लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में डॉग बाइट्स के केस लगातार बढ़ रहे हैैं। डॉग्स के हमले से लोग परेशान हैैं। जब कंपलेन के आधार पर नगर निगम की टीम डॉग्स को पकडऩे जाती है, तो डॉग्स भाग जाते हैैं, जिसकी वजह से संबंधित एरिया में डॉग्स का खौफ बरकरार रहता है। इस समस्या को दूर करने के लिए अब नगर निगम की ओर से बड़ा कदम उठाने की तैयारी है। जो योजना बनाई गई है, उससे साफ है कि अब खूंखार डॉग्स को पकडऩे के लिए डॉग ट्रैप का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसके माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाने वाले डॉग्स को आसानी से पकड़ा जा सकेगा और बाद में उनके बिहेवियर की स्टडी भी की जाएगी।

सृष्टि अपार्टमेंट में लगातार खौफ

कुर्सी रोड स्थित सृष्टि अपार्टमेंट में स्ट्रीट डॉग्स का खौफ लगातार बना हुआ है। अभी तक इस अपार्टमेंट में डॉग बाइट्स के कई केस सामने आ चुके हैैं। जिसकी वजह से अपार्टमेंट में रहने वाले लोग खासे परेशान हैैं। स्थानीय निवासी विवेक शर्मा व अन्य लोगों ने खूंखार डॉग्स को पकड़े जाने की मांग की थी। जिसके बाद गुरुवार को पशु कल्याण अधिकारी नगर निगम अपनी टीम के साथ अपार्टमेंट पहुंचे और उन बिंदुओं की स्टडी की, जिसकी वजह से अपार्टमेंट में स्ट्रीट डॉग्स हमला कर रहे हैैं। उन्होंने अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों से संवाद किया और उन्होंने कई सुझाव भी दिए, जिसमें मुख्य रूप से भोजन को खुले में न फेंकना और मेन गेट पर फाइबर शीट लगाना इत्यादि शामिल हैैं। प्रयास यही है कि स्ट्रीट डॉग्स पर शिकंजा कसा जा सके। इसके साथ ही उन्होंने अपार्टमेंट में डॉग ट्रैप भी लगाने संबंधी निर्णय लिया है।

अन्य जगह भी यही कदम

पशु कल्याण अधिकारी की माने तो वैसे तो पेट डॉग्स के द्वारा बाइट किए जाने के केस ज्यादा सामने आते हैैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सृष्टि अपार्टमेंट से ज्यादा कंपलेन आ रहीं थीं। यहां पर तो कदम उठाए ही जा रहे हैैं साथ ही अब अगर कहीं से भी खूंखार डॉग्स की ओर से बाइट्स के केस सामने आते हैैं, तो वहां भी डॉग ट्रैप लगाया जाएगा, ताकि उनको आसानी से पकड़ा जा सके। इसके बाद पकड़े गए डॉग की बिहेवियर स्टडी भी की जाएगी। जिससे यह पता चल जाएगा कि आखिर डॉग काट क्यों रहा है।

लाइसेंस बनवाना होगा महंगा

02 सौ रुपये है देसी डॉग का लाइसेंस शुल्क

01 हजार हो जाएगा शुल्क विदेशी ब्रीड डॉग का

01 अप्रैल से लागू हो जाएंगे लाइसेंस के नए रेट

सृष्टि अपार्टमेंट में डॉग ट्रैप लगाया जा रहा है। इसके साथ ही अगर कहीं अन्य जगह से भी डॉग बाइट के केस ज्यादा सामने आते हैैं, तो वहां भी खूंखार डॉग को पकडऩे के लिए डॉग ट्रैप को यूज में लाया जाएगा।

-डॉ। अभिनव वर्मा, एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, नगर निगम