लखनऊ (ब्यूरो)। मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब ने स्मार्ट सिटी द्वारा कराये गये सिविल कार्यों की स्थिति देखने के लिए कपूरथला और अल्कापुरी चौराहे का निरीक्षण किया और कई बिंदुओं पर अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कपूरथला और अल्कापुरी चौराहे पर स्मार्ट सिटी द्वारा किए गए सिविल कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इन चौराहों पर ग्रीनिंग का कार्य, फुटपाथ कार्य आदि सिविल कार्य कराये गये हैं। उन्होंने फुटपाथ पर लगे पत्थरों की पॉलिश व कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।
अर्बन फैसिलिटी सेंटर को देखा
मंडलायुक्त ने निर्माणाधीन सीनियर सिटीजन अर्बन फैसिलिटी सेंटर, अलीगंज का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माणाधीन कार्यों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि कराये जा रहे कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए सभी कार्य समय से पूरे कराए जाएं। उन्होंने कहा कि सीनियर सिटीजन के लिए इस वेलनेस सेंटर में वरिष्ठ नागरिकों को क्लब जैसी सुविधाएं जैसे कार्ड रूम, योग, भोजन, चिकित्सा देखभाल और इंडोर गेम आदि व्यवस्था की गई है। अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की ओर से कंपलेन दर्ज कराई जाए तो तत्काल उसका समाधान कराया जाए।
*************************************************
बारिश में पुख्ता करें इलाज के इंतजाम
बारिश में तमाम तरह की बीमारियां दस्तक देती हैं। इसमें त्वचा रोग, सर्पदंश, डायरिया व मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सभी प्रकार के सक्रामक रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारी रखें। अस्पतालों में पर्याप्त एंटी स्नेक वेनम का इंतजाम कर लें, ताकि रोगियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। ये निर्देश गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के सभी सीएमओ व सीएमएस को दिये हैं। उन्होंने कहा कि बारिश में सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि की आशंका रहती है। एंटी स्नेक वेनम का सीएचसी, जिला स्तरीय अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम कर लिया जाये। इमरजेंसी में एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। किसी भी रोगी के लिए बाहर से दवाएं न मांगयी जायें।
दवाओं का स्टॉक रखें
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि बारिश में संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका भी बढ़ जाती है। लिहाजा डायरिया, बुखार, सर्दी-जुकाम, त्वचा रोग, पेट दर्द जैसी दवाओं का स्टाक जुटा लें। पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांचें भी 24 घंटे हों। यदि किसी इलाके में संक्रामक रोग फैलने की सूचना मिलती है तो सीएमओ टीम भेजकर राहत कार्य करायें। उन्होंने कहा कि संक्रामक रोगों की रोकथाम में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। एंबुलेंस सेवाएं भी रोगियों के मदद के लिए तत्पर रहें। मेडिकल मोबाइल यूनिट रोस्टर के हिसाब पर जायें, ताकि रोगियों को डॉक्टर की सलाह, जरूरी जांच और दवायें उपलब्ध कराई जा सकें।