांडे चौराहे तक दोनों तरफ
3- पत्रकारपुरम चौराहे से ग्वारी चौराहे तक दोनों ओर
4- पत्रकारपुरम चौराहे से नवाबपुरवा चौराहे तक दोनों तरफ
5- अवध चौराहों पर 100 मीटर तक चारों तरफ रोड के दोनों साइड
6- पॉलीटेक्निक चौराहे 100 मीटर तक चारों तरफ रोड के दोनों साइड
7- आलमबाग बस स्टैंड के सामने से टेढ़ी पुलिया पिकेडली तिराहा तक दोनों साइड
नो पार्किंग में देनी होगी पेनाल्टी
चार पहिया - 1100 रुपये
तीन पहिया - 800 रुपये
दो पहिया - 700 रुपये
पहले 11 चौराहे घोषित किये गये थे नो पार्किंग जोन
1 - विधान सभा के चारों तरफ का मार्ग
2 - गौतमपल्ली चौराहे से हजरतगंज एवं अटल चौराहे से मेफेयर तक
3 - अल्का तिराहा से सेंट फ्रांसिस स्कूल से होकर सहारागंज तिराहा
4 - गोल्फ चौराहे से वीवीआईपी गेस्ट हाउस तक
5 - आलमबाग बस अड्डा के सामने रोड पर
6 - बापू भवन चौराहे से बर्लिंग्टन से रविंद्रालय से नत्था तिराहा
7 - घंटाघर से बड़ा इमामबाड़ा तक
8 - दुबग्गा तिराहे से छन्दौईया तिराहे तक
9 - कमता तिराहा से बीबीडीयू मेन रोड तक
10 - हुसड़डिया चौराहे से हनीमैन चौराहे तक
11 - निशातगंज गुड्स बेकरी चौराहे के सामने मेन रोड