लखनऊ (ब्यूरो)। पावर कारपोरेशन ने नए बिजली कनेक्शन के लिए उपभोक्ता सामग्रियों को सम्मिलित करके बनने वाली कॉस्ट डेटा बुक के संबंध में संशोधित प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। जिसके बाद नया घरेलू बिजली कनेक्शन लेना 25 से 30 प्रतिशत तक महंगा हो सकता है। उद्योगों से जुड़े नए बिजली कनेक्शन में भी 50 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। उपभोक्ता परिषद की ओर से अब इस मामले को इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की बैठक में रखने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

सिक्योरिटी राशि में सौ प्रतिशत वृद्धि

नये बिजली कनेक्शन संबंधी कॉस्ट डाटा बुक, जिसमें सभी उपभोक्ता सामग्रियों की दरें जैसे मीटर की कॉस्ट, खंभे, ट्रांसफार्मर की कॉस्ट, सिक्योरिटी राशि, प्रोसेसिंग फीस इत्यादि शुल्क का निर्धारण किया जाता है। इसको लेकर प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से पावर कारपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग में संशोधित प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। जिसमें उपभोक्ता सामग्री की दरों में बढ़ोत्तरी एवं उद्योगों तथा बड़े उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी राशि में 100 प्रतिशत से ज्यादा तक कि वृद्धि प्रस्तावित कर दी है। इससे पहले कॉस्ट डाटा बुक 2019 में जारी की गई थी। वैसे कॉस्ट डाटा बुक दो से तीन साल के लिए बनाई जाती है, लेकिन पावर कॉरपोरेशन द्वारा इसे समय से न दाखिल करने की वजह से इसमें विलंब हुआ।

प्रत्येक वर्ष सात प्रतिशत की बढ़ोत्तरी

इस बार पावर कारपोरेशन ने बड़ी चालाकी से विलंब पर कोई बात ना करते हुए लिख दिया कि अगले दो वर्ष बाद यदि कॉस्ट डाटा बुक समय से न बन पाए तो प्रत्येक वर्ष उसमें सात प्रतिशत बढ़ोत्तरी मान ली जाए, जो पूरी तरह गलत है। जब विद्युत नियामक आयोग की इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक नई कॉस्ट डाटा बुक के संबंध में होगी तो उसमें प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की तरफ से उपभोक्ता परिषद सदस्य के रूप में भाग लेकर विधिक तथ्य रखेगा और बढ़ोत्तरी को लागू नहीं होने देगा। वहीं, कॉस्ट डाटा बुक में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें नहीं दी गई हैं, जबकि टेंडर खुलने के बाद ज्यादातर कंपनियों में ऑर्डर भी जारी कर दिया गया और दो दिन पहले प्रस्तावित कॉस्ट डाटा बुक में दरों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।

दरों में खासा असंतुलन

उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि संशोधित कॉस्ट डाटा बुक में जिस प्रकार से उपभोक्ता सामग्रियों की दरों में असंतुलन दिख रहा है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि पावर कारपोरेशन में कॉस्ट डाटा बुक को मनमाने तरीके से जल्दबाजी में प्रस्तावित कर दिया है। जिससे आने वाले समय में छोटे-बड़े आम बिजली उपभोक्ता की नए बिजली कनेक्शन की दरों में व्यापक बढ़ोत्तरी होगी। जहां उद्योगों के नए संयोजन की दरें 50 प्रतिशत से ऊपर बढ़ जाएंगी वहीं छोटे बिजली उपभोक्ताओं के नए कनेक्शन की दरों में भी 25 से 30 प्रतिशत तक इजाफा होगा। पावर कारपोरेशन ने कॉस्ट डाटा बुक की उपभोक्ता सामग्री की दरों में जीएसटी को शामिल करके दरें बनाई लेकिन आयोग को जब संशोधित प्रस्ताव सौंपा तो उसमें लिख दिया कि उपभोक्ता सामग्री की दरों में जीएसटी सम्मिलित नहीं है।

बढ़ोत्तरी प्रस्ताव एक नजर में

उपभोक्ता सामग्रियां वर्तमान दर (रु.) प्रस्तावित दर (रु.) बढ़ोत्तरी

25 केवीए ट्रांसफार्मर 56780 74198 30 प्रतिशत

सिंगल फेज मीटर 872 1124 29 प्रतिशत

3 फेज मीटर 2921 3214 10 प्रतिशत

पीसीसी पोल 2721 2862 5 प्रतिशत

नए संयोजन में सिक्योरिटी में सबसे ज्यादा जिन विद्युत उपभोक्ताओं की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है वह निम्नानुसार है

श्रेणी वर्तमान दर (रु.) प्रस्तावित दर (रु.) बढ़ोत्तरी

स्मॉल एंड मीडियम पावर 1350 प्रति किलोवाट 3000 प्रति किलोवाट 122 प्रतिशत

नॉन इंडस्ट्रियल लोड 4500 प्रति केवीए 6000 प्रति किलोवॉट 33 प्रतिशत

लार्ज एंड हेवी 2200 प्रति किलोवाट 5000 प्रति किलोवाट 127 प्रतिशत

चार्जिंग सबस्टेशन 400 प्रति किलोवाट 3000 प्रति किलोवाट 650 प्रतिशत