3 अगस्त को है रक्षाबंधन का पर्व
30 फीसद तक बढ़ गए हैं दाम
हर साल होता है कारोबार
राखियों के दाम एक नजर में
चांदी की राखियां- 150 रुपए से दो हजार रुपए तक
सोने की राखियां- पांच हजार रुपए से 35 हजार रुपए तक
हीरे की राखियां- एक लाख से तीन लाख रुपए तक
- सोने-चांदी के साथ बाजार में आई हीरे की भी राखियां
- सोने-चांदी की प्रतीकात्मक मिठाई भी की गई है तैयार
LUCKNOW: कहीं 'डूड' की लूट है तो कहीं 'ब्रो' की डिमांड। सोने से बनी राखियों में 'भाई' और 'दादा' भी खूब लुभा रही हैं। इस रक्षाबंधन पर सोने और चांदी के साथ हीरे की राखियां भी भाइयों की कलाई की शान बढ़ाएंगे। सोमवार से दुकानें खुलने के बाद ज्वेलर्स की दुकानों पर राखियों की सेल शुरू हो जाएगी। व्यापारियों के अनुसार इस बार हीरे की राखियां भी बाजार में मौजूद हैं, जिन्हें आर्डर पर तैयार किया जाता है। खास बात यह है कि इस बार सोने-चांदी से बनी प्रतीकात्मक मिठाइयां भी लोगों को खूब आकर्षित कर रही हैं।
30 फीसद तक बढ़े दाम
सराफा व्यापारियों के अनुसार सोने और चांदी से बनने वाली राखियां यहीं तैयार की जाती हैं। कोरोना के साथ ही इनके दामों में इजाफा हुआ है, जिससे बाजार में कस्टमर की भीड़ अभी नहीं है। सोने और चांदी के दामों में 30 फीसद तक इजाफा हो गया है। जिससे सेल प्रभावित हो सकती है। सराफा व्यापारियों को पूरी उम्मीद है कि सोमवार से सोने-चांदी की राखियों का बाजार रफ्तार पकड़ेगा।
पांच हजार से शुरुआत
बाजार में इस बार सोने की पांच हजार से लेकर 35 हजार तक की राखियां मौजूद हैं। इसमें डूड, ब्रो, भाई, दादा, कटक के काम वाली राखी के साथ ही फोटो फ्रेम वाली राखियां मौजूद हैं। इसी तरह से चांदी की राखियां 150 से लेकर 2000 रुपए तक में उपलब्ध हैं। वहीं हीरे की राखियां एक लाख से तीन लाख रुपए में आप ले सकते हैं।
दोबारा कर सकें यूज
सराफा व्यापारियों के अनुसार ब्रेसलेट वाली राखियों की अधिक डिमांड रहती है। इसका कारण यह है कि लोग रक्षाबंधन के बाद इसे अन्य घरेलू फंक्शन में भी पहनते हैं। इस बार सोने-चांदी की प्रतीकात्मक मिठाइयां भी तैयार की गई हैं, बहनें जिन्हें भाइयों को गिफ्ट करेंगी। सराफा व्यापारियों के अनुसार कोरोना संक्रमण को देखते हुए शोरूम आने वाले ग्राहकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
कोट
हर साल सोने-चांदी की राखियां खूब बिकती हैं। लोग पहले से इनकी बुकिंग करा लेते हैं। सोमवार से दुकानें खुलने के साथ सोने-चांदी की राखियों की डिमांड बढ़ जाएगी।
आदीश जैन, कोआर्डीनेटर
लखनऊ सराफा एसोसिएशन
इन दिन को यादगार बनाने के लिए लोग सोने-चांदी की राखियां लेते हैं। कोरोना के कारण अभी बाजार में भीड़ नहीं है। हमें सोमवार से बेहतर सेल होने की पूरी उम्मीद है।
अजय अग्रवाल, सराफा व्यापारी
महानगर