लखनऊ (ब्यूरो)। लोहिया संस्थान में गंभीर मरीजों को अब और बेहतर इलाज मिल सकेगा। उनको वेंटिलेटर के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि संस्थान में जल्द 60 नए वेंटिलेटर आने वाले हैं। जिसके बाद अधिक मरीजों को भर्ती कर इलाज दिया जा सकेगा। संस्थान प्रशासन के मुताबिक, दो-तीन माह में वेंटीलेटर आ जाएंगे।

अभी 251 वेंटिलेटर हैं

लोहिया संस्थान में रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज आते हैं। अभी यहां पर विभिन्न विभागों में मिलाकर करीब 251 वेंटीलेटर की सुविधा है, लेकिन इनमें से अधिकतर हमेशा फुल रहते हैं। वहीं, 4-5 खराब या मरम्मत में चले जाते हैं, जिसकी वजह से सबसे ज्यादा इमरजेंसी, न्यूरो सर्जरी व सीवीटीएस व मेडिसिन जैसे विभागों में भर्ती मरीजों का दबाव रहता है। ऐसे में वेंटीलेटर न होने से मरीजों को दूसरे संस्थान रेफर कर दिया जाता है। जिसकी कारण कई बार समय पर वेंटिलेटर न मिलने से गंभीर मरीजों की मौत तक हो जाती है।

टेंडर प्रोसेस को बाद मिलेंगे वेंटिलेटर

संस्थान के निदेशक डॉ। सीएम सिंह ने बताया कि मरीजों के हित के लिए लगातार काम किया जा रहा है। संस्थान में वेंटिलेटर को लेकर सबसे ज्यादा दबाव रहता है। जिसके कारण कई बार न चाहते हुए भी मरीजों को रेफर करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए 60 वेंटिलेटर खरीदने का काम किया जाएगा। जल्द ही इसके लिए टेंडर निकाला जाएगा। पूरे प्रोसेस में दो-तीन माह लग जाएगा। पूरे प्रयास के जा रहे है कि जल्द से जल्द नए वेंटिलेटर आ जायें ताकि गंभीर मरीजों को राहत मिल सके।

जल्द होगी बैठक

निदेशक ने बताया कि वेंटिलेटर विभागों की जरूरतों के अनुसार दिए जायेंगे। इसके लिए जल्द ही सभी विभागों के हेड के साथ एक बैठक की जाएगी ताकि यह तय किया जा सके कि जरूरत के अनुसार किस विभाग को कितने वेंटिलेटर बेड देने चाहिए।

संस्थान में 60 वेंटीलेटर खरीदे जाने हैं। जल्द ही टेंडर जारी कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि दो-तीन माह में पूरा प्रोसेस कम्प्लीट कर लिया जाएगा।

-डॉ। सीएम सिंह, निदेशक, लोहिया संस्थान