लखनऊ (ब्यूरो)। कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर संग रेप और हत्या के मामले को लेकर राजधानी में रेजिडेंट डॉक्टर्स का प्रदर्शन चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। जिसकी वजह से केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई और बलरामपुर समेत कई अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं से लेकर जांच और सर्जरी तक पर असर पड़ा। हजारों मरीजों को बिना इलाज के निराश होकर लौटना पड़ा। वहीं, शाम को रेजिडेंट्स द्वारा 1090 चौराहे पर शांतिपूर्ण मार्च निकाल न्याय की मांगी की गई। वहीं, आईएमए ने देशभर में शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य को बंद करने का फैसला लिया है।

फैकल्टी ने भी दिया साथ

केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टर्स का प्रदर्शन लगातार जारी है। जहां सीनियर फैकल्टी ने भी धरने में शामिल होकर रेजिडेंट का साथ दिया। उन्होंने जल्द से जल्द मृतका को न्याय दिलाने की मांग रखी। वहीं, रेजिडेंट द्वारा न्यू ओपीडी में प्रदर्शन के बाद परिसर में मार्च निकाला गया और गेट नंबर दो पर धरना प्रदर्शन दिया। ट्रॉमा सेंटर के बाहर भी प्रदर्शन हुआ। इससे ट्रॉमा सेंटर में अफरा-तफरी मच गई। उधर, कर्मचारियों ने भी प्रोन्नति व वेतन विसंगति की मांग को लेकर कामकाज रोक दिया। इससे हालात और भी बिगड़ गए। वहीं, प्रदर्शन की वजह से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। जहां कई मरीजों को बिना दिखाये ही निराश होकर वापस लौटना पड़ा। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि 3900 मरीज देखे गये, जिसमें 1200 नए 2700 पुराने मरीज थे। शनिवार को ओपीडी जारी रहेगी, जहां फैकल्टी मरीजों को देखने का काम करेगी।

डिप्टी सीएम को सौंपा ज्ञापन

दूसरी ओर लोहिया संस्थान में भी रेजिडेंट डॉक्टर का जबरदस्त प्रदर्शन जारी रहा। जिसकी वजह से ओपीडी सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं। साथ ही जांच व दवा के लिए भी मरीज परेशान रहे। इस दौरान संस्थान आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने रेजिडेंट डॉक्टरों से मुलाकात की और रेजिडेंट ने उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस लड़ाई में सरकार उनके साथ है। प्रवक्ता डॉ। भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि प्रदर्शन हुआ, ओपीडी व रूटीन काम नहीं हुए, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं। शुक्रवार को 3400 मरीज देखे गये, 350 इमरजेंसी केस रहे और 45 सर्जरी हुईं। शनिवार को फैकल्टी काम पर रहेगी। अभी ओपीडी बंद करने का फैसला नहीं लिया है।

पीजीआई में आज फैकल्टी भी काम नहीं करेगी

संजय गांधी पीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टरों ने उग्र प्रदर्शन किया। यहां लगातार चौथे दिन भी नए रजिस्ट्रेशन नहीं किये गये। इसके अलावा, सीटी स्कैन, इंटरवेंशन रेडियोलॉजी, एमआरआई समेत दूसरी जांचें नहीं हुईं। साथ ही मरीज पैथोलॉजी समेत दूसरी जांच के लिए भी भटकते रहे। डॉक्टर की सलाह के लिए मरीज रात से इंतजार में थे, लेकिन हड़ताल ने मरीजों का दर्द बढ़ा दिया। स्वतंत्रता दिवस के बाद खुले अस्पताल में सुबह से मरीजों की कतार थी। करीब 800 मरीजों का पंजीकरण नहीं हो सका। 200 से ज्यादा मरीजों की जांचें नहीं हुईं। भर्ती मरीजों का भी इलाज प्रभावित रहा। वहीं, फैकल्टी फोरम ने भी शनिवार को होने वाली स्ट्राइक में हिस्सा लेने का फैसला किया है। ऐसे में शनिवार को मरीजों को ज्यादा मुश्किल होगी।

बलरामपुर अस्पताल में भी हुआ प्रदर्शन

बलरामपुर अस्पताल में भी रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रदर्शन देखने को मिला। जहां उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद करवाते हुए जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस दौरान अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को बिना इलाज ही वापस लौटना पड़ा। रोजाना अस्पताल में 4000 के करीब मरीज आते है, लेकिन हड़ताल के चलते केवल 2780 रजिस्ट्रेशन ही हो सके। वहीं, अस्पताल में रोजाना 2 हजार के करीब जांचेें भी होती हैं, हड़ताल के चलते 636 जांचें ही हो सकीं। अस्पताल के निदेशक डॉ। पवन कुमार अरुण का कहना है कि 30 मिनट से ज्यादा काम ठप नहीं रहा। हमने डॉक्टरों को समझा कर काम शुरू करा दिया था। मरीजों को कोई समस्या नहीं हुई। यदि डॉक्टर पूरी तरह से हड़ताल पर जाते हैं तो अस्पताल प्रशासन के सभी अधिकारी व सीनियर डॉक्टर खुद ओपीडी संभालेंगे। इसके अलावा टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में भी रेजीडेंट्स ने विरोध दर्ज कराया।

आईएमए ने किया हड़ताल का ऐलान

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने भी हड़ताल का ऐलान कर दिया है। उन्होंने पत्र जारी करते हुए कहा कि शनिवार सुबह 6 बजे से लेकर रविवार सुबह 6 बजे तक 24 घंटे देशव्यापी सेवाएं बंद रहेंगी। ओपीडी सेवाएं और इलेक्टिव सर्जरी नहीं होगी। हालांकि, सभी जरूरी और इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी।

1090 पर कैंडिल मार्च निकाल किया प्रदर्शन

वहीं, अपनी मांगों को लेकर लोहिया, केजीएमयू व पीजीआई आदि के रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में करीब दो हजार से अधिक रेजिडेंट्स शामिल हुए। रेजिडेंट्स इस दौरान 'हमें न्याय चाहिए', 'हमें सुरक्षा दो', 'आरोपियों का फांसी दो' आदि नारे लगाते रहे। शीरोज कैफे की एसिड अटैक पीड़िताओं ने भी 1090 चौराहे पर कैंडल मार्च में रेजिडेंट डॉक्टरों का साथ दिया।