- 300 से अधिक मामले महिला अपराध से संबंधित, इनमें दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट भी शामिल
- थानों में जाकर विवेचनाओं के बारे में जानकारी ले रहे पुलिस आयुक्त
LUCKNOW: पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बावजूद राजधानी में करीब छह हजार से अधिक विवेचनाएं लंबित हैं। इनमें सर्वाधिक धोखाधड़ी के मामले हैं। वहीं, महिला अपराध के 300 से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें दुष्कर्म, पॉक्सो व छेड़छाड़ जैसे गंभीर मुकदमे हैं। विवेचनाओं के निस्तारण के लिए पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर थानों में जाकर उनके निस्तारण के लिए दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
हाल में ही अलीगंज थाने पहुंचकर पुलिस आयुक्त ने विवेचनाओं की जानकारी ली थी, जिसमें सामने आया था कि मडि़यांव कोतवाली में काफी संख्या में विवेचनाएं लंबित हैं। महिला थाने में भी घरेलू विवाद, दहेज उत्पीड़न व पति-पत्नी से जुड़े मामलों की लंबी फेहरिस्त है। यही नहीं साइबर क्राइम से जुड़े अधिकांश मामलों में पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है। इसकी वजह से पुलिस इन मामलों के निस्तारण के लिए फाइनल रिपोर्ट का सहारा ले रही है। साइबर अपराधी गिरफ्त से दूर हैं और लगातार ठगी की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है।
वर्ष 2019 में दर्ज हुए ज्यादा मामले
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में कुल 14,848 एफआइआर दर्ज की गई। वहीं वर्ष 2020 में तकरीबन 11 हजार मुकदमे पंजीकृत किए गए। इनमें सबसे ज्यादा मामले चोरी के हैं। पॉलीगन सिस्टम लागू होने के बावजूद कमिश्नरेट पुलिस चोरी की घटनाओं को रोकने में सफल नहीं हो पा रही है। यही नहीं वाहन चोरी के मामलों में भी नकेल नहीं कसी जा सकी है।