- पड़ोसी महिला की मदद के लिए पीडि़त ने एसएसपी को किया था फोन

- सूचना पर पहुंचे दारोगा ने शिकायतकर्ता को ही किया प्रताडि़त

LUCKNOW :

कैंट इलाके में रहने वाले भूतपूर्व सैनिक व उसके परिवार को पड़ोसी महिला की मदद करना महंगा पड़ गया। एसएसपी को सूचना देने के बाद पहुंचे कैंट थाने के दारोगा ने शिकायतकर्ता भूतपूर्व सैनिक को न सिर्फ जमकर प्रताडि़त किया बल्कि, उन्हें थाने में ले जाकर भी बेइज्जत किया गया। पुलिस कार्रवाई से सहमे परिजनों ने एसएसपी आवास जाकर गुहार लगाई तब जाकर कैंट पुलिस ने भूतपूर्व सैनिक को रिहा किया। भुक्तभोगी ने यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल पर शिकायत करते हुए इंसाफ की गुहार लगाई। जिसके बाद मामले की जांच सीओ कैंट को दी गई है।

पड़ोसी महिला के पिटने की दी थी सूचना

कैंट के राजीव नगर, गांधी नगर निवासी जगदीश प्रसाद आर्मी से रिटायर्ड हैं। जगदीश प्रसाद के मुताबिक, उनके पड़ोस में रहने वाला मनोज अक्सर अपनी पत्नी को प्रताडि़त करता है। बीती 13 जून की रात भी मनोज ने पत्नी संगीता को जमकर पीटा। संगीता की चीख-पुकार सुनकर जगदीश प्रसाद ने एसएसपी दीपक कुमार के सीयूजी नंबर पर कॉल कर शिकायत की। एसएसपी के नंबर पर शिकायत करने के आधे घंटे बाद कैंट कोतवाली में तैनात दारोगा अरुण कुमार मिश्र मौके पर पहुंचे। लेकिन, उन्होंने माजरा समझने या दोषी मनोज के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय शिकायतकर्ता जगदीश प्रसाद को ही गालियां देना शुरू कर दिया। जगदीश के मुताबिक, उन्होंने जब इसकी वजह जाननी चाही तो दारोगा अरुण ने उन्हें कई थप्पड़ रसीद कर दिये।

खींच ले गए थाने

भुक्तभोगी जगदीश ने बताया कि मारपीट करने से भी दारोगा अरुण का मन नहीं भरा और वे उन्हें खींचकर गाड़ी में बिठाने लगे। जब जगदीश की बहू ने दारोगा अरुण की इस हरकत का विरोध किया तो उसने महिला के साथ भी बदसलूकी की। इसके बाद वह जगदीश को लेकर थाने पहुंचे। जगदीश ने बताया कि थाने पहुंचने पर इंस्पेक्टर कैंट ने भी उन्हें जमकर गालियां दी और नेतागिरी करने का आरोप लगाते हुए सबक सिखाने की धमकी दी। इधर, जगदीश के परिजन रात में ही एसएसपी आवास पहुंच गए और एसएसपी के पीआरओ से मुलाकात कर पूरी घटना बताई। पीआरओ ने इंस्पेक्टर कैंट को कॉल किया जिसके बाद जगदीश प्रसाद को रिहा कर दिया गया।

ट्विटर पर की शिकायत

भूतपूर्व सैनिक जगदीश प्रसाद ने रिहा होने के बाद कैंट पुलिस की इस हरकत की शिकायत यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल पर की। उन्होंने अपने ट्वीट को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, गृह मंत्री, रक्षामंत्री, महिला आयोग, डीएम लखनऊ और एसएसपी लखनऊ को भी टैग कर दिया। जिस पर यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल से लखनऊ पुलिस को कार्रवाई के लिये निर्देशित किया गया। एसएसपी ने पूरे मामले की जांच सीओ कैंट तनु उपाध्याय को सौंपी है।