लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के मामले में लगातार सुधार हो रहा है। उसी का नतीजा है कि कायाकल्प अवार्ड में राजधानी में 7 अस्पतालों ने जगह बनाई है, जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा है। यह अवार्ड नेशनल हेल्थ मिशन, एनएचएम द्वारा दिया जाता है। ऐसे में नये साल के अवसर पर तोहफा मिला है। वहीं, इस उपलब्धि पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बधाई दी है।
तीन चरणों में होता है आंकलन
भारत सरकार की तरफ से कायाकल्प अवार्ड से सरकारी अस्पतालों को नवाजा जा रहा है। तीन चरणों में अस्पतालों की सुविधाओं का आंकलन करने के बाद अंक प्रदान किए जाते हैं। जिसमें 70 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले अस्पतालों को अवार्ड दिया किया जाता है। यूपी के 127 जिला अस्पतालों का एक्सपर्ट की टीमों ने जायजा लिया था। उसमें 119 चिकित्सालयों का अंतिम चरण के लिए चयन किया गया और एक्सटर्नल असेमेंट के लिए विशेषज्ञों ने 119 में 92 चिकित्सालयों का चयन किया। यानि वर्ष 2022-23 के लिए प्रदेश के 92 अस्पतालों का अवार्ड के लिए चयन किया गया। नेशनल हेल्थ मिशन की तरफ से चयनित अस्पतालों को अवार्ड के लिए संदेश भेज दिया गया।
कायाकल्प अवार्ड की सूची में वाराणसी पहले स्थान पर
अवार्ड लिस्ट में वाराणसी के पंडित दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय को पहला, गाजियाबाद जिला महिला चिकित्सालय को दूसरा और बांदा के जिला महिला अस्पताल को तीसरा स्थान मिला है। इन अस्पतालों में 80 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त किये, जबकि लखनऊ के सिविल, डफरिन, झलकारीबाई, राम सागर मिश्र, लोकबंधु, भाऊराव देवरस और टीबी संयुक्त चिकित्सालय को सांत्वना पुरस्कार मिला है।
बेहतर सुविधाएं दे रहे
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड के लिए चयनित चिकित्सालयों को बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बाकी चिकित्सालय के अधिकारी कर्मचारियों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश के अस्पतालों में तेजी से स्वास्थ्य सुविधाएं सुधार रही हैं। बाकी अस्पताल और मेहनत करें ताकि अवार्ड की सूची में अगला नाम उनका हो। हम सबका मकसद रोगियों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराना है। इसी दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। सभी अस्पताल मेहनत करें। निश्चित तौर पर कामयाबी मिलेगी।