लखनऊ (ब्यूरो)। 'हैलो सर, मैं कैसरबाग से बोल रहा हूं। चौराहे के पास कुछ युवकों ने एक युवक को मारकर अधमरा कर दिया है, जिससे वह लहुलूहान हो गया है। आप जल्दी आइये नहीं तो घायल को कुछ भी हो सकता है,' 112 कॉल सेंटर पर मिली इस कॉल के बाद मैसेज सबसे नजदीकी पीआरवी को पहुंचाया जाता है। पर घटनास्थल पर कुछ नहीं मिलता, लेकिन जब पुलिस डायल नंबर पर कॉल करती है तो नंबर स्विच ऑफ मिलता है। जाहिर है कि कोई तो है, जो लखनऊ पुलिस की 'फिरकी' ले रहा है। ऐसा सिर्फ एक बार नहीं हुआ है, बल्कि इस तरह की फेक कॉल्स के जरिए पुलिस को परेशान करने का सिलसिला लंबे वक्त से जारी है।

केस-1

जून 2023 को मड़ियांव थाना क्षेत्र से सूचना मिली कि दो लोगों में बीच रोड पर झगड़ा हो रहा है, लेकिन जब मौके पीआरवी पहुंची तो कोई नहीं मिला। आसपास के लोगों ने बताया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

केस-2

सितंबर 2023 को चौक थाना पुलिस को सूचना मिली कि घर में एक युवक सुसाइड करने जा रहा है। पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि यहां पर ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

सबसे नजदीकी पीआरवी के पहुुंचने की ड्यूटी

शहीदपथ अर्जुनगंज में डायल-112 का मुख्यालय है। यहां शहर में होने वाले क्राइम को लेकर हर महीने औसतन 30 हजार से अधिक कॉल आती हैं। इनमें हत्या, सुसाइड, मारपीट, कब्जा, ठगी, धमकी देना, हत्या का प्रयास, पत्थरबाजी, चोरी, डकैती, दुष्कर्म, छेड़छाड़ समेत अन्य कई घटनाओं की सूचनाएं शामिल रहती हैं। इन सूचनाओं को पीआरवी पुलिस को ट्रांसफर कर दिया जाता है। जिसके बाद घटनास्थल पर सबसे नजदीकी पीआरवी पुलिस की पहुंचने की ड्यूटी होती है, लेकिन पिछले कई केसों में पुलिस ने पाया कि लोग कंट्रोल रूम पर तो कॉल कर देते हैं, लेकिन कई बार मौके पर कोई नहीं मिलता है। जिससे पुलिस का टाइम वेस्ट होता है।

2200 से अधिक फेक कॉल

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वारदात को रोकने और घटनास्थल पर पहुंचने के लिए शहर के अलग-अलग एरियाज में पीआरवी तैनात की गई है। इनको वैसे तो 15 मिनट में पहुंचना होता है, लेकिन पिछले कई महीनों में ये महज साढ़े आठ मिनट पर मौके पर पहुंच रही है, ताकि पुलिस का रिस्पांस टाइम बेहतर हो और बदमाशों में खौफ पैदा हो। डायल-112 प्रभारी ने बताया कि पिछले एक महीने में तकरीबन 2200 से अधिक कॉल ऐसी आई हैं, जिनमें मौके पर कोई नहीं मिला और मिला भी तो सूचना गलत साबित हुई।

साढ़े 8 मिनट का रिस्पांस टाइम

अधिकारियों ने बताया कि आगामी त्योहार को देखते हुए पुलिस की सिरदर्दी बढ़ने वाली है, क्योंकि इन दिनों कंट्रोल रूम पर आने वाली सूचनाएं और अधिक हो जाएंगी। पीआरवी पुलिस पूरी तरह से अलर्ट तो है, लेकिन कई फेक कॉल से पुलिस का समय बर्बाद होता है। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी कॉल पर 15 मिनट में मौके पर पहुंचना होता है, लेकिन पिछले दिनों आई रिपोर्ट में पीआरवी पुलिस का रिस्पांस साढ़े आठ मिनट तक रहा है। डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि पीआरवी पुलिस जगह-जगह अलर्ट रहती है और किसी भी सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचने की कोशिश रहती है।

फेक कॉल पर होगा एक्शन

आगामी त्योहारों को देखते हुए पुलिस अलर्ट है, लेकिन अगर आप भी फेक कॉल कर रहे हैं तो अलर्ट हो जाए, क्योंकि इससे पुलिस परेशान तो होती है, साथ ही उनका समय भी बर्बाद होता है। ऐसे में अगर इस तरह की कोई हरकत कर रहे हैं तो ऐसा बिलकुल न करें। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कई बार पुलिस के पास फेक कॉल आती है। ऐसे में पुलिस अब इन फेक कॉल करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।