बलिया नहीं, गाजीपुर तक ही समाजवादी पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे
- राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में अहम बदलाव
- गाजीपुर से बलिया जाने के लिए लेना पड़ेगा नेशनल हाईवे का सहारा
- परियोजना का एस्टीमेट तैयार, राइट्स को परीक्षण के लिए भेजा
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LUCKNOW: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना 'समाजवादी पूर्वाचल एक्सप्रेस वे' का स्वरूप बदल सकता है। लखनऊ से बलिया तक का सफर चंद घंटों में पूरा करने का सपना सहेजने वाले एक्सप्रेस वे को अब गाजीपुर जनपद तक ही ले जाने की संभावना है। असल में एक्सप्रेस वे को बलिया तक बनाने में केंद्र सरकार का एक नियम आड़े आ गया है। फिलहाल अब इसे गाजीपुर तक ही सीमित करने पर मंथन जारी है। जल्द ही इसका प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को अनुमति के लिए भेजा जाएगा। वहीं बलिया तक जाने के लिए एक्सप्रेस वे के यात्रियों को गाजीपुर से नेशनल हाईवे-19 का सहारा लेना पड़ेगा।
केंद्र से लेनी पड़ेगी अनुमति
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो इस अहम बदलाव के पीछे केंद्र सरकार द्वारा एक्सप्रेस वे निर्माण की नियमावली आड़े आ गयी है। बलिया तक एक्सप्रेस वे बनाने की सूरत में वह बिहार बार्डर के नजदीक पहुंच रहा है। केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक दो राज्यों की सीमा के भीतर दस किलोमीटर की परिधि में किसी एक्सप्रेस वे का निर्माण नहीं हो सकता है। अब यदि एक्सप्रेस वे को बलिया तक ले जाना है, तो इसके लिए पहले केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होगी। अनुमति मिलने में देर होती है तो राज्य सरकार इसे चुनाव से पहले शुरू नहीं करा सकेगी। बता दें कि यह एक्सप्रेस वे पूर्वाचल के लोगों के लिए तरक्की और विकास का रास्ता माना जा रहा है, इसलिए राज्य सरकार इसे चुनाव से पहले अमली जामा पहनाना चाहती है।
इस्टीमेट बनकर तैयार
एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार किया जा चुका है। राइट्स को इसके परीक्षण का काम भी सौंपा जा चुका है। मुख्य सचिव ने सोमवार को टास्क फोर्स की बैठक में आए सभी संबंधित डीएम को जल्द से जल्द भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही के निर्देश दे दिए है। चालीस दिन के भीतर यह कवायद पूरी कर ली जाएगी जिसके बाद अक्टूबर में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा एक्सप्रेस वे की बुनियाद डालने की रस्म अदायगी होगी।
इन जिलों से होकर गुजरना था एक्सप्रेस वे
यह एक्सप्रेस वे सूबे के दस प्रमुख शहरों लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़ व बलिया से होकर गुजरना था।
समाजवादी पूर्वाचल एक्सप्रेस वे
पूर्वाचल के जिलों के लिए पहला एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे (ग्रीन फील्ड) बनाया जाना है। इसके लिए 3500 से ज्यादा किसानों को बाजार दर से ज्यादा दाम पर बैनामा करके भूमि अधिग्रहण होना है।
Fact file
- 348 किमी लंबा एक्सप्रेस हाईवे
- 02 अक्टूबर शिलान्यास की तैयारी
- 10 घंटे में दिल्ली से बलिया
- 20 हजार करोड़ अनुमानित लागत