- कैबिनेट ने ईडब्ल्यूएस के लिए तीन लाख, एलआईजी के लिए छह लाख तक आय सीमा निर्धारित की
- मकानों को क्षेत्रफल भी बढ़ाया, ज्यादा गरीबों व अल्प आय वर्ग वालों को मिल सकेंगे आवास
LUCKNOW: राज्य सरकार ने गरीबों और अल्प आय वाले लोगों को आशियाना मुहैया कराने की राह आसान कर दी है। सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट में सार्वजनिक, निजी एवं सहकारी क्षेत्र की नई आवासीय योजनाओं में आर्थिक तौर दुर्बल एवं अल्प आय वर्ग के लोगों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। इसके तहत ईडब्ल्यूएस व एलआईजी के परिवारों की वार्षिक आय का दोबारा निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही मकानों का क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया है। राज्य सरकार के इस कदम के बाद अब ज्यादा गरीबों और अल्प आय वाले लोगों को आवास मिल सकेंगे।
दोगुनी की आय सीमा
कैबिनेट ने पूर्व में निर्धारित वार्षिक आय सीमा को बढ़ाकर ईडब्ल्यूएस आय वर्ग के लिए तीन लाख रुपए तथा एलआईजी आय वर्ग के लिए तीन लाख रुपए से अधिक एवं छह लाख रुपए तक निर्धारित किया है। इसी प्रकार ईडब्ल्यूएस तथा एलआईजी परिवारों की वार्षिक आय व भवनों की सीलिंग कॉस्ट पुनरीक्षित होने के फलस्वरूप तथा इन आय वगरें के परिवारों की आवश्यकताओं के अनुरूप निवास योग्य समुचित तल क्षेत्रफल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ईडब्ल्यूएस के लिए बिल्ट-अप एरिया 35.40 वर्गमीटर व एलआईजी के लिए 41.48 वर्गमीटर कर दिया गया है। आय सीमा तथा बिल्ट-अप एरिया की वृद्धि संबंधी निर्णय से ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजना का सीधा लाभ मिलेगा तथा उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।
राजधानी को भी मिली सौगात
कैबिनेट ने राजधानी में स्वायत्तशासी संस्था के रूप में एक फिल्म, टेलीविजन एवं लिबरल आर्ट्स संस्थान की स्थापना करने को मंजूरी दी है। इसका प्रशासकीय नियंत्रण सूचना विभाग के पास होगा। आगामी दिसंबर से बनने वाले संस्थान को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। प्रथम चरण के तहत निशातगंज स्थित राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान के परिसर में दिसंबर से शिक्षण कार्य शुरू होगा। साथ ही इसी दौरान शहीद पथ स्थित लखनऊ हाट के समीप पूर्णकालिक कैंपस का शिलान्यास किया जाएगा। इस संस्थान को मान्यता के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाएगा। संस्थान के लिए राज्य सरकार ने पांच करोड़ रुपए भी दिए है। साथ ही मुख्यमंत्री को इस बाबत भविष्य में कोई भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।
तीन ऐतिहासिक स्थल पर्यटन विभाग को
राजधानी के तीन महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल छतर मंजिल, लाल बारादरी एवं कोठी दर्शन विलास को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के लिए संस्कृति विभाग से पर्यटन विभाग को ट्रांसफर करने का फैसला लिया है। वर्तमान में इनका संरक्षण एवं रखरखाव संस्कृति विभाग द्वारा किया जा रहा है। पर्यटन विभाग की इन भवनों को हेरिटेज होटल, अवध म्यूजियम, विजिटर सेंटर तथा लखनऊ आने वाले पर्यटकों तथा कला प्रेमियों के लिए कल्चर/पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही यहां अवधी-संस्कृति (जैसे हस्तकला, गायन, नृत्य इत्यादि) को शोकेस किया जाएगा। यदि इन इमारतों का संरक्षण कर व्यापक प्रचार-प्रसार करने से यहां पर्यटकों की आमद बढ़ेगी। इसे देखते हुए तीनों भवनों का उच्च स्तर का रखरखाव तथा आतिथ्य सत्कार की व्यवस्था की जाएगी।