लखनऊ (ब्यूरो)। जानकीपुरम सेक्टर-जे में रिटायर्ड डीएसपी कैलाश चंद्र (73) ने मंगलवार दोपहर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली से उड़ा लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। घटना को उस दौरान अंजाम दिया गया, जब वह अपने आवास पर अकेले थे। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि बीमारी और डिप्रेशन की वजह से घटना को अंजाम दिया गया है। गुडंबा थाना पुलिस ने परिजनों के बयान के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
भांजे के साथ रहते थे कैलाश
मूलरूप से फर्रुखाबाद के कायमगंज निवासी निवासी कैलाश चंद्र वर्ष 2010 में पुलिस उपाधीक्षक पद से रिटायर्ड हुए थे। वह भांजे अंशुल के परिवार के साथ जानकीपुरम के सेक्टर-जे में रहते थे। मंगलवार दोपहर पड़ोसियों ने गोली चलने की आवाज सुनी। पता चला कि कैलाश ने खुद की लाइसेंसी रिवाल्वर से सीने में गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। जब परिवार घर पहुंचा तो हड़कंप मच गया। सूचना पुलिस को दी गई।
नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो कमरे की फर्श पर कैलाश चंद्र के शव को लहूलुहान अवस्था में पड़ा पाया। प्रभारी नितिश श्रीवास्तव ने बताया कि घरवालों से पूछताछ कर घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए गए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। जांच में सामने आया कि बीमारियों की वजह से कैलाश चंद्र तनाव में रहते थे। जिससे चलते उन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली से उड़ा लिया। घटनास्थल से लाइसेंसी रिवाल्वर समेत मृतक की चप्पलें बरामद की हैं। अभी कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है।
बीमारियों से थे काफी परेशान
भांजे अंशुल ने बताया कि मामा कैलाश चंद्र की किडनी में दिक्कत थी। सप्ताह में दो बार वह डायलिसिस कराने जाते थे। इसके अलावा वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप से भी ग्रस्त थे, जिस वजह से वह काफी परेशान रहते थे। भांजे ने बताया कि घटना के वक्त वह पत्नी के संग बाजार गए थे। जब वह वापस लौटे तो मामा ने घर में आत्मघाती कदम उठा लिया। अंशुल ने बताया कि मामा नीचे कमरे में रहते थे। वह रोजाना करीब तीन बजे टहलने बाहर जाते थे।