लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी में यूजी से लेकर डिप्लोमा कोर्सेस और पीएचडी की आवेदन प्रक्रिया चल रही है। 31 मई तक स्टूडेंट्स दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया सेंट्रलाइज्ड है, लेकिन एलयू के साथ कितने कॉलेज इस व्यवस्था में शामिल हैं और कितनी सीटों पर आवेदन प्रक्रिया चल रही है, इसकी जानकारी स्टूडेंट्स को नहीं है। बीते साल से शुरू हुई सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था में कई कॉलेज इस साल इंडीविजुअल आवेदन प्रक्रिया अपना रहे हैं, जो पिछले साल इस व्यवस्था का हिस्सा थे। ऐसे में एलयू में अगर स्टूडेंट्स का दाखिला नहीं होता है तो वे कहां दाखिला ले सकेंगे, इसको लेकर कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। कॉलेजों और सीटों की जानकारी का न वेबसाइट और न ब्रोशर में कोई जिक्र है।

कैसे पता होगा कि कहां-कहां हैं मौके

स्टूडेंट राहुल राजपूत का कहना है कि एलयू में यूजी में दाखिले के लिए आवेदन कर रहा था। बीकॉम रेगुलर कोर्स में दाखिला लेना चाहता हूं। मैंने एलयू की वेबसाइट पर कॉलेजेस की सूची देखनी चाही कि कहां-कहां बीकॉम रेगुलर की सीटें हैं, लेकिन वेबसाइट पर कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई। अगर एलयू में दाखिला नहीं मिल पाएगा तो कहां एडमिशन मिलेगा, हम लोगों को कुछ जानकारी ही नहीं है।

फायदा न मिलने पर हटे कई कॉलेज

एलयू की सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के तहत बीते साल 100 कॉलेजों ने दाखिला प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। इसमें लखनऊ के बड़े कॉलेज भी शामिल थे। इस साल कई कॉलेज इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं। महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज की प्राचार्य निशा गुप्ता का कहना है कि पिछले साल हम लोग एलयू के सेंट्रलाइज्ड एडमिशन प्रॉसेस से जुड़े थे, लेकिन हमें कोई खास फायदा नहीं मिला। ऐसे में इस साल हम इस प्रॉसेस का हिस्सा नहीं है। महिला की तरह कई कॉलेजों ने इंडीविजुअल आवेदन प्रक्रिया अपनाई है।

पारदर्शिता लाए एलयू

छात्रनेता प्रिंस प्रकाश का कहना है कि एलयू की कई प्रक्रियाओं में पारदर्शिता नहीं है। आवेदन फीस रिफंडेबल नहीं है, काउंसलिंग फीस रिफंडेबल है। पर बीते साल के स्टूडेंट्स को फीस वापस नहीं की गई थी। इसी तरह एंट्रेंस एग्जाम में जो टेस्ट बुकलेट मिलती है वह भी वापस ले ली जाती है। स्टूडेंट्स को दाखिले से पहले प्रक्रिया में कितने कॉलेज भाग ले रहे हैं, इसकी जानकारी भी देनी चाहिए ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।