लखनऊ (ब्यूरो)। ई-बसों में महिलाओं का सफर अब और सुरक्षित होगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए शहर में संचालित 100 बसों में लगे पैनिक बटन को डायल 112 से लिंक कर दिया गया है। अब महिलाएं असुरक्षा की स्थिति में किसी भी वक्त अगर पैनिक बटन दबा देंगी तो फौरन अलर्ट नजदीकी थाना पुलिस को मिल जाएगा और वह जीपीएस के जरिए बस को ट्रेस कर वहां पहुंच जाएगी। दुबग्गा डिपो के एआरएम मनोज शर्मा ने बताया कि पैनिक बटन होने से कामकाजी महिलाएं, स्कूली छात्राओं का सफर सुरक्षित होगा। लखनऊ के 14 मार्गों पर 100 ई-बसों से रोज 28 से 30 हजार दैनिक यात्री सफर कर रहे हैं।
पिंक बसों की पैनिक बटन शोपीस बनीं
परिवहन निगम की महिला पिंक बस में लगे 10-10 पैनिक बटन शोपीस बने हैं। बीते दो साल से उनका डायल 112 से लिंक टूट चुका है। इसे जुड़वाने के लिए निगम प्रशासन ने कोई कवायद नहीं की। निगम अफसरों की लापरवाही का आलम ये रहा कि अब महिला स्पेशल पिंक बसों में पुरुष भी सफर कर रहे हैं, जिन्हें कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है।
साधारण बस से ज्यादा सुरक्षित हैं ई-बसें
मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप करने वाली ज्योति रोजाना ई-बसों से सफर करती हैं। कई महिलाओं ने बताया कि साधारण बस से कहीं ज्यादा वे ई-बस में सुरक्षित महसूस करती हैं। एसी ई-बस का गेट बंद होने पर जबरदस्ती लोग चढ़ नहीं पाते हैं, इससे भीड़ ज्यादा नहीं बढ़ती है और सफर पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहता है।
महिला यात्रियों के लिए चार सीटें सुरक्षित
ई-बसों में महिलाओं और दिव्यांगों के लिए सीटें रिजर्व हैं। महिलाओं के लिए चार सीटें हैं तो दिव्यांगों के लिए दो सीटें आरक्षित हैं। सीटें खाली होने पर ही पुरुष बैठ सकते हैं। महिला या दिव्यांग यात्री के आने पर सीटें खाली करनी पड़ती हैं।
लखनऊ समेत प्रदेश के 14 शहरों में चलने वाली 700 ई-बसों में पैनिक बटन की सुविधा शुरू की जा रही है। पहले चरण में लखनऊ में संचालित ई-बसों को डायल 112 से लिंक कराया गया है।
-टीके विशेन, संयुक्त सचिव, नगरीय परिवहन निदेशालय