लखनऊ (ब्यूरो)। ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में पहले मास्टेक्टॉमी ही इलाज का एकमात्र रास्ता माना जाता था। पर अब एक्सट्रीम ऑन्कोप्लास्टी एक नई तकनीक आई है। जहां बड़ा ट्यूमर हटाने के बाद स्तन के आसपास के टिश्यू का उपयोग स्तन को दोबारा आकार देने के लिए किया जाता है। जिससे स्तन का आकार बिगड़ता नहीं है। यह जानकारी केजीएमयू ब्रेस्ट कैंसर अपडेट-23 के आखिरी दिन शनिवार को एक्सपर्ट द्वारा दी गई।
तीन तरीके से किया जा सकता है ठीक
आर्गेनाइजिंग चेयरमैन प्रो। आनंद मिश्रा ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के चलते अगर इंफेक्शन पूरी स्किन में फैल जाता या फिर कोई अल्सर या घाव हो जाता है तो पूरी छाती निकाल लेते हैं। जिससे काफी आसामन्य स्थिति हो जाती है। पर अब कई तकनीक आ गई हैं, जिनसे इसे दूर किया जा सकता है। जिसमें पहला तरीका इंप्लांट लगाना है। इसमें सिलिकॉन लगाया जाता है, लेकिन इसे सही से लगाने का तरीका आना चाहिए। क्योंकि कई बार इंफेक्शन आदि का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी तकनीक, बॉडी के ऊतक से रिकंस्ट्रक्शन किया जा सकता है। इसके लिए पेट और नाभी के चारों ओर के पैच या पीठ की मसल्स से प्लैप को लेकर बनाया जा सकता है। वहीं, तीसरी तकनीक के तहत अगर बी कप साइज या उससे बढ़े तो दोनों मैथड का यूज कर सकते हैं।
जेनेटिक मामले होते हैं
प्रो। आनंद ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर में से लगभग 5-10 फीसदी मामले अनुवांशिक होते हैं, पर इसमें से केवल एक चौथाई मरीजों में जेनेटिक म्यूटेशन का पता लग पाता है। ऐसे में इस तरह के मरीजों की और गहन शोध की जरूरत है। वहीं, डॉ। कुल रंजन सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में आयोजित कार्यशाला सबसे अच्छी थी, जिससे सभी को काफी कुछ सीखने को मिला है। वहीं, पीजी पोस्टर काम्प्टीशन में डॉ। शुभोजीत और डॉ। रचना ने सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल किया।