लखनऊ ब्यूरो: आखिरकार करीब ढाई साल के इंतजार के बाद बिजली समस्या से परेशान उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसकी वजह यह है कि इस माह ही मुआवजा कानून लागू होने जा रहा है। पावर कॉरपोरेशन की ओर से सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है। इसके साथ ही अगर किसी उपभोक्ता की ओर से बिजली से जुड़ी कोई भी कंपलेन की जाती है तो लाइनमैन से लेकर निदेशक तक के मोबाइल एप पर उसकी शिकायत ऑनलाइन होगी। जिससे उपभोक्ता की शिकायत के साथ कोई खेल नहीं किया जा सकेगा।
बिजली कंपनियों ने लगा दिया समय
फरवरी 2020 में स्टैंडर्ड आफ परफॉरमेंस रेगुलेशन 2019 मुआवजा कानून बना लेकिन पूरी व्यवस्था को लागू करने में बिजली कंपनियों ने खासा समय लगा दिया। अब बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग में लिखित में जवाब दाखिल कर दिया है कि इसी महीने अप्रैल 2022 में मुआवजा कानून को पूरे प्रदेश में गो लाइव कर दिया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ पावर कारपोरेशन ने विद्युत वितरण संहिता 2005 के प्रावधानों के अनुसार उपभोक्ता समस्याओं की हर मानक पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरी व्यवस्था ऑनलाइन सिस्टम पर आधारित तैयार करवा लिया है। इस बाबत भी कारपोरेशन ने आयोग को सूचित कर दिया है।
उपभोक्ता को फौरन मिलेगा फीडबैक
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के मुख्य अभियंता वाणिज्य एके श्रीवास्तव से जब बात की तो उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर तैयार कराने में वक्त जरूर लगा, लेकिन अब जो सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है, उसमें बिजली उपभोक्ताओं द्वारा जैसे ही कोई समस्या अपने मोबाइल से हमारे कंप्लेंट सेंटर पर दर्ज की जाएगी तुरंत उपभोक्ता की शिकायत लाइनमैन से लेकर अधिशासी अभियंता से होते हुए निदेशक स्तर तक के मोबाइल पर दिखने लगेगी और उसका फीडबैक उपभोक्ता को भी मैसेज के माध्यम से प्राप्त हो जाएगा। तय समय के अंदर अगर उपभोक्ता की किसी भी समस्या में बिजली कंपनियां देरी करेंगी तो स्वत: उपभोक्ता का पूरा मामला मुआवजा कानून के लिए उपयुक्त हो जाएगा।
अधिकतम 60 दिन में मिलेगा मुआवजा
- जैसे ही उपभोक्ता अपने मोबाइल या कंप्यूटर किसी भी माध्यम से ऑनलाइन मुआवजा की मांग करेगा, उसकी कार्रवाई शुरू हो जाएगी
- नियमानुसार बिजली कंपनियों को अधिकतम 60 दिन में उपभोक्ता को मुआवजा देना होगा
- मुआवजा प्राविधान को जब पूरी तरीके से ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा तो निश्चित ही उपभोक्ताओं के साथ चीटिंग नहीं हो पाएगी।
इस प्रकार रहेगी मुआवजा राशि
नियामक आयोग द्वारा बनाए गए कानून के तहत उपभोक्ता को मुआवजा देना होगा। इस बाबत तस्वीर बिल्कुल स्पष्ट की जा चुकी है। इस प्रकार रहेगी मुआवजा की राशि।
समस्या मुआवजा
मीटर रीडिंग 200 रु प्रतिदिन
स्लैब परिवर्तन 50 रु प्रतिदिन
अंडरग्राउंड केबिल ब्रेकडाउन 100 रु प्रतिदिन
कॉल सेंटर से रिस्पांस न मिलने पर 50 रु प्रतिदिन
नया कनेक्शन (आपूर्ति नेटवर्क विस्तार) 250 रु प्रतिदिन
बिलिंग में शिकायत 50 रु प्रतिदिन