लखनऊ (ब्यूरो)। सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से पंतनगर, रहीमनगर, इंद्रप्रस्थनगर में रहने वाले सैकड़ों परिवारों को मंगलवार को बड़ी राहत दी गई। सीएम की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि अब इन इलाकों में एक भी मकान नहीं तोड़ा जाएगा। इस आदेश के आते ही प्रभावित परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने मिठाई खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया।

एक महीने बाद मिली राहत

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते एक माह से अपने सपनों के घर को तोड़े जाने की भ्रामक खबरों से परेशान पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर एवं रहीमनगर आदि क्षेत्रों के लोगों की समस्या का समाधान कर दिया। मंगलवार को सीएम आवास पहुंचे प्रभावित परिवारों के भय और भ्रम का समाधान करते हुए सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थनगर, वहां निवासरत लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। संबंधित प्रकरण में एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। फ्लड प्लेन जोन में निजी भूमि भी सम्मिलित है, लेकिन निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और न ही कोई प्रस्ताव। निजी भूमियों में बने निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है।

निशान लगाने वालों की जवाबदेही

सीएम ने कहा कि फ्लड प्लेन जोन चिन्हीकरण के दौरान भवन निर्माणों पर लगाये गये संकेतों से आम जन में भय और भ्रम फैला है, इसका कोई औचित्य नहीं था और इसके लिए जवाबदेही तय की जाए। मुख्यमंत्री ने उक्त क्षेत्र में साफ-सफाई व जनसुविधाओं के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तत्काल क्षेत्र में विजिट करें, लोगों से मिलें और उनका भय और भ्रम दूर किया जाए। प्रभावित परिवारों से वार्ता करते हुए सीएम ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में यदि कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है, जिसका प्रमाणित स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति का है, उसे नियमानुसार समुचित मुआवजा देकर ही अधिग्रहीत किया जाएगा।

यह था मामला

दरअसल, कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त एवं पुर्नजीवित करने के संबंध में सिंचाई विभाग द्वारा विगत दिनों एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की अधिसूचना-2016 के क्रम में उक्त कार्यवाही की जा रही है। कुकरैल नदी के दो प्लेन चिन्हित किये गये हैं। पहला नदी तल और दूसरा फ्लड प्लेन जोन-रिवर बेड लगभग 35 मीटर चौड़ाई में तथा फ्लड प्लेन जोन नदी किनारे से 50 मीटर तक सिंचाई विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है। कतिपय व्यक्तियों द्वारा फ्लड प्लेन जोन के चिन्हांकन के संबंध में कई मिथ्या तथ्यों को प्रचारित किया जा रहा था, जिसे लेकर स्थानीय जनता में भय और भ्रम का माहौल था।