लखनऊ (ब्यूरो)। कोलकाता में इंटर्न डॉक्टर के रेप और हत्या मामले को लेकर राजधानी के रेजिडेंट्स लगातार हड़ताल कर रहे हैं, इसमें लोहिया संस्थान के रेजिडेंट भी शामिल हैं। मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट्स उग्र हो गये और काम ठप करवाने को कर्मचारियों से भिड़ गये और तोड़फोड़ तक करने लगे। इससे ओपीडी में अफरातफरी मच गई। किसी तरह मामला शांत कराया गया।

रेजिडेंट और कर्मचारियों में हुई बहस

लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में रजिस्टे्रशन काउंटर पर मरीजों और तीमारदारों की भाड़ी भीड़ थी। इसी दौरान करीब 11 रेजिडेंट डॉक्टर नारेबाजी करते हुए दाखिल हुए और कर्मचारियों से काम रोकने को कहा, जिसपर कर्मचारियों ने काम बंद करने से मना कर दिया। इसको लेकर दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई। लाइन में खड़े तीमारदार भी भड़क उठे और उन्होंने भी हंगामा शुरू कर दिया। यह देखकर डॉक्टरों ने भी नारेबाजी तेज कर दी, जिससे वहां तैनात कर्मचारी घबरा गए। इसी दौरान किसी ने काउंटर के शीशे पर हमला बोल दिया, जिसकी वजह से कांच टूट गए। इससे ओपीडी में कोहराम मच गया।

ओपीडी भी करवाई बंद

रेजिडेंट द्वारा रजिस्ट्रेशन बंद करवाने के बाद वे ओपीडी बंद करवाने के लिए डॉक्टरों के पास पहुंच गये। जिसके बाद सीनियर डॉक्टरों ने मरीजों को देखना बंद कर दिया, जबकि कुछ ने आधे घंटे काम ठप कर दिया। इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। उनको घंटों इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा। प्रवक्ता डॉ। भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि रेजिडेंट काम बंद करवाने पहुंचे थे, पर कोई शीशा नहीं टूटा। सुबह तक 1832 मरीज देखे गये थे, पर 11:30 के बाद रजिस्ट्रेशन बंद होने से कोई मरीज नहीं देखा गया।

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डायबिटीज और मोटापा एक ही सिक्के के दो पहलू

ओबेसिटी सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसकी वजह से डायबिटीज, बीपी, हार्ट, आर्थो व पेट संबंधी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए लोगों को अपना वजन कंट्रोल में रखना चाहिए। यह जानकारी लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ। सीएम सिंह ने वजन घटाने और डायबिटीज के लिए जीवनशैली पर आयोजित सेमिनार के दौरान दी। सेमिनार में बोलते हुए निदेशक डॉ। सीएम सिंह ने कहा कि डायबिटीज और मोटापा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। शरीर का अधिक वजन और मोटापा टाइप 2 डायबिटीज के लिए महत्वपूर्ण जोखिम का कारण है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में आजीवन डायबिटीज का खतरा 7 प्रतिशत से बढ़कर 70 फीसदी तक और महिलाओं में आजीवन डायबिटीज का जोखिम 12 फीसदी से बढ़कर 74 फीसदी तक हो जाता है। ऐसे में केवल लाइफस्टाइल में ही बदलाव लाकर ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

डायबिटीज की वजह से कई समस्याएं

सार्वजनिक स्वास्थ्य शोधकर्ता डॉ। जेवी दीक्षित ने बताया कि दिन में दो बार भोजन करने एवं 55 मिनट के भीतर भोजन कर लेना चाहिए। इससे काफी हद तक टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। वहीं, डॉ। मनीष कुमार सिंह ने बताया कि डायबिटीज की वजह से लोगों में अंधापन, किडनी फेल होना, दिल का दौरा, स्ट्रोक और यहां तक कि समय से पहले मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज की जद में हैं, जबकि लगभग 2.5 करोड़ प्री-डायबिटीज हैं।