लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी समेत पूरे उत्तर प्रदेश में जल्द ही राजस्थान की तर्ज पर हेरिटेज होटल, रेस्टोरेंट की सुविधा मिलेगी। जहां लोग राजसी ठाठ-बाट के साथ न केवल रह सकेंगे बल्कि बेहतरीन व्यंजनों का स्वाद भी ले सकेंगे। इसको लेकर पर्यटन विभाग द्वारा उप्र पर्यटन नीति तैयार की गई है, जिसके तहत प्रदेश में रह रहे राजा-महाराजा परिवार के सदस्य अपना महल, किला या पुरानी हवेली समेत घर तक हेरिटेज होटल या रेस्टोरेंट से लेकर होमस्टे तक में बदल सकते हैं। इसके लिए सरकारी द्वारा कई सुविधाएं मिलेंगी। अधिकारियों की माने जल्द ही प्रपोजल कैबिनेट में अप्रूवल के लिए रखा जायेगा।
1950 से पहले बनी इमारतें होंगी शामिल
आजकल टूरिस्ट पुराने जमाने की संस्कृति का अनुभव करना चाहता है। इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग द्वारा हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जा रहा है। प्रदेश में लखनऊ, झांसी, प्रयागराज, बुंदेलखंड समेत कई अन्य जनपदों में राजा-महाराजा आदि के घर, महल आदि बने हुए हैं। कुछ ही हालत अच्छी तो कुछ की हालत बेहद जर्जर है। इसी को लेकर प्रपोजल बनाया गया है। जिसके तहत 1950 के पहले बनी बिल्डिंग, फोर्ट, हवेली, कोठी, कासल आदि को शामिल किया गया है।
तीन कैटेगरी में बांटा गया
हेरिटेज पॉलिसी के तहत ऐसी हेरिटेज जगहों के आर्किटेक्ट से छेड़छाड़ न हो, इसी को लेकर तीन कैटेगरी बनाई गई हैं। हेरिटेज होटल 1950 से पहले बने और कम से कम 5 कमरे के हों, हेरिटेज क्लासिक के तहत इमारत 1935 के पहले बनी और कम से कम 15 कमरों की हो और हेरिटेज ग्रांड के तहत इमारत 1920 के पहले बनी हो और कम से कम 25 कमरों की होनी चाहिए।
ये सुविधाएं मिलेंगी
हेरिटेज टूरिज्म पॉलिसी के तहत इन भवन स्वामियों को सरकार की ओर से कई सुविधाएं भी मिलेंगी, जिसमें 25 पर्सेंट सब्सिडी, बैंक लोन पर 5 पर्सेंट सब्सिडी पांच सालों के लिए पांच करोड़ तक के लिए छूट मिलेगी। इसके अलावा स्टॉम्प ड्यूटी पर 100 फीसदी छूट, एक्साइज लाइसेंस फीस पर 50 पर्सेंट रीइंबर्समेंट पहले साल के लिए दी जायेगी। इसके अलावा अन्य मदों के तहत भी छूट प्रदान की जायेगी।
हेरिटेज पॉलिसी को लेकर काम चल रहा है। इसको लेकर कैबिनेट में जा रहे हैं, जिसके बाद आगे के काम में तेजी लाई जायेगी।
-मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव, पर्यटन विभाग