लखनऊ (ब्यूरो)। खालसा पंथ का साजना दिवस बैसाखी पर्व पर बुधवार को नगर कीर्तन ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी नाका हिंडोला से निकला। इस नगर कीर्तन की अगुवाई परंपरागत वेशभूषा से सुसज्जित पांच प्यारे अपने हाथों में खुली कृपाण लेकर कर रहे थे। जिनके पीछे विशेष रूप से सजाई गई फूलों से सुसज्जित भव्य पालकी साहिब में सुशोभित गुरु ग्रंथ साहिब को ज्ञानी सुखदेव सिंह चांवर कर रहे थे। वहीं, पालकी साहिब के आगे मार्ग की सफाई करके गुरुग्रंथ साहिब की सवारी के लिये मार्ग पर पुष्प बिछा रहे थे।
गतका का जौहर देख आश्चर्यचकित हुए
नगर कीर्तन सुबह गुरुद्वारा साहिब से शुरू होकर नाका चौराहा, डीएवी कालेज, मोती नगर चौराहा, आर्या नगर होता हुआ वापस गुरुद्वारा साहिब पहुचा। इस नगर कीर्तन में गुरुनानक गल्र्स इंटर कालेज बांस मंडी, श्री गुरुनानक विद्यालय चंदर नगर की छात्राओं एवं 3 यूपी नवल युनिट कैडटों खालसा इंटर के छात्र मोजूद रहे। वहीं, नगर कीर्तन में शामिल होने के लिए कानपुर से विशेष तौर पर गतका जत्था, मार्शल आर्ट की टीम आई हुई थी। जिन्होंने पूरे मार्ग में परंपरागत युद्ध कौशल कला गतके के जौहर दिखाकर संगत को हर्षित किया और उनमें जोश भरा।
गुरु का प्रसाद वितरित किया
नगर कीर्तन में कई निष्काम जत्थों सिख यंग मेंस एसोसिऐशन, सिख सेवक जत्था, यूथ खालसा एसोसियेशन, दशमेश सेवा सोसाइटी, सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी, माता गुजरी सत्संग सभा ने नगर कीर्तन में शबद कीर्तन गायन किया। नगर कीर्तन के संपूर्ण मार्ग में श्रद्धालुओं द्वारा शीतल पेय, चाय, बिस्कुट, समोसे, पकौड़े, कढ़ी-चावल, छोले व पानी का स्टाल लगाकर प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मार्ग पर दर्शन के लिए खड़े रहे। महामंत्री हरमिंदर सिंह टीटू और सतपाल सिंह मीत ने उन्हें गुरु घर का सम्मान सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया।
गुरु अर्जन देव का प्रकाश पर्व मनाया गया
सिखों के पांचवे गुरु शहीदों के सरताज श्री गुरु अर्जन देव का प्रकाश पर्व बुधवार को ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी यहियागंज में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस दौरान विशेष दीवान का आयोजन भी किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंचे।
गुरु का प्रसाद वितरित हुआ
गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह ने बताया कि डॉ। गुरमीत सिंह के संयोजन में कार्यक्रम की शुरुआत रहिरास साहिब जी के पाठ से हुई। इसके बाद अमृतसर से आए भाई निर्भय सिंह एवं रुद्रपुर से आए भाई कुलवंत सिंह ने शबद कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। इसके बाद ज्ञानी परमजीत सिंह एवं ज्ञानी जगजीत सिंह जाचक ने श्री गुरु अर्जन देव के जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम समाप्ति पर मिष्ठान प्रसाद एवं गुरु का लंगर वितरित किया गया।