लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दावे तो बहुत करती है लेकिन महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध इसकी पोल खोल देते हैं। कल ही यहां चलती कार में एक अधिकारी की बेटी के साथ गैंग रेप की घटना को अंजाम दिया गया। 20 किमी तक चलती कार में उसके साथ रेप होता रहा लेकिन पुलिस को इसका पता ही नहीं चला। राजधानी को शर्मशार करने वाला यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं
रिमांड पर लेगी पुलिस
आरोपी सत्यम, सुहेल और असलम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने जबरन पीड़िता को नशा कराया। वह इतना नशे में हो गई थी कि उसके साथ क्या हो रहा है, इसका भी उसे पता नहीं था। वजीरगंज इंस्पेक्टर मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
छेड़छाड़, रेप में 1258 एफआईआर
महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ, पेट्रोलिंग, सीसीटीवी कैमरा, सर्विलांस सिस्टम से लेकर कई योजनाएं चलती हंैं। फिर भी राजधानी में आए दिन रेप, छेड़छाड़ आदि के केस आते हैं। लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि महिला अपराध में वर्ष 2022 से जुलाई 2023 तक 1258 एफआईआर दर्ज की गई। जिसमें रेप, छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के मामले शामिल हैं।
400 से अधिक केस पेंडिंग
क्राइम अंगेस्ट वूमेन एंड सिक्योरिटी सेल के आंकड़े बताते हैं कि पिछले करीब डेढ़ साल करीब तीन हजार केस सामने आए, इनमें 400 के करीब केसों की अभी पुलिस स्तर पर ही जांच चल रही है। वहीं, डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक कहती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस लगातार अपराधियों पर शिकंजा कसती है।
इनकी है इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी
राजधानी के किसी भी थाने में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध की एफआईआर 24 घंटे तक में क्राइम अंगेस्ट वूमेन एंड सिक्योरिटी विंग में आती है। इसके बाद केस स्टडी करने के बाद इंवेस्टिगेशन ऑफिसर को करीब 90 दिन का समय दिया जाता है। जबकि रेप केस के निस्तारण का समय 60 दिन होता हैं, लेकिन दहेज प्रथा, बहला फुसलाकर छेड़छाड़ समेत अन्य केसों में काफी समय लगता है।
क्या कहती है एनसीआबी की रिपोर्ट
- वर्ष 2022 में 3690 महिलाओं के साथ अपराध हुए, इसमें 1410 वो आरोपी थे, जो ऑनलाइन माध्यमों से पीड़िता से मिले थे।
- बच्चों के साथ अपराध करने वाले 3,438 आरोपियों में 1,147 आरोपी ऐसे थे, जिन्होंने नाबालिग के साथ ऑनलाइन दोस्ती की थी।
आंकड़ों से जाने हकीकत
अपराध एफआईआर
दुष्कर्म 507
पॉक्सो एक्ट 338
छेड़छाड़ 413
इतने कैमरों से अपराधियों पर निगरानी
जोन कैमरा
पूर्वी 2049
पश्चिमी 2287
उत्तरी 2287
दक्षिणी 1180
मध्य 2113