लखनऊ (ब्यूरो)। अब मरीजों को इलाज संबंधी अपने सभी दस्तावेज अस्पताल लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। देश के अस्पतालों में प्रत्येक मरीज के इलाज का ब्यौरा उपलब्ध होगा। एक क्लिक पर रोगी द्वारा पूर्व में कराई गई जांच व उपचार की पूरी जानकारी कम्प्यूटर स्क्रीन पर होगी। यह संभव होगा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) योजना से। योजना के तहत अस्पताल व डॉक्टर का भी डाटाबेस तैयार किया जाएगा। शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि यूपी में इस योजना को और रफ्तार दी जाएगी।
डाटाबेस तैयार किया जायेगा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि भारत सरकार की एबीडीएम योजना को प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। योजना के माध्यम से भारत के सभी नागरिकों के स्वास्थ्य अभिलेखों का डाटाबेस तैयार किया जायेगा। इसमें व्यक्ति की बीमारी, डॉक्टर की सलाह, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी समेत दूसरी जांच रिपोर्ट संरक्षित की जाएंगी। नतीजतन, मरीजों को मेडिकल रिकार्ड भौतिक रूप से संरक्षित करने की जरूरत नहीं होगी। एबीडीएम में देश के प्रत्येक नागरिक को एक यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी। यह आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) पर बनेगा। मरीज का डाटा इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड के रूप में सुरक्षित किया जायेगा, जो भारत हेल्थ अकाउंट से लिंक्ड होगा। यह डाटा पूरी तरह से सुरक्षित होगा।
लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी
ओपीडी पर्चा बनवाने के लिए मरीज को अस्पताल में लंबी लाइन भी नहीं लगानी होगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि मेडिकल कालेज, संस्थान, सरकारी व निजी मेडिकल संस्थानों को जोड़ा जाएगा। राज्य मिशन निदेशक, एबीडीएम नोडल अधिकारी होंगे। योजना संचालन के लिए राज्य एबीडीएम इकाई की स्थापना की जाएगी।
आसान होगी महामारी से जंग
कोरोना जैसी खतरनाक महामारियों में लोगों के इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड (ईएचआर) का उपयोग वरदान साबित होगा। बीमारियों का ब्यौरा होने से उन्हें अलर्ट किया जा सकेगा। खास तरह की एहतियातें बरती जा सकेंगी। उपचार मुहैया कराने में भी मदद मिलेगी। इससे महामारी से मुकाबला आसान होगा।
रिसर्च वर्क में भी आएगी तेजी
मरीजों का डाटाबेस तैयार होने से इलाके व जिलेवार बीमारी व मरीजों की संख्या की जानकारी जुटाई जा सकेगी। जो शोध के काम आएगा। स्वास्थ्य आईडी फ्री व स्वैच्छिक होगी। यह आईडी स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण करने में मदद करेगी। इससे चिकित्सालयों में दवा, उपकरण की उपलब्धता का ब्यौरा भी तैयार होगा।
ऑनलाइन मिल जाएगी जानकारी
योजना के तहत देश के चिकित्सालयों एवं डॉक्टरों का एक डाटाबेस तैयार किया जायेगा। राष्ट्रीय पहचान संख्या-एनआईएन प्रदान किया जायेगा। इससे देश का मरीज किसी भी संस्थान व डॉक्टर से सलाह हासिल कर सकेगा। देश के सभी सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों के विषय में सम्पूर्ण जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। जिसे कोई भी व्यक्ति देख सकेगा। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने एबीडीएम के तहत पब्लिक डैश बोर्ड लॉन्च किया है। इससे योजना से संबंधित रियल टाइम इन्फॉर्मेशन प्राप्त की जा सकती है।