लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में लगभग हर दिन सुसाइड के मामले आ रहे हैं। कई बार दोस्तों और परिवार के लिए भी यह पहचान पाना मुश्किल होता है कि उनके ही किसी अपने के मन में सुसाइड का ख्याल आ रहा है। हालांकि, अगर आपको लगता है कि आपका कोई अपना डिप्रेशन में है या उसके मन में सुसाइड जैसे ख्याल आ रहे हैं तो इसे अनदेखा बिल्कुल ना करें और उसकी मदद करने की कोशिश करें। 10 सितंबर का दिन वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के रूप में मनाया जाता है। पढ़ें सुसाइड केसों की वजह और इसकी रोकथाम पर बात करती दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की यह रिपोर्ट
अबतक 550 लोगों ने गंवाई जान
रविवार को वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे है। दुनियाभर में बढ़ते सुसाइड केस रोकने को लेकर लोगों को अवेयर करने के लक्ष्य से हर साल 10 सितंबर को यह खास दिन मनाया जाता है। पुलिस के मुताबिक, जनवरी से अबतक राजधानी में करीब 550 से ज्यादा सुसाइड हो चुके हैं। इनमें पुरुषों की संख्या 250, महिलाएं 180 व अन्य 120 के करीब शामिल हैं। यह निश्चित तौर पर बेहद गंभीर आंकड़े हैं। आत्महत्या के बढ़ते मामलों के साथ इनकी वजहों पर गंभीरता से चर्चा किए जाने की जरूरत है, ताकि साल दर साल बढ़ रहे सुसाइड के मामलों को रोका जा सके।
हार के बाद जीत भी होती है
सुसाइड के अधिकतर मामलों में बीमारी, बेरोजगारी या पारिवारिक कलह ही प्रमुख वजहें बनकर सामने आती हैं। मनोचिकित्सक का कहना है कि सुसाइड किसी परेशानी का हल नहीं है। जिन लोगों के अंदर इस तरह की निगेटिव सोच आए, वे ध्यान रखें कि हालातों का सामना करेंगे तो निश्चित रूप से कल बेहतर होगा। किसी के मन में सुसाइड का ख्याल आए तो वह अपने परिवार के किसी सदस्य या खास दोस्त से बात करे। इससे न सिर्फ मन हल्का होगा बल्कि संभव है कि परेशानी दूर करने का कोई उपाय भी ही निकल आए। ध्यान रखें कि ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान न हो। हमेशा पॉजिटिव सोचें और निगेटिविटी को दूर भगाएं, क्योंकि जिंदगी में हार के बाद जीत भी होती है।
कभी न करें नजरअंदाज
केजीएमयू के मनोचिकित्सक डॉ। आदर्श त्रिपाठी का कहना है कि अधिकतर मामलों में देखा जाता है कि खुदकुशी करने वाले ने कुछ दिनों पहले बातचीत के दौरान किसी न किसी से ऐसा करने की बात जरूर करते हैं। आपका कोई अपना, दोस्त या सहकर्मी अगर ऐसा बोले तो उससे खुलकर बात करें। उसकी परेशानी पूछें और उसका निष्कर्ष निकालें, इस तरह आपका दिलासा देना और अपनापन उसकी जान बचा सकता है। हालांकि, अचानक किसी बात पर गुस्सा आने पर भी सुसाइड के कुछ मामले सामने आते हैं, इनमें अधिकतर सुसाइड की वजह किसी बात को लेकर हताशा या तनाव ही होता है।
एक नजर में यह भी जानिए
-डिप्रेशन की समस्या बढ़ने से सुसाइड के सबसे ज्यादा केस आते हैं
- गंभीर बीमारी, कलह, आर्थिक स्थिति व लाइफ में फेल होना सुसाइड की सबसे बड़ी वजह
- सुसाइड करने वाले लोग कुछ दिनों पहले अपनी बातों में इसके संकेत देते हैं
- एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में हर साल करीब आठ लाख लोग सुसाइड करते हैं
- राजधानी में दो माह के भीतर 172 लोगों ने किया सुसाइड
इन बातों का रखें ख्याल
- मन में बुरा ख्याल आने पर अपनों से शेयर जरूर करें
- जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया बनाए रखें
- ज्यादा निगेटिविटी आपको सुसाइड करने पर मजबूर कर देगी
- अपनी रूटीन लाइफ में सुधार लाएं, मन हल्का करने के लिए बातें शेयर करें
- लाइफ में रोजाना संतुलित खानपान और व्यायाम करें
- मन को खुश रखने के लिए अपनी पसंद के काम करें
- फ्री टाइम में हंसें, घूमें और म्यूजिक सुनें, टेंशन न पालें
- निगेटिविटी वाले लोगों से दूर रहें, उनसे पॉजिटिविटी की बात करें
- नशे से दूर रहें, ये आपको तनाव की ओर ले जाएगा
ऐसे करें बचाव
- स्ट्रेस से डील करने की कोशिश करें
- अगर हो सके तो मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह लें
- अपने ट्रीटमेंट शेड्यूल को फॉलो करें
- दोस्तों, परिवार, थेरेपिस्ट और डॉक्टर का नंबर अपने साथ रखें, जब भी बुरे ख्याल मन पर हावी हों तो इन्हें कॉल करें
- खुद को हेल्दी रखें, अच्छा खाएं, वर्कआउट करें और आराम करें
- नई हॉबी बनाएं, जिदंगी को नया मकसद दें, अपनी खुशी को प्राथमिकता दें
- टेंशन कम करने के लिए एक्सरसाइज या मेडिटेशन आदि करें
- खुद को मॉटिवेट करें, कोई जानवर पालने का मन करे तो उसे घर लेकर आएं