- आई नेक्स्ट ने स्कूलों में चलाया 'पेपरगिरी, यस टू पेपर, नो टू प्लास्टिक' अभियान

LUCKNOW : हमारी पृथ्वी खतरे में है हमें इसे बचाना ही होगा, पृथ्वी को बचाओगे तभी यहां पर रह पाओगे, मैं अपनी धरती को बचाने के लिए बहुत सारे पेड़ लगाऊंगा, मैं अपनी धरती को बचाने के लिए इस सबसे पहले पॉलीथीन फ्री बनाने के लिए पूरा सहयोग करुंगा। यह वह संदेश हैं जो शुक्रवार को अर्थडे के अवसर पर आईनेक्स्ट की ओर से राजधानी के तीन स्कूलों में चलाये गये पेपर बैग्स बनाओ 'पेपरगिरी एस टू पेपर नो टू प्लास्टिक' कांटेस्ट के दौरान यहां के स्टूडेंट्स ने दी। इस अभियान से जुड़े स्टूडेंट्स ने सुंदर बैग्स बनाकर अपने हुनर से चौंकाने वाले स्टूडेंट्स को आईनेक्स्ट ने प्राइज देकर भी सम्मानित किया। दोनों स्कूल के थ्री बेस्ट बैग्स बनाने वाले स्टूडेंट्स को सम्मानित किया।

तीन स्कूलों में आयोजित हुई एक्टिविटी

बच्चों को एनवायरमेंट को बचाने के प्रति अवेयर करने के लिए आईनेक्स्ट ने पेपरगिरी 'यस टू पेपर नो टू प्लास्टिक' धरती बचाओ मिशन की एक्टिविटी ऑर्गनाइज की। इस एक्टिविटी में क्लास थर्ड से लेकर एट तक के बच्चों को न्यूज पेपर दिए गए थे। इन न्यूजपेपर से बच्चों को अपनी क्रिएटिविटी दिखाते हुए बैग्स बनाने थे। यह एक्टिविटी सिटी के तीन स्कूलों दिल्ली पब्लिक स्कूल एल्डिको, अवध कॉलिजिएट और क्रिएटिव कांवेंट में आयोजित की गई।

स्टूडेंट्स ने दिखाया हुनर

शुक्रवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल, एल्डिको में सुबह नौ बजे कांटेस्ट शुरू हुआ जो करीब दो घंटे तक चला। इस दौरान स्टूडेंट्स ने न सिर्फ शानदार पेपर बैग बनाए, बल्कि अपने नन्हें-नन्हें हाथों से उस पर कलाकृतियां और डिजाइन बनाकर उसे रेडीमेड बैग्स से अधिक अट्रैक्टिव बना दिया।

एक्टिविटी से बच्चों की प्रतिभा निखारती है, बच्चों को इस तरह की एक्टिविटी में मजा आता है। पेरेंट्स और टीचर्स को पता चलता है कि उनमें क्या खूबियां हैं। बच्चें खुद भी अपनी प्रतिभा को आंकलन कर पाते हैं।

- दीप्ती द्विवेदी, वाइस प्रिंसिपल, डीपीएस एल्डिको

बैग्स को खूब सजाया

अवध कॉलिजिएट की रामगढ़ ब्रांच में एक्टिविटी करीब सुबह साढ़े सात बजे स्टार्ट हुई। क्लास 3 से 8 वीं तक की सभी क्लासेस में अर्थ-डे अभियान पेपरगिरी के तहत वेस्ट पेपर से बैग्स बनाने का कॉम्पटीशन शुरू हुआ। कॉम्पटीशन शुरू होते ही सभी स्टूडेंट्स ने अपने-अपने बैग बनाने के साथ उसे सजाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद जब सभी के बैग कंपलीट हुए तो वहां का नजारा देख सभी टीचर्स हैरान हो गए।

इस तरह की एक्टिविटीज से बच्चों में आत्मनिर्भरता बढ़ती है। अर्थ डे पर कराई गई इस एक्टिविटी से बच्चे नेचर के ज्यादा पास जाएंगे। उन्हें समझ में आएगा कि वो जिस धरती पर रहते हैं, उसे बचाने के लए उन्हें क्या कदम उठाने होंगे।

- सरबजीत सिंह, डायरेक्टर, अवध कॉलीजिएट

कलर और कार्टून के साथ

कानपुर रोड स्थित क्रिएटिव कांवेंट स्कूल में यह कॉम्पटीशन सुबह दस बजे शुरू हुआ। कॉम्पटीशन में एक दूसरे को पीछे छोड़ने के लिए स्टूडेंट्स ने हर तरह के आइडिया और क्रिएटिविटी दिखाई। इसके साथ ही कलर और डिफरेंट कार्टून के साथ सजा कर अट्रैक्टिव बना दिया। इस कॉम्पटीशन में नन्हें उस्ताद भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने अपनी उम्र से अधिक की क्रिएटिविटी दिखाई। बैग को देख स्कूल के टीचर से लेकर स्टाफ तक सब हैरान थे।

बच्चों के लिए यह एक्टिविटी बहुत ही अच्छी थी। बच्चे काफी एक्साइटेड थे। उन्हें संदेश मिला कि किस तरह उन्हें अपनी पृथ्वी को बचाना है। पेपर को वेस्ट करने से बेहतर है कि इसका इस्तेमाल बेहतर तरीके से किया जाएगा।

- योगेंद्र सचान, डायरेक्टर, क्रिएटिव कांवेंट