लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में दी जाने वाली निशुल्क किताबों के वितरण में थोड़ी देर होगी और तब तक पुरानी किताबों से ही पढ़ाई करवाई जाएगी। विद्यालय 16 जून से खुल चुके हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि किताबों की वितरण प्रक्रिया शुरू कराने में तेजी लाई जाये। वहीं पाठ्य पुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि किताबों की छपाई का काम अंतिम चरण में है। प्रयास है कि इसी माह के अंतिम दिन तक किताबों का वितरण शुरू करवा दिया जाए। उन्होंने बताया कि इस बार किताबों के वितरण में पिछले सालों के अपेक्षा काफी तेजी आयेगी। बता दें कि इस बार सरकारी विद्यालयों में नामाकंन संख्या भी पिछले साल की अपेक्षा अधिक बढ़ी है। इस बार 31 लाख बच्चे बढ़े हैं। ऐसे में, दो करोड़ 10 लाख 90 हजार बच्चे हो गये हैं, जबकि पिछले वर्ष 1 करोड़ 80 लाख बच्चे थे।
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जूनियर हाईस्कूलों में सेनेट्री पैड नष्ट करने वाली मशीन
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित 44 हजार जूनियर हाईस्कूलों में अब बेटियों को बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। स्कूलों में इंसीनरेटर सेनेट्री पैड नष्ट करने की मशीन लगाई जाएगी। शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने इस संबंध में आदेश कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे 44 हजार जूनियर हाईस्कूलों की बेटियों रेगुलर स्कूल आने में आसानी होगी। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में इंसीनरेटर नहीं है, वहां भी स्थापना करने के आदेश हैं। केजीबीवी में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर पहले से ही लगा हुआ है। उन सभी को क्रियाशील करने के निर्देश हैं। इन इंसीनरेटरों की स्थापना, रखरखाव व प्रचार प्रसार के लिए स्कूलों को स्वच्छ भारत मिशन फेज दो व पंद्रहवें वित्त आयोग के प्राविधानों के मुताबिक फण्ड उपलब्ध करवाया जाएगा। महानिदेशक ने केजीबीवी स्कूलों को लेकर बीएसए व बीईओ के नेतृत्व में समीक्षा करने का आदेश दिया है।