लखनऊ (ब्यूरो)। ओवरियन कैंसर की जांच के लिए पुरानी पद्धति के तहत बायोप्सी की जाती थी, पर अब जांच में एडवांसमेंट आ गया है। जहां आईएसपी टेस्ट से किस तरह का कैंसर है, के बारे में पता लगाया जा सकता है। वहीं, मालीकुलर जांच की मदद से कौन से म्यूटेशन हो गया है, का पता लगाया जा सकता है। जिससे किस तरह का ट्रीटमेंट देना है यह डिसाइड किया जा सकता है। ये सभी टेस्ट केजीएमयू में हो रहे हैं। यह जानकारी केजीएमयू में पैथालॉजी विभाग के एचओडी प्रो। उमा शंकर सिंह ने बुधवार को वल्र्ड ओवेरियन कैंसर डे के अवसर पर आयोजित सेमिनार के दौरान दी।

जागरूकता की कमी है

आयोजन की मुख्य वक्ता कोलकाता से आईं कंसल्टेंट पैथालाजिस्ट डॉ। दिव्या मेधा ने बताया कि ओवेरियन कैंसर के बारे में लोगों को समझना बेहद जरूरी है। समस्या होने पर किसी अच्छे गायनी के डॉक्टर को दिखाएं ताकि जरूरी जांच और अल्ट्रासाउंड से पता चल सके कि ट्यूमर है कि नहीं, ताकि समय रहते ट्यूमर निकाल सकें। साथ ही, कीमोथेरेपी देनी है कि नहीं यह तय किया जा सके। इस कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी है, क्योंकि इसके लक्षण दिखाई नहीं देते है। पेट में भारीपन, गैस बनना, पेट का फूलना आदि की समस्या लंबे समय से हो तो मेडिसिन डॉक्टर की जगह गायनी के पास जाएं। कार्यक्रम के दौरान 5-6 कैंसर सर्वाइवर भी आये थे। जिनको सम्मानित किया गया। इस दौरान जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया। जिसको चीफ गेस्ट बेबी रानी मौर्य, मंत्री महिला कल्याण, बाल विकास एवं पोषण विभाग द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

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कोरोना के एक्टिव केस घटकर 126 हुए

राजधानी में कोरोना का आंकड़ा लगातार कम बना हुआ है। बुधवार को राजधानी में 5 लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जो जनपद के आलमबाग में 1, अलीगंज में 1, इंदिरानगर में 1, रेडक्रास में 1 और सरोजनीनगर में 1 के है। जबकि, 65 व्यक्ति कोविड संक्रमण से स्वस्थ हुए। जनपद में कोविड एक्टिव केसों की संख्या घटकर 126 रह गई है।