तबादले में गुरुओं का गोलमाल
अंतरजनपदीय ट्रांसफर में जमकर फर्जीवाड़ा, जांच के आदेश
तैनाती ग्रामीण क्षेत्र में और आवेदन में भरा शहरी क्षेत्र
15078 शिक्षकों का पूरे प्रदेश में होना था तबादला
200 के करीब शिक्षक लखनऊ में फर्जीवाड़े के दायरे में
LUCKNOW : बेसिक स्कूलों में तैनात गुरुओं ने तबादले में जमकर गोलमाल किया है। आलम यह कि अपने तबादले के आवेदन में गुरुओं ने जिम्मेदारों को जमकर गुमराह किया है। अधिकांश मामले ऐसे हैं जिनमें तैनाती तो ग्रामीण क्षेत्र में है लेकिन अप्लीकेशन में दिखा दिया शहरी इलाका। अपने जिले में तैनाती के लिए शिक्षकों ने अंतरजनपदीय मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
नगर क्षेत्र से नगर क्षेत्र में ही तबादला
बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि गत जुलाई में अंतरजनपदीय स्थानांतरण के दावेदार राजधानी में ही करीब 200 के करीब शिक्षक हैं, जिन्होंने आवेदन में गलत जानकारी देकर अपना स्थानांतरण करा लिया। जांच में सामने आया है कि यह शिक्षक राजधानी के आसपास के सटे ग्रामीण जिलों में तैनात हैं पर आवेदन में उन्होंने वर्तमान तैनाती लखनऊ में दिखाकर लखनऊ में ही स्थानांतरण की मांग की है। जिसे अधिकारियों ने वेरीफाई भी कर दिया और गोलमाल करने वाले शिक्षक मकसद में कामयाब हो गए और नगर में तैनाती भी मिल गई। मामले का खुलासा होने पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक को जांच के आदेश जारी कर ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी है। इसके साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।
23 जून को नई स्थानांतरण पॉलिसी
परिषदीय विद्यालय के शिक्षक काफी समय से अंतरजनपदीय स्थानातरण की मांग कर रहे थे। इस मांग को देखते हुए तबादले के लिए 23 जून को नई स्थानांतरण नीति जारी कर दी गई। शिक्षकों को 12 से 17 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इसमें उनसे कई जिलों के विकल्प के साथ-साथ वर्तमान में किस स्कूल में तैनाती है उसका ब्यौरा भी मांगा गया था। 18 जुलाई से इनकी काउंसिलिंग भी शुरू की गई।
तीन दिन में मांगी शिक्षकों की सूची
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने एडी बेसिक को निर्देश दिए हैं कि मंडल में आने वाले जिलों के नगर क्षेत्र से दूसरे जनपद के नगर क्षेत्र में स्थानांतरण का गहन परीक्षण कर लें। खासकर ऐसे अध्यापक जो ग्रामीण संवर्ग में कार्यरत थे। लेकिन उनका तबादला नगर क्षेत्र से नगर क्षेत्र में हो गया, उन्हें कार्यमुक्त न करके उनकी सूची परिषद को तीन दिन में भेजी जाए। जिससे उनके तबादले निरस्त किए जा सकें। गौरतलब है कि इस बार प्रदेश में करीब 15078 शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले हुए थे।
वेरीफिकेशन में अफसरों की लापरवाही
काउंसिलिंग के समय संबंधित जिले के खंड शिक्षा अधिकारियों एवं बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवेदन पत्रों में दर्ज तथ्यों की जांच करनी थी। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से भेजे पत्र के मुताबिक संबंधित अफसरों ने काउंसिलिंग के समय डॉक्यूमेंट्स की जांच सतर्कतापूर्वक नहीं की। जिससे ऐसे शिक्षकों का डाटा संबंधित बीएस द्वारा सत्यापित कर दिया गया। यही वजह है कि अंतरजनपदीय तबादलों में शिक्षकों ने किया फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्थानांतरण एक जिले के नगर क्षेत्र से दूसरे जिले के नगर क्षेत्र में परिषद कार्यालय द्वारा कर दिया गया। जबकि बीएसए को काउंसिलिंग के समय ही गलत तथ्यों का सुधार कर देना चाहिए था। इन गलतियों के लिए खंड शिक्षा अधिकारी एवं बीएसए पूरी तरह से उत्तरदायी हैं।
पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। आवेदन व वेरीफिकेशन के समय तो डॉक्यूमेंट्स शिक्षकों की ओर से प्रस्तुत किए गए थे। उनके मिलान का काम चल रह है। जल्द ही रिपोर्ट जारी कर कार्रवाई कर दी जाएगी।
-महेंद्र सिंह राणा, एडी बेसिक, लखनऊ मंडल