Lucknow: नमस्ते लंदन, कहने को यूपी के कई प्लेयर्स तैयार हैं इस बार। इन लोगों ने वहां जाने की तैयारी भी कर ली है। लंदन में होने वाले ओलम्पिक गेम्स में यूपी के खिलाडिय़ों ने विभिन्न खेलों में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है। लंदन जाने के लिए ये खिलाड़ी पिछले कई साल से प्रैक्टिस में जुटे हैं। लंदन का टिकट मिलने के साथ ही इन खिलाडिय़ों का सालों पुराना ख्वाब पूरा हो गया। सभी का मकसद बस यही है, किसी तरह से यूपी का नाम दुनिया में रोशन कर सकें।
बढ़ेगा खिलाडिय़ों का मनोबल
यूपी के इन खिलाडिय़ों में दानिश मुज्तबा, तुषार खांडेकर, सुधा सिंह, गरिमा चौधरी, अनुराज सिंह और नरसिंह यादव शामिल हैं। ओलम्पिक में हिस्सा लेने वाली इंडिया हॉकी टीम में यूपी के दो प्लेयर्स हैं। पिछली बार ओलम्पिक के लिए जहां इंडिया टीम क्वालीफाई नहीं कर सकी थी, वहीं इस बार ओलम्पिक में पहुंचने वाली इंडिया टीम में यूपी के दो प्लेयर्स शामिल होने से नवाबों की राजधानी में रहने वाले पूर्व ओलम्पियन भी खुश हैं।
पूर्व ओलम्पियन सै। अली ने बताया कि एक बार फिर ये बात साबित हो गई कि यूपी की हॉकी में अभी बहुत दम है। हमारे समय में भी यूपी के पांच-पांच खिलाड़ी इंडिया टीम में हुआ करते थे। पूर्व ओलम्पियन सुजीत कुमार ने बताया कि ओलम्पिक खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है। पिछले कुछ सालों से हॉकी में यूपी की तस्वीर अच्छी नहीं थी, लेकिन इन खिलाडिय़ों के वहां पहुंचने पर यहां के खिलाडिय़ों का भी मनोबल बढ़ेगा।
अनुशासन से मिला मुकाम
बाबू स्टेडियम के एथलेटिक्स गल्र्स हॉस्टल की कोच विमला सिंह ने बताया कि सुधा ने अपने कॅरियर की शुरुआत यहीं से की है। ओलम्पिक ही उसकी मंजिल थी। अपनी मेहनत और लगन के दम पर उसने यह कर दिखाया। जूडो में सेलेक्ट होने वाली मेरठ की गरिमा चौधरी के बारे में यूपी जूडो एसोसिएशन के कोच मुनव्वर अंजार ने बताया कि गरिमा के खेल को देख कर लगता था कि वह ओलम्पिक का सफर तय करेगी।
ओलम्पिक में हिस्सा लेने के लिए उसने प्रैक्टिस में कोई कसर नहीं छोड़ी। हार्ड डिसिप्लिन के चलते उसने यह मुकाम हासिल किया। नेशनल रायफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ ही यूपी स्टेट रायफल एसोसिएशन के लाइफ मेम्बर टीपी हवेलिया ने बताया कि शूटिंग में यूपी को पहचान दिलाने वाली अनुराज सिंह के ओलम्पिक में पहुंचने से यहां के खिलाडिय़ों को बढ़ावा मिलेगा।
दूर कर दीं सभी शिकायतें
सुधा के पिता हरिनारायण सिंह के अनुसार मेरी बेटी ने इस मुकाम को पाने के लिए बहुत मेहनत की है। जब हम अपने घरों में होली और दीवाली मना रहे थे तब वह इस मुकाम की तैयारी के लिए पसीना बहा रही थी। घर के ना जाने कितने फंक्शन हमें उसके बिना ही करने पड़े। लेकिन उससे दूर रहने के सभी शिकायतें आज दूर हो गई। सुधा ने वह मुकाम हासिल किया है जो एक खिलाड़ी का सपना होता है। मेरे क्षेत्र में लोग मुझे मेरे नाम से कम 'सुधा के पिताÓ के रूप में ज्यादा पहचानते हैं।
ओलम्पिक में यूपी के उस्ताद
दानिश मुज्तबा- हॉकी- इलाहाबाद
तुषार खांडेकर- हॉकी- झांसी
सुधा सिंह- एथलेटिक्स- रायबरेली
गरिमा चौधरी- जूडो- मेरठ
अनुराज सिंह-शूटिंग-अलीगढ़
नरसिंह यादव- रेसलिंग- वाराणसी
बेताबी से इंतजार है उस दिन का
पुणे में प्रैक्टिस कर रहे यूपी के प्लेयर दानिश मुज्तबा ने बताया कि उन्हें इस दिन का बेताबी से इंतजार किया। अब जाकर सपना साकार हुआ। दानिश ने बताया कि 2009 में उन्होंने सीनियर टीम में जगह बनाई थी। उसके बाद कई टूर्नामेंट खेले। लेकिन कॉमनवेल्थ, एशियाड और हाल ही में खत्म हुए अजलान शाह में खेलने के बाद आत्मविश्वास दोगुना हो गया है। ओलम्पिक क्वालीफाइंग खेलते समय खासा दबाव था। लेकिन अब कोई डर नहीं है। हम खुल कर खेल रहे हैं। उन्होंने बताया कि 28 जून से फ्रंास में दो टेस्ट मैच खेलने हैं और उसके बाद हम स्पेन में खेलेंगे। इससे हमारी ओलम्पिक की मजबूत तैयारी हो जाएगी।
भले ही मैंने हरियाणा स्टेट ज्वाइन कर ली है, लेकिन यूपी को कभी भूल नहीं सकती। आज तक मैंने हमेशा यूपी के लिए ही खेला है। ऐसे में यूपी तो मेरे रोम-रोम में बसा हुआ है।
गरिमा चौधरी
इंटरनेशनल जूडोका
Reported By: Sanjeev Pandey