लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप अपने घर के परिसर या छत का यूज कॉमर्शियल रूप में कर रहे हैैं तो अब आपको आवासीय के मुकाबले चार गुना अधिक टैक्स देना पड़ेगा। नगर निगम की ओर से ऐसे मकानों का सर्वे शुरू करा दिया गया है, जिन्होंने छत या परिसर में मोबाइल टॉवर या जेनसेट लगा रखे हैैं। इसके साथ ही ऐसे घर भी चिन्हित किए जा रहे हैैं, जिनकी छतों पर कॉमर्शियल होर्डिंग्स लगी हुई हैैं। ऐसे घरों की फाइनल लिस्ट बन जाने के बाद बढ़ा हुआ टैक्स जारी किया जाएगा।
सभी आठ जोन में सर्वे
नगर निगम की ओर से सभी आठ जोन में कॉमर्शियल यूज करने वाले भवन स्वामियों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। सर्वे के दौरान अभी पूरा फोकस मोबाइल टॉवर्स पर किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि जिनके यहां मोबाइल टॉवर लगे हुए हैैं, वे मोबाइल कंपनियों से हुए अनुबंध के आधार पर मोटा किराया वसूलते हैैं। अभी तक करीब 600 से अधिक भवन स्वामी सामने आए हैैं, जिनके यहां मोबाइल टॉवर लगे हुए हैैं।
हर एरिया में आ रहे सामने
अभी तक जो सर्वे हुआ है, उससे यह साफ हुआ है कि कोई भी इलाका ऐसा नहीं है, जहां पर 20 से 30 फीसदी भवन स्वामियों की ओर से अपने मकान की छत का कॉमर्शियल यूज न किया जा रहा हो। यह पहले से ही नियम है कि अगर किसी भी भवन स्वामी की ओर से अपने मकान का कॉमर्शियल यूज किया जाता है तो आवासीय के मुकाबले चार गुना अधिक टैक्स लिया जाएगा। वर्तमान स्थिति यह है कि कॉमर्शियल यूज किए जाने के बाद भी भवन स्वामियों की ओर से आवासीय टैक्स ही दिया जा रहा है। जिसकी वजह से निगम को रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है।
इन पर भी नजर
मोबाइल टॉवर्स के साथ-साथ उन मकानों को भी अलग से चिन्हित किया जा रहा है, जिनकी छतों पर हैवी होर्डिंग्स लगी हैैं या जेनसेट लगे हुए हैैं। इनसे चार गुना तो नहीं लेकिन 500 से दो हजार तक का अतिरिक्त टैक्स लिया जाएगा। अभी तक नगर निगम की ओर से इस दिशा में फोकस किया ही नहीं गया है, जिसके कारण भवन स्वामी धड़ल्ले से अपने परिसर का कॉमर्शियल यूज कर रहे हैैं और इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है।
सर्वे रिपोर्ट एक नजर में
जोन मोबाइल टॉवर
1 101
2 55
3 93
4 86
5 51
6 77
7 115
8 46
कुल 624
इंदिरानगर में सबसे अधिक
अभी तक की जो सर्वे रिपोर्ट सामने आई है, उससे साफ हो गया है कि जोन सात के अंतर्गत सबसे अधिक मोबाइल टॉवर लगे हुए हैैं। जोन सात के अंतर्गत मुख्य रूप से इंदिरानगर, तकरोही, खुर्रमनगर इत्यादि एरिया आता है। जबकि दूसरे नंबर पर जोन एक है, जिसमें हजरतगंज, लालकुआं इत्यादि एरिया आता है।
अभी प्रॉपर रिकॉर्ड ही नहीं
ऐसा नहीं है कि नगर निगम को मोबाइल टॉवर के बाबत जानकारी नहीं थी लेकिन कभी इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं की गई। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी की पहल पर अब इस दिशा में भवन स्वामियों को चिन्हित करने का काम शुरू किया गया है। जब चार गुना अधिक टैक्स वसूला जाएगा तो साफ है कि निगम को रेवेन्यू संबंधी लाभ भी होगा। वैसे भी इस बार नगर निगम को पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले टैक्स वसूली का अधिक लक्ष्य दिया गया है।
खुद जानकारी नहीं देते
अगर कोई भवन स्वामी अपने मकान या किसी भी परिसर का कॉमर्शियल यूज कर रहा है तो उसे जोन कार्यालय में इस बाबत जानकारी देनी होती है लेकिन कोई भी भवन स्वामी ऐसा नहीं करता है। जिसकी वजह से ही अब इनके खिलाफ ठोस एक्शन लिए जाने की तैयारी शुरू हो गई है।
हमारी ओर से सभी जोन में सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के दौरान ऐसे घरों को चिन्हित किया जा रहा है, जिनके यहां मोबाइल टॉवर लगे हुए हैैं। ऐसे भवन स्वामियों से आवासीय के मुकाबले चार गुना अधिक टैक्स लिया जाएगा। उन्हें इस बाबत नोटिस जारी की जा रही है।
अंबी बिष्ट, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम