लखनऊ (ब्यूरो)। जय देव जय देव, गणपति बप्पा मोरया, जय श्रीगणेश के जयघोष के बीच विघ्नहर्ता भक्तों के घरों से लेकर पंडालों तक में पूरे विधि-विधान के साथ मंगलवार को विराजमान हुए। इस दौरान ढोल-नगाड़ों की थाप के बीच गजानन की भक्ति से सराबोर हो भक्त नाचते-गाते और अबीर उड़ाते चले जा रहे थे। महाराष्ट्र की तर्ज पर इस बार राजधानी भी गणपति की आस्था के रंग में पूरी तरह रंग गई है। जिधर भी नजर घुमाइए गजानन आपको दर्शन देते दिख जाएंगे। भक्तों के चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी, जो गणपति के स्वागत को लेकर आतुर थे।
विघ्न हरने पधारे विघ्नहर्ता
राजधानी में गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर जगह-जगह लंबोदर विराजमान हुए। राजधानी की झूलेलाल वाटिका, चौक, प्रताप मार्केट, आईटी समेत करीब 150 से अधिक छोटे-बड़े पंडालों में गणपति विराजित हुए। झूलेलाल वाटिका में श्रीगणेश प्राकट्य कमेटी द्वारा मनौतियों के राजा भगवान श्री गणेश की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई। कमेटी के संरक्षक भारत भूषण ने बताया कि भक्त अपनी मनोकामनाएं लिखकर गणपति तक पहुंचा सकें इसके लिए एक लेटर बॉक्स भी यहां रखा गया है। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। भक्त सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक अपने आराध्य के दर्शन का लाभ हासिल कर सकेंगे।
विदा नहीं होंगे गणपति
वहीं, शुभ संस्कार समिति द्वारा आयोजित गणेश उत्सव का शुभारंभ बड़ा शिवाला रानी कटरा चौपटिया में हो चुका है। समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत पांडे ने बताया कि इसबार गणेशजी को विदा न करने का निर्णय लिया गया है। इसबार मेटल के गणपति लेकर आये हैं, जिनका 6 दिनों तक लगातार पूजन किया जाएगा। वहीं, 24 सितंबर को विसर्जन के स्थान पर गणेशजी को गोमती भ्रमण करा वापस आयोजन स्थल पर ले आएंगे।
पंडालों में विराजे गणपति
दूसरी ओर, श्रीगणेश उत्सव मंडल चौक के संयोजक उमेश पाटिल ने बताया कि गणेशजी की मूर्ति पूरे विधान के साथ स्थापित की गई है। रोजाना विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। वहीं, मवैया में गणपत पूजा समिति की ओर से गणेश उत्सव का आयोजन गणपत पार्क में शुरू किया गया। जहां राम मंदिर का बैकग्राउंड बनवाया गया है। वहीं, गुलाब वाटिका गणेश पूजा समिति द्वारा अलीगंज का राजा का आयोजन चंद्रशेखर पार्क में किया गया। जहां सिद्धि विनायक वाली प्रतिमा स्थापित की जाएगी। वहीं, दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
घरों में भी उत्सव का माहौल
दूसरी और गजानन के भक्तों द्वारा अपने-अपने घरों में पूरे विधि-विधान के साथ गणपति की मूर्ति स्थापित की गई। लोग सुबह से ही अपने घरों में पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ बप्पा का स्वागत करते नजर आए। हाथों में गणेशजी की मूर्ति और होंठों पर गणपति बप्पा मोरया की गूंज माहौल को भक्तिमय बना रही थी। आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया।