Lucknow News: लखनऊ (ब्यूरो)। डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। इसके, डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 स्ट्रेन होते हैं। इसमें डेन-2 स्ट्रेन क्लीनिकली सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। जिससे मरीज के शरीर पर लाल धब्बे के साथ प्लेटलेट्स काउंट में तेजी से गिरावट आ सकती है। पीजीआई के माइक्रोबायलॉजी विभाग के डॉ। अतुल गर्ग ने बताया कि विभाग द्वारा 90 सैंपल लिए गए, जिनका सीरो सर्वे किया गया। इसमें, 60 फीसद में डेन-2 स्ट्रेन मिला है। इसके अलावा डेन-1 और डेन-3 स्ट्रेन भी मिला है। हालांकि, डेन- 4 स्ट्रेन नहीं मिला है। यह स्ट्रेन रेयर होता है, जो बीते चार वर्षों से नहीं मिला है।
अगस्त से शुरू हुआ सर्वे
डॉ। अतुल के मुताबिक सीरो सर्वे का काम अगस्त माह शुरू किया गया था। उस दौरान डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन करीब 80 फीसद सैंपल में मिला था। अक्टूबर माह में यह घटकर 60 फीसद हो गया। साथ में डेन-1 स्ट्रेन भी मिल रहा है। इसकी रिपोर्ट 11 नवंबर को तैयार की गई है। सीरो सर्वे से पता चलता है कि वायरस का कौन सा स्ट्रेन देखने को मिल रहा है।
इस बार गंभीर मामले नहीं
डॉ। अतुल के मुताबिक सर्वे के दौरान आईसीयू में भर्ती हुए मरीजों में डेन-2 स्ट्रेन मिला है, जो सबसे ज्यादा गंभीर होता है। लेकिन, इसबार ज्यादा गंभीर मामले नहीं आए है। हर साल देखा जाता है कि कौन सा स्ट्रेन ज्यादा गंभीर है। दरअसल, डेंगू की गंभीरता के तीन लेवल होते हंै। पहला, डेंगू विद नो वार्निंग यानि इसमें मरीज दिखाता है और डॉक्टर दवा से उसका इलाज करता है। मरीज को इसमें भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती है। दूसरा, डेंगू विद वार्निंग जैसे लिवर में सूजन, पेट में दर्द आंखों में दर्द, सिर दर्द, पेट में पानी, छाती में पानी भरने से गंभीर हो सकते है। इसलिए यह लक्षण मिलने पर टेस्ट करते है। तीसरा, डेंगू विद शॉक होता है। इसमें, मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। लेकिन, इसबार जो स्ट्रेन मिला है, डेंगू नो वार्निंग कैटेगरी का है। यानि उसका असर हल्का मिल रहा है।
स्टेट लेवल पर देखना चाहिए
केजीएमयू में माइक्रोबायलॉजिस्ट डॉ। शीतल वर्मा के मुताबिक वायरस म्यूटेट करते रहते है। इसलिए कई बार वायरस की घातकता कम या ज्यादा देखने को मिलती है। इसलिए वायरस के स्ट्रेन को लेकर क्लीनिकल सर्विलांस करना पड़ता है। जिसे स्टेट लेवल पर करना चाहिए, ताकि सही मायने में उसकी गंभीरता के बारे में पता चल सके।
सीरो सर्वे में अधिकतर में डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन मिला है। हालांकि, इसबार यह माइल्ड कैटेगरी का देखने को मिल रहा है।
- डॉ अतुल गर्ग, पीजीआई