लखनऊ (ब्यूरो)। शहीद पथ पर स्कूल वैन से हुए हादसे की टेक्निकल रिपोर्ट शनिवार को आ गई। रिपोर्ट में टायर में हवा ज्यादा होने और वाहन तेज रफ्तार में होने से हादसा होने की बात सामने आ रही है। हादसे का जिम्मेदार वैन चालक शिवम राज गौतम को पाया गया, जिसे पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
तेज रफ्तार बनी हादसे की वजह
मामले को लेकर यातायात पथ निरीक्षक आईआर प्रशांत कुमार की ओर से जारी हादसे के तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार, वाहन का रजिस्ट्रेशन वर्ष 2022 में हुआ था, जिसकी फिटनेस वैधता वर्ष 2037 तक की है। टायर में कील घुसने अथवा हवा ज्यादा होने से हादसे की बात सामने आ रही है। वहीं, कार की रफ्तार की जांच की गई तो पता चला कि नियमानुसार गाड़ी की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटा की जगह 60 किमी प्रति घंटा से ज्यादा पाई गई, जिसके कारण हादसा हुआ।
जिम्मेदार विभागों की लापरवाही
स्कूली वाहनों में सफर करने वाले बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अभिभावकों से लेकर पुलिस, आरटीओ, स्कूल प्रशासन, बीएसए, डीआईओएस वगैरह की होती है, पर जब कोई हादसा होता है तो जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ लेते है और एक-दूसरे पर अपनी जिम्मेदार डाल देते हैं। इस लिहाज से वर्ष 2018 में स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के खातिर नीति बनाई गई थी। पर विभागों की लापरवाही से स्कूली वाहनों से हो रहे हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजधानी में प्राइवेट वाहनों से लेकर ई-रिक्शा तक से खुलेआम स्कूली बच्चों को ढोया जा रहा है, पर इसके बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदकर बैठे हुए हैं।
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दोनों घायल बच्चों की हालत स्थिर
राजधानी में स्कूली वैन हादसे में घायल दोनों बच्चियों की हालत फिलहाल स्थिर है। डॉक्टर्स की एक्सपर्ट टीम दोनों बच्चों पर नजर रखे हुए है। डॉक्टर्स का कहना है कि फिलहाल 'वेट एंड वॉच' किया जा रहा है।
24 से 48 घंटे देखा जाएगा
शहीद पथ पर सीएमएस के छात्रों से भरी निजी गाड़ी टायर फटने से दुर्घटना का शिकार हो गई थी, जिसमें 6 छात्र घायल हो गये थे। उनमें से दो की हालत गंभीर थी। नंदनी नाम की छात्रा लोहिया संस्थान में भर्ती है। संस्थान के प्रवक्ता डॉ। भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि बच्ची का न्यूरोलॉजी विभाग में डॉ। अब्दुल कवि की देखरेख में इलाज चल रहा है। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। अगले 24 से 48 घंटे तक उसे आब्जर्वेशन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।
वेंटीलेटर से हटाया गया
वहीं, दूसरी छात्रा आराध्या का इलाज मेदांता अस्पताल में चल रहा है। मेडिकल डायरेक्टर डॉ। राकेश कपूर ने बताया कि बच्ची की हालत स्थिर है। वह अभी भी आईसीयू में है, पर वेंटिलेटर हटा लिया गया है। फ्रैक्चर को देखते हुए फिलहाल वेट एंड वॉच किया जा रहा है। आगे का फैसला बच्ची की हालत को देखते हुए लिया जाएगा। एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम निगरानी कर रही है।