स्मार्ट सिटी, अमृत और प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों को दिया करारा जवाब
- महिला लाभार्थियों से सीधे की बात, खुद को गरीबों का भागीदार बता भावुक हुए पीएम
46 हजार लोगों ने हालात बेहतर होने पर वापस किए मकान
40 लाख सीनियर सिटीजंस ने नहीं ली रेलवे टिकट में सब्सिडी
मैं भागीदार हूं उस मां की पीड़ा का जो चूल्हे में अपनी आंखें खराब कर लेती है। मैं उस किसान के दुख का भागीदार हूं जिसकी फसल खराब हो जाती है। उस फौजी का जो सियाचिन की गलाने वाली ठंड और जैसलमेर की भीषण गर्मी में देश की रक्षा में डटा है। मैं तो गरीब का बेटा हूं, गरीब ने मुझे ईमानदारी और इच्जत से जीना सिखाया।
--नरेंद्र मोदी, पीएम
ashok.mishra@inext.co.in
LUCKNOW : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं के तीन वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने लखनऊ आए थे, पर कार्यक्रम शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें एक ऐसी सूचना दी जिससे उनका चेहरा खिल उठा। पीएम ने संबोधन में गर्व के साथ इसका जिक्र भी किया कि यूपी में 40 हजार ऐसे लोग जिन्होंने शहरों में अपना ठिकाना बना लिया या अपने बच्चों के पास रहने चले गये, उन्होंने अपने घर सरकार को वापस कर दिए हैं। उनसे सरकार ने कहा था कि अगर स्थिति बदली हो तो अपना मकान छोड़ें। यही नहीं, बिना किसी शोरगुल के रेलवे के टिकट पर सीनियर सिटीजन को केवल सब्सिडी छोड़ने का विकल्प दिया गया तो 40 लाख लोगों ने अपनी सब्सिडी छोड़ दी। बोले कि अगर सरकार ईमानदार हो तो जनता पैसा देने में पीछे नहीं रहती। बिना नाम लिए पीएम ने विरोधियों को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि जनता को बस भरोसा हो कि उसकी कमाई की पाई-पाई नेताओं के बंगले सजाने में नहीं, देश की भलाई में खर्च होगी।
इस मकान की मालकिन कौन है
पीएम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के 35 लाभार्थियों से मिलकर बातचीत भी की। साथ ही कार्यक्रम के दौरान यूपी के कई शहरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी लाभार्थियों ने अपने दिल की बात पीएम को बताई। इसके बाद पीएम ने कहा कि पीएमएवाई योजना दरअसल महिलाओं के सशक्तिकरण की पहचान बन चुकी है। अब तक 87 लाख महिलाओं के नाम मकानों की रजिस्ट्री हो चुकी है। पहले घर में महिलाओं के नाम पर कुछ भी नहीं होता था। लोग पूछते थे कि इस घर का मालिक कौन है, अब पूछेंगे कि इसकी मालकिन कौन है। समाज की सोच में जल्द ही यह बदलाव आने वाला है। आज बहन-बेटियों के हाथ में घर की चाभी देने के दौरान उनके चेहरे की चमक देखने वाली थी। उ“वल भविष्य की कामना आंखों में थी। यह अभिभूत करता है। जीवन में ये संतोष देने वाला अनुभव है। वहीं कार्यक्रम में सम्मानित हुए लोगों पर कहा कि शायद किसी ने ध्यान नहीं दिया पर सम्मान पाने वालों में केवल दो पुरुष मेयर थे, बाकी महिलाएं थी।
लखनऊ से नजदीकी रिश्ता
पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत योजना का लखनऊ से नजदीकी रिश्ता है। दरअसल इसकी शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने की थी। आजकल उनकी तबियत ठीक नहीं है पर उन्होने जो बीड़ा उठाया था, हम उसे बुलंदियों पर ले जा रहे हैं। अनेक शहरों में दशकों पुरानी व्यवस्था को सुधारा जा रहा है। योजना वही है पर स्पीड, स्केल और क्वालिटी पर ज्यादा जोर है। आजादी की 75वंी वर्षगांठ पर देश में कोई ऐसा परिवार नहीं बचेगा जिसके पास खुद का पक्का घर न हो। उन्हें केवल घर ही नहीं, बिजली, पानी, गैस का पूरा पैकेज दिया जा रहा है। पहले के मुकाबले मकानों का एरिया भी बढ़ाया गया है।
कई शहरों में बनाएंगे
मोदी ने कहा कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम की मदद से शहरों के हालात बदले है। हमारा उद्देश्य निम्न और मध्यम वर्ग को बेहतर सुविधाएं देना है। देश के 11 शहरों में कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम ने काम करना शुरू कर दिया है जबकि 50 में इसे बनाने का काम जारी है। राजकोट में इसकी मदद से क्राइम कम हुआ तो भोपाल में ज्यादा प्रापर्टी टैक्स जमा होने लगा। अहमदाबाद में बसों में यात्रा करने वालों की तादाद बढ़ी है। पुणे में 125 जगहों पर इमरजेंसी कॉल बेल लगाई जा चुकी है। जल्द ही स्मार्ट सिटी मिशन के तहत यूपी के दस शहरों में इसकी स्थापना की जानी है।
मैं सम्मानित करने के इंतजार में
पीएम ने स्मार्ट सिटी मिशन समेत तीनों योजनाओं की रैंकिंग पर कहा कि मुझे विश्वास है कि अगली बार नए लोग आएंगे। आप लीडरशिप दीजिए, इतना अच्छा काम करिए कि मैं आपको सम्मानित कर सकूं। कहा कि भारत की वर्तमान में 2.7 ट्रिलियन डॉलर को इकॉनमी है और 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी हो जाएगी। इस वजह से शहरों को आधुनिक बनाना जरूरी है। 1947 में हमारी जनसंख्या में 350 मिलियन थी, 2030 में 600 मिलियन लोग केवल शहरों में रहेंगे। ये दुनिया का सबसे बड़ा प्लांड शहरीकरण है।
पिछली सरकारों के अनुभव खराब
पीएम ने कहा कि मुझे पिछली सरकार का अनुभव है। कैसे बार- बार चिट्ठियां लिखनी पड़ती थीं। आग्रह करना पड़ता था। वो लोग ही ऐसे थे, उनका काम भी ऐसा ही था। वन पॉइंट प्रोग्राम था, अपने बंगले को सजाना-संवारना। वहीं कांग्रेस समेत विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि मेरे ऊपर भागीदार होने का इल्जाम लगाया गया है। मैं इसे इल्जाम नहीं, ईनाम मानता हूं। मैं भागीदार हूं उस मां की पीड़ा का जो चूल्हे में अपनी आंखें खराब कर लेती है। मैं उस किसान के दुख का भागीदार हूं जिसकी फसल खराब हो जाती है। उस फौजी का जो सियाचिन की गलाने वाली ठंड और जैसलमेर की भीषण गर्मी में देश की रक्षा में डटा है। मैं तो गरीब का बेटा हूं, गरीब ने मुझे ईमानदारी और इच्जत से जीना सिखाया। इससे पहले मुझ पर यह भी इल्जाम लगाया गया था कि मैं चायवाला हूं, देश का पीएम कैसे बन सकता हूं। लेकिन ये फैसला वो नहीं देश की जनता लेगी। आजादी के बाद शहरों में बदलाव का सुनहरा मौका गंवा दिया गया। तब तो आबादी भी कम थी। बेतरतीब तरीके से शहरो का विस्तार हुआ। तब का उसूल था कि मेरा घर भर दो, अपना काम करते रहो। आज शहरों की दशा में उसकी बू आ रही है। इसी वजह से आज सबको भुगतना पड़ रहा है। बोले कि पहले नेताओं को वोट लेते समय ही जनता याद आती थी। मैंने 15 अगस्त को लाल किले से कहा था कि कमाते हो तो क्यों लेते हो सब्सिडी। दरअसल सब्सिडी राजनीति से ऐसी जुड़ी है कि कोई इस पर बात नहीं करना चाहता था। मेरी अपील पर देश के सवा करोड़ ने सब्सिडी छोड़ी।
देश का युवा ऐसा जीवन चाहता है
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महिला लाभार्थियों ने कही दिल की बात
भारती, झांसी- मुझे मोबाइल में पैसे मिल गए हैं। बारिश में काफी दिक्कत होती थी। अब पक्का मकान बनेगा।
राधिका गुप्ता, गोरखपुर- आज मेरे घर का गृह प्रवेश हो रहा है। पति ठेले पर सब्जी लगाते हैं। पीएम मोदी और सीएम योगी महराज की कृपा से अपना घर हो गया।
वाराणसी- पीएम की वजह से आज सपना साकार हो गया है। घर बनकर तैयार हो गया है। मैं सिलाई का काम करती हूं और अब नये घर से अच्छे से काम कर सकूंगी।
आगरा- कच्चे घर में पानी भर जाता था। बच्चे भीग जाते थे। अब घर के साथ गैस,
शौचालय, बिजली और बीमा हो गया है। मेरी दुआ है कि हर बार यही सरकार आए।
रंजना, लखनऊ- मैं अपने भाई भाभी के साथ रह रही थी। अब मुझे आवास मिल गया है। मैं कढ़ाई का काम करती हूं और कच्चे मकान में कपड़े खराब हो जाते थे। अब नये घर में चार औरतें भी काम करती हैं।
इन बैंकों को किया पुरस्कृत
ईडब्ल्यूएस एंड एलआईजी- एचडीएफसी बैंक
एमआईजी- एसबीआई
फैक्ट फाइल
- पीएम ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री आवास योजना की पुस्तिका का विमोचन किया
- बांड लाने वाले तीन शहरों इंदौर, हैदराबाद और पुणे को ब्याज में सब्सिडी का चेक दिया
- स्मार्ट सिटीबेस में गुड गवनर्ेंस के लिए पुणे, इनावेटिव आइडिया के लिए अहमदाबाद, बेस्ट परफार्मिग सिटी के लिए सूरत को अवार्ड
- मोबाइल से 60426 लाभार्थियों को 604.85 करोड़ रुपये की मकान बनाने की पहली किस्त ट्रांसफर की
- तीनों परियोजनाओं के नए प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखी
- 3897 करोड़ की यूपी की 99 परियोजनाओं का शिलान्यास किया
स्ट्रीट लाइट से बचाए 115 करोड़ : योगी
वहीं कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने शहरों में स्ट्रीट लाइट बदलकर एलईडी लगाई जिससे करीब 115 करोड रुपये के बिजली के बिल की बचत हुई। कहा कि यूपी में 21 फीसद आबादी शहरों में रहती है। ये 31 फीसद के राष्ट्रीय औसत से कम है लेकिन सबसे ज्यादा शहरी निकाय यूपी में हैं। यहां पहले काफी अनियंत्रित विकास कार्य हुए। अब जो योजनाएं आईं हैं उनसे नियोजित विकास हो रहा है। जो लोग इन योजनाओं पर सवाल खड़ा करते हैं, वे 2015 में इसे लागू करने में असफल रहे। तब केवल 15 हजार मकान बने थे, पिछले 11 महीने में हमने 4.32 लाख मकान दिए। केवल 35 हजार शौचालय बने थे, हमने 5.5 लाख शौचालय बनवाये। जल्द ही गाजियाबाद और लखनऊ म्युनिसिपल बांड जारी करने जा रहे हैं। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लागू किया। प्लास्टिक कैरीबैग 15 जुलाई से बंद हो जाएंगे। दो अक्टूबर से डिस्पोजेबल प्लास्टिक को बंद कर दिया जाएगा।
लोगों की जिंदगी बदली : राजनाथ
पीएम मोदी के साथ आए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम लोग आज स्मार्ट सिटी, अमृत और पीएम आवास योजना की तीसरी वर्षगांठ मना रहे हैं। यह विकासपर्व है। 2022 तक नए भारत का निर्माण भी पूरा होगा। चार साल में जो विकास का करिश्मा हुआ है उसका सभी प्रशंसा कर रहे हैं। भारत की इकॉनमी विश्व के छठे नंबर पर पहुंच गई है। महिलाओं से पीएम मोदी अभी वह बात कर रहे थे। महिलाओं ने कहा कि जबसे आवास मिला जिंदगी बदल गई है। 2014 लोकसभा चुनाव के पहले, मोदी ने ही पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में स्मार्ट सिटी की बात रखी थी। अब यह स्वप्न साकार होकर रहेगा। पीएम प्रधानसेवक हैं। चाहे जितनी भी बड़ी चुनौती है, वो पूरी होगी क्योंकि सेवक दूरदृष्टा है। शहरी निकाय अपनी आप में समृद्ध हों। उनके लिए बाजार खोल दिया गया है, वो बाजार से चाहें तो पैसा उठा सकते हैं।