-मेगा कॉलसेंटर कर्मियों ने कार्वी के दफ्तर पर किया हंगामा

-सुनवाई न होने पर सीएम आवास पहुंचे प्रदर्शनकारी, पुलिस ने समझाबुझाकर लौटाया

LUCKNOW : यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने गाजीपुर एरिया में बने जिस मेगा कॉल सेंटर का उद्धाटन किया, उसी कॉलसेंटर में दो माह से तनख्वाह नहीं बंट सकी। जब कर्मियों ने तनख्वाह की मांग की तो आरोप है कि न सिर्फ उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी गई बल्कि, उनके संग बदसलूकी भी की गई। नाराज कर्मियों ने पहले कॉल सेंटर दफ्तर के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। सुनवाई न होने पर वे सीएम आवाज जा पहुंची। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाबुझाकर वापस लौटा दिया। पर, प्रदर्शनकारी फिर से कॉल सेंटर के सामने जा पहुंचे जहां देररात तक प्रदर्शन जारी था।

350 फुलटाइम कर्मचारी

यूपी गवर्नमेंट ने तमाम सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार व उस पर जनता के फीडबैक के लिये मेगा कॉल सेंटर स्थापित किया था। इसका काम यूपी डेवलपमेंट सिस्टम कॉरपोरेशन (यूपी डेस्को) के जिम्मे दिया गया था। यूपी डेस्को ने कॉल सेंटर के संचालन का काम कार्वी कीप गोइंग नामक फर्म को दे दिया। इसका रजिस्टर्ड ऑफिस फैजाबाद रोड स्थित लेखराज डॉलर कॉम्पलेक्स में स्थित है। इस कॉलसेंटर में 350 फुलटाइम वर्कर्स हैं। जबकि, कुछ वर्कर्स पार्टटाइम जॉब करते हैं।

सीएम आवास की ओर कूच

गुरुवार दोपहर कॉल सेंटर कर्मियों ने काम ठप कर दिया और दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने लगे। उनके प्रदर्शन से फैजाबाद रोड पर जाम लग गया। प्रदर्शनकारियों में शामिल मीनाक्षी ने बताया कि उनके पद के लिये 14 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी मुकर्रर है, लेकिन उन्हें 7130 रुपये ही भुगतान होता है। इतना ही नहीं बीते दो महीने से तो सैलरी नहीं दी गई। प्रदर्शन की सूचना मिलने पर सीओ गाजीपुर दिनेश कुमार पुरी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को समझाकर शांत कराया। पर, कंपनी की ओर से कोई संतोषजनक जवाब न मिलने की वजह से प्रदर्शनकारी भड़क उठे और उन्होंने सीएम आवास की ओर कूच कर दिया। प्रदर्शनकारियों के गोल्फ क्लब चौराहे पर पहुंचने पर गौतमपल्ली पुलिस व सीएम आवास पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। जानकारी मिलने पर पहुंचे सीओ हजरतगंज अशोक कुमार वर्मा ने प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लेकर उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया और उन्हें वापस कर दिया।

लगाए गंभीर आरोप

प्रदर्शनकारियों में शामिल हिमांशु ने बताया कि सभी कर्मचारियो से ज्वाइनिंग के वक्त बिना उन्हें दिखाए ज्वाइनिंग एग्रीमेंट पर सिग्नेचर करवा लिये गए थे। उस वक्त उन्हें बताया गया था कि फुलटाइम वर्कर्स को 14 हजार 500 व पार्ट टाइम वर्कर्स को 5500 रुपये प्रतिमाह सैलरी दी जाएगी। पर, महीना पूरा होने के बाद किसी को भी सैलरी नहीं मिली। सैलरी के लिये दबाव बनाने पर कुछ कर्मियों के खातों में 5000 रुपये डाल दिये गए। कर्मियों ने आरोप लगाया कि कार्वी उनकी आधी सैलरी कमीशन के रूप में हड़प रही है। पीडि़त अंकित कश्यप और प्रदीप यादव ने बताया कि कंपनी के मैनेजर शिवेन्द्र सिंह व असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक सिंह उनसे बदसलूकी करते हैं। दीपावाली में भी कर्मियों को छुट्टी नहीं दी गई। जिन कर्मियों ने छुट्टी ले ली उनका 15 दिन की सैलरी काटने का आदेश दिया गया है। उन्होंने बताया कि उन लोगों से 12 घंटे काम कराया जाता है और पुरुष इंप्लाई की ही तरह महिला इंप्लाई को भी देररात तक रूकने को मजबूर किया जाता है।