लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी समेत प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग नई कवायद करने जा रहा है। जहां आंध्र प्रदेश मॉडल के तहत ड्राइवर के ठीक सामने उनकी फैमिली फोटो लगाई जाएगी, ताकि फोटो देखकर उनको भावनात्मक रूप से संवेदनशील बनाया जा सके और वे सही से वाहन चलाएं। शुरुआत में यह कवायद निगम की बसों समेत सभी सार्वजनिक-व्यवसायिक वाहनों में की जाएगी। इसको लेकर परिवहन आयुक्त द्वारा एडवाइजरी जारी कर दी गई है।

आंध्र प्रदेश में मिल चुकी है सफलता

परिवहन विभाग के अनुसार, यूपी में 2022 में 22,595 और 2023 में 23,632 लोगों की सड़क हादसों के दौरान मृत्यु हुई थी यानि सड़क दुर्घटनाओं में 4.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। इसी को देखते हुए कमेटी ऑन रोड सेफ्टी का गठन कर नियमित रूप से समीक्षा की जाने लगी। जिसमें पाया गया कि सार्वजनिक मोटर वाहन यानि कैब, मैक्सी कैब व बस आदि के चालक लापरवाही से वाहन चलाते हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। इसीलिए प्रदेश में बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रमुख सचिव परिवहन की अध्यक्षता में मीटिंग की गई थी। जिसमें अपर पुलिस महानिदेशक, सड़क सुरक्षा एवं यातायात द्वारा बताया गया कि आंध्र प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ड्राइवर की सीट के आगे उनकी फैमिली फोटो लगाये जाने का काम किया गया। जिसके चलते ड्राइवरों द्वारा पहले के मुकाबले अधिक सावधानी बरतते हुए वाहन चलाया गया और सड़क हादसों में कमी लाने में सफलता भी मिली।

इसलिए की जा रही नई कवायद

परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि ड्राइवर सीट के आगे फैमिली फोटो लगाने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। इससे यह फायदा होगा कि ड्र्राइवर की नजर बार-बार अपनी फैमिली फोटो पर जाएगी। जिसके कारण वह रैश ड्राइविंग, गलत ओवरटेक और झपकी लेने से बच सकेंगे। क्योंकि इस दौरान उनके मन में आएगा कि अगर उनको कुछ हो गया तो उनके बाद उनकी फैमिली की देखभाल कौन करेगा।

जो चालक उसके परिवार की फोटो

परिवहन निगम के अधिकारियों के मुताबिक, प्रथम चरण के तहत यह कवायद परिवहन निगम की बसों तथा समस्त सार्वजनिक व व्यवसायिक वाहनों के चालकों के परिवार की फैमिली फोटो लगाई जायेगी। जो भी ड्राइवर गाड़ी चलायेगा उसके परिवार की फोटो लगानी होगी, ताकि वाहन चलाते समय चालक अपने परिवार से भावात्मक रूप से जुड़ा रहे और सावधानीपूर्वक वाहन चलाये।

इंसान होता है इमोशनली अटैच्ड

केजीएमयू के साइकियाट्री विभाग के डॉ। आर्दश त्रिपाठी के मुताबिक, हर कोई अपनी फैमिली से इमोशनली अटैच्ड होता है। ऐसे में वाहन चलाते समय उसकी फैमिली की फोटो सामने रहेगी तो उसे अपने परिवार का ख्याल भी आता रहेगा। क्योंकि वह अपने बच्चों, पत्नी व माता-पिता आदि से इमोशनली अटैच्ड होता है। परिवार का हंसता चेहरा देखकर उनमें ऑक्सीटोसिन रिलीज होंगे, जिससे उनका मूड फ्रेश रहेगा।

परिवार की फोटो सामने होगी तो ड्राइवर गलत ढंग से वाहन चलाने से बचेगा। उसे अपने परिवार का भी ख्याल रहेगा, जिससे वह सावधानीपूर्वक वाहन चलाएगा। इसी को देखते हुए यह नई कवायद की जा रही है।

-चंद्र भूषण सिंह, आयुक्त, परिवहन