- घर से रहस्यमय हालात में लापता हो गई थीं दोनों बच्चियां

- चारबाग रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में देख पुलिस ने किया पीछा

- गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से किया सकुशल बरामद

11 फरवरी

6.00 पीएम: दोनों बच्चियां घर से निकलीं

7.30 पीएम: घर वापस न लौटने पर परिजनों ने शुरू की तलाश

8.00 पीएम: परिजनों ने पुलिस को दी सूचना

8.25 पीएम: डीसीपी नॉर्थ इंदिरानगर थाने पहुंचे, 22 पुलिस टीमें गठित

10.30 पीएम: चारबाग रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में बच्चियां ट्रेन में बैठती दिखीं

11.00 पीएम: सभी अफसर व टीमें स्टेशन पहुंची

11.15 पीएम: पुलिस अफसरों ने गाजियाबाद जीआरपी व अन्य से संपर्क साधा

12 फरवरी

05.00 एएम: बच्चियां ट्रेन से सकुशल बरामद

05.30 एएम: परिजन रेलवे स्टेशन पहुंचे, पुलिस ने वीडियो कॉल से बच्चियों से बात कराई

06.00 एएम: ऑपरेशन खत्म, अफसर व टीमें वापस लौटीं

LUCKNOW :

इंदिरानगर से दो बच्चियां रहस्यमय हालात में लापता, सूचना मिलते ही पुलिस की 22 टीमें तलाश मे जुटीं और महज नौ घंटे में गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से दोनों बच्चियों सकुशल बरामद। पढ़ने में पुलिस का यह गुडवर्क बेहद सरल लग सकता है लेकिन, इसके पीछे डीसीपी नॉर्थ से लेकर कॉन्सटेबल तक की पूरी रात की योजनाबद्ध तरीके से की गई अथक मेहनत छिपी है। जिसने बुधवार सुबह होते-होते दो परिवारों में खुशियां बिखेर दीं। पुलिस के इस बेहतरीन काम से इंदिरानगर स्थित बच्चियों के परिजन व उनकी कॉलोनी के रेजिडेंट्स पुलिस की तारीफ करते नहीं अघा रहे। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बच्चियों को सकुशल बरामद करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। आइये आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं पूरा घटनाक्रम-

रहस्यमय हालात में हुई लापता

इंदिरानगर एरिया के निवासी एचएएल अफसर की बेटी 12 वर्षीया अंशिका (बदला नाम) इंदिरानगर के सेक्टर 14 स्थित नामी स्कूल में क्लास 6 की छात्रा है। उसकी दोस्ती मकान के सामने रहने वाली 16 वर्षीया रितिका (बदला नाम) से है। बीती शाम करीब छह बजे अंशिका व रितिका घर से निकलीं और वापस नहीं लौटीं। 7.30 बजे के करीब परिजनों को चिंता हुई और उन्होंने कॉलोनी के वाट्सएप ग्रुप पर दोनों बच्चियों के लापता होने की सूचना डाली। ग्रुप पर सूचना डालते ही कॉलोनी के लोग घरों से निकल आए और बच्चियों की तलाश शुरू की। पर, उनका कोई सुराग नहीं लग सका।

सूचना मिलते ही पुलिस एक्टिव

जिस पर दोनों बच्चियों के परिजन इंदिरानगर थाने पहुंचे और दोनों नाबालिग बच्चियों के लापता होने की सूचना पुलिस को दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इंदिरानगर थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों ने इसकी जानकारी डीसीपी नॉर्थ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी व एसीपी नॉर्थ दिनेश कुमार सिंह को दी। जानकारी मिलते ही डीसीपी त्रिपाठी ने फौरन इंदिरानगर थाने पहुंचकर कमान संभाल ली। कुछ ही देर में एडीसीपी वूमेन पावर लाइन श्वेता श्रीवास्तव और एसीपी वूमेन पावरलाइन अर्चना सिंह भी वहां पहुंच गई और बच्चियों की तलाश के लिये ऑपरेशन शुरू किया गया।

आनन-फानन 22 टीमें गठित

डीसीपी त्रिपाठी ने इंदिरानगर, गाजीपुर, महानगर थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों को इकट्ठा किया और 22 टीमें गठित कर उन्हें अलग-अलग टास्क दिये गए। कुछ टीमें दोनों बच्चियों के रिश्तेदारों के घर, मेट्रो स्टेशन व रोडवेज बस स्टेशन पर रवाना की गई तो कुछ टीमों को कॉलोनी के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटाया गया। पड़ोसी जिलों बाराबंकी व सीतापुर की पुलिस को भी अलर्ट किया गया।

सीसीटीवी से मिला सुराग

एसीपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने के लिये जुटायी गई टीमों को नया बाजार स्थित एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में शाम 7.03 बजे दोनों बच्चियों जाती हुई दिखायी दीं। शाम 7.17 बजे दोनों बच्चियों बाल विहार की सीसीटीवी फुटेज में दिखायी दीं। पर, आगे मेट्रो स्टेशन पर 7.20 से 8.20 के बीच वह दाखिल होते नहीं दिखाई दीं। यह इस बात का इशारा कर रहा था कि बच्चियों ने आगे का सफर ऑटो से किया। टीम इंदिरानगर रिंग रोड से तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालते हुए रात करीब 10.30 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर मिली फुटेज

चारबाग रेलवे स्टेशन में विभिन्न कैमरों की सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर अंशिका व रितिका रात 8.30 बजे रेलवे स्टेशन में दाखिल होते हुए सीसीटीवी में कैद हुई। टीम ने विभिन्न कैमरों से उनकी निगरानी जारी रखी। जिसमें पता चला कि वे दोनों प्लेटफॉर्म नंबर चार पर पहुंची ट्रेन 15025 मऊ-आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस पर सवार हुई हैं। यह जानकारी मिलने पर डीसीपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एडीसीपी श्वेता श्रीवास्तव, एसीपी दीपक कुमार समेत तमाम अफसर व टीमें चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंच गई।

शुरू हुआ संपर्क साधने का काम

एसीपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि आनन-फानन एक टीम को लखनऊ-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से रवाना किया गया। वहीं, एक टीम ने मऊ-आनंद विहार टर्मिनल एक्सप्रेस की रियल टाइम लोकेशन पर निगरानी शुरू की। अधिकारियों ने रेलवे के ऑफिसर्स की मदद से ट्रेन में चल रहे जीआरपी एस्कॉर्ट, आईआरसीटीसी कैटरिंग टीम, टीटीई के अलावा गाजियाबाद जीआरपी व गाजियाबाद प्लेटफॉर्म पर मौजूद वॉशिंग टीम से फोन पर संपर्क साधा और उन्हें बच्चियों के बारे में जानकारी दी।

स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही बच्चियां बरामद

सुबह करीब 5 बजे ट्रेन के गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचते ही जीआरपी टीम, ट्रेन में मौजूद एस्कॉर्ट टीम, वॉशिंग टीम व कैटरिंग स्टाफ ने एक साथ पूरी ट्रेन की सर्चिग शुरू की। इसी दौरान बच्चियों ट्रेन के रिजर्व कोच में बैठी मिलीं। जीआरपी ने बच्चियों को अपने कब्जे में लेकर डीसीपी त्रिपाठी को इसकी सूचना दी। इसी बीच स्टेशन पहुंचे परिजनों से बच्चिचें की वीडियो कॉल के जरिए बात कराई गई। इसी के कुछ देर बाद गाजियाबाद स्टेशन पहुंची लखनऊ पुलिस की टीम ने बच्चियों को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया और वापस लखनऊ के लिये रवाना हो गई। साढ़े नौ घंटे तक चले इस ऑपरेशन के दौरान सभी अधिकारी व पुलिसकर्मी स्टेशन पर ही जमे रहे और बच्चियां बरामद होने के बाद वहां से रवाना हुए।