लखनऊ (ब्यूरो)। लोहिया संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां डायलिसिस के दौरान मरीज के शरीर से लगातार खून बहता रहा। परिजन अपने मरीज की जान बचाने को लेकर स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन वहां मौजूद कर्मचारियों या टेक्नीशियंस ने बहता खून रोकने के लिए कोई जहमत नहीं उठाई। जब परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया, तब जाकर पैरामेडिकल स्टाफ ने आननफानन में नली से बह रहे खून को रोका। मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने संस्थान निदेशक से शिकायत भी दर्ज कराई, जिसके बाद इंक्वायरी भी शुरू कर दी गई है। इस घटना का वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
लापरवाही का लगाया आरोप
बस्ती के खरहटिया निवासी चंद्रशेखर पाठक को किडनी संबंधी परेशानी थी, जिसके कारण परिजनों ने बीती 30 मई को उन्हें राजधानी के लोहिया संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग में भर्ती कराया। जांच के बाद डॉक्टरों ने मरीज को किडनी खराब होने की बात कहते हुए डायलिसिस कराने की सलाह दी। मरीज को 13 जून को डिस्चार्ज कर दिया गया था। मरीज के भाई चंद्रभूषण पाठक के मुताबिक, भाई को दोबारा 18 जून को डायलिसिस के लिए लोहिया संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग लेकर पहुंचे, जहां उनकी डायलिसिस शुरू कर दी गई। आरोप है कि टेक्नीशियन व कर्मचारी की लापरवाही के कारण मशीन द्वारा शरीर में जा रहा खून, शरीर में न जाकर नली से बाहर निकलने लगा। खून बहने से पूरा बिस्तर ही नहीं बल्कि मरीज भी खून से सन गया।
प्रोसेस शुरू करने के बाद कर्मचारी गायब
परिजनों के मुताबिक, घटना 18 जून रात करीब 7:45 बजे की है। सूचना देने के बावजूद करीब एक घंटा तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कोई डायलिसिस यूनिट के भीतर झांकने तक नहीं आया। जब खून फर्श पर गिरने लगा तो परिजनों ने हल्ला मचाया। इसके बाद कर्मचारी व टेक्नीशियंस डायलिसिस यूनिट में दाखिल हुए और तब खून को बहने से रोका जा सका। इसकी वजह से मरीज की जान पर भी बन आई, क्योंकि ज्यादा खून बहने पर मरीज बेड पर ही बेहोश हो गया था। मामले को लेकर परिवारीजनों ने संस्थान के निदेशक व विभागाध्यक्ष से शिकायत कर मामले की जांच कराने की मांग की ताकि लापरवाह टेक्नीशियंस व कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया जा सके।
मामले को लेकर शिकायत मिली है। पूरे प्रकरण की इंक्वायरी कराई जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ। सीएम सिंह, निदेशक, लोहिया संस्थान