- कोर्स में बदलाव के साथ ही शिक्षकों को भी किया जा रहा है ट्रेंड

LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी नए सत्र से अपने सिलेबस को अपग्रेड कर रोजगार परक बनाने की तैयारी कर रहा है। कोर्स में बदलाव किए जा रहे हैं और पढ़ाने के लिए शिक्षकों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग बीटेक, एमसीए, होटल मैनेजमेंट आदि कोर्स के शिक्षकों को दी जा रही है। यही नहीं संबद्ध डिग्री कॉलेजों में भी शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संबद्ध कॉलेजों में भी स्वरोजगार से जुड़े कोर्स चलाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

कोर्स में जुड़ेंगे नए चैप्टर

यूनिवर्सिटी में चार दर्जन से अधिक कोर्स चलाए जा रहे हैं और इन कोर्स में 25 हजार से अधिक स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। प्रोफेशनल कोर्स के पहले और दूसरे वर्ष के कोर्स में नए चैप्टर जोड़कर उनमें बदलाव किया जाना है। इसके लिए शिक्षकों से सुझाव मांगे गए हैं। संभावना है कि एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इसकी मंजूरी मिल जाएगी।

ताकि आसानी से मिले जॉब

वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने बताया कि शिक्षकों के लिए अनलॉक के बीच फैकल्टी प्रोग्राम व सेमिनार किए गए हैं। नए कोर्स अपग्रेड करने के बाद उनके लिए शिक्षकों को तैयार किया जाएगा। नए पाठ्यक्रम के अनुसार क्लास लगाई जाएगी। डिग्री कॉलेजों के कोर्स में भी संशोधन करने की योजना है। बीए, बीएससी, बीकॉम के कोर्स में कौशल विकास के विषय जोड़े जाएंगे। इस नई पहल से पढ़ाई के बाद स्टूडेंट्स को आसानी से जॉब मिल सकेगी और स्वरोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

बाक्स

इसकी मिलेगी जानकारी

कपड़ों पर चिकन और जरदोजी के काम और उसका इतिहास, फ्यूजन वर्क, चिकन वर्क और पेंटिंग मिलाकर किया जाने वाले काम की जानकारी देने के लिए यूनिवर्सिटी की भाऊराव देवरस पीठ जल्द ट्रेनिंग और डेपलपमेंट कार्यक्रम की शुरुआत करेगी। ट्रेनिंग के दौरान बिहार की प्रसिद्ध मधुबनी, मंजूषा पेंटिंग, महाराष्ट्र की वर्ली और तमिलनाडु की टाडा पेंटिंग व डिजाइन के बारे में भी बताया जाएगा।

कोट

लखनऊ की चिकन कारीगरी और जरदोजी का काम मशहूर है लेकिन अभी तक फ्यूजन वर्क को मिलाकर चिकन पर काम नहीं हुआ है। फ्यूजन वर्क फॉर चिकन एवं जरदोजी विषय पर होने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम में एक्सपर्ट इसकी बारीकियां, इससे शुरू होने वाले स्टार्टअप और स्कीम आदि के बारे में जानकारी देंगे।

प्रो। सोमेश कुमार शुक्ला, निदेशक, भाऊराव देवरस पीठ

कोट

बीए, बीएससी, बीकॉम के कोर्स में कौशल विकास के विषय जोड़े जाएंगे। इस नई पहल से पढ़ाई के बाद स्टूडेंट्स को आसानी से जॉब मिल सकेगी और स्वरोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

प्रो। आलोक कुमार राय, वीसी, एलयू