लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में मरीजों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। आलम यह है कि गंभीर मरीजों को भी घंटों इंतजार करने के बाद ही स्ट्रेचर या व्हील चेयर नहीं मिल रही है। गुरुवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम जब यहां पहुंची तो देखा तीमारदार गंभीर मरीजों को सहारा देकर किसी तरह ओपीडी तक ले जा रहे हैं

केस 1

ठाकुरगंज निवासी अनिरुद्ध की गर्दन की हड्डी टूटी हैं। तीमारदार के मुताबिक सुबह 8:15 बजे से आये हंै, लेकिन, ई-रिक्शा में घंटों इंतजार के बाद भी स्ट्रेचर तक मिला। किसी तरह 12 बजे के बाद व्हील चेयर मिली।

केस 2

रायबरेली से आई 65 वर्षीय मंजू को कैंसर की समस्या है और चलने में दिक्कत है। इसके बावजूद उनको व्हील चेयर की सुविधा तक नहीं मिल पाई। किसी तरह तीमारदारों ने उनको पकड़कर ओपीडी के अंदर तक पहुंचाया।

कई गंभीर मरीज आते हैं

केजीएमयू में रोज 6 हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आते है। इसमें काफी संख्या में गंभीर मरीज भी होते हैं। ये मरीज सुबह से ही केजीएमयू पहुंच जाते हैं। यहां आते ही इनकी अग्नि परीक्षा शुरू हो जाती है। गंभीर मरीजों को ओपीडी तक जाने के लिए स्ट्रेचर और व्हील चेयर का घंटों इंतजार करना पड़ता है। इसे लेकर कई बार तीमारदारों का यहां के कर्मचारियों से विवाद भी हो जाता है।

कम हैं स्ट्रेचर और व्हील चेयर

केजीएमयू की ओपीडी में 30 स्ट्रेचर और 15 व्हील चेयर की ही सुविधा है। जोकि आने वाले मरीजों के अनुपात में बेहद कम है। जिसके चलते मरीजों के लिए स्टेचर व व्हील चेयर कम पड़ जा रही है। जबकि, अधिकारी पर्याप्त संख्या में इनके होने का दावा करते हंै। इतना ही नहीं कई बार ओपीडी में लगा सेंट्रली एसी भी सही से काम नहीं करता है। जिससे मरीजों की दिक्कतें और बढ़ जाती है। गर्मी के सीजन में यह समस्या और विकराल हो जाती है।

ओपीडी में मरीजों का लोड अधिक रहता है। कोशिश रहती है कि कोई भी मरीज स्ट्रेचर या व्हील चेयर के लिए परेशान न हो। सभी मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाता है।

-डॉ। सुधीर सिंह, प्रवक्ता केजीएमयू