लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम के कागजों में दर्ज आंकड़ों की माने तो राजधानी के 450 घरों में प्रतिबंधित नस्ल के डॉग पाले जा रहे हैैं, लेकिन एक हकीकत यह भी है कि चोरी छिपे प्रतिबंधित ब्रीड के डॉग पालने वालों की संख्या हजारों में हो सकती है। ऐसे में, अब नगर निगम की ओर से जोनवार सर्वे शुरू कराया जा रहा है, जिसके माध्यम से प्रतिबंधित ब्रीड के डॉग्स को लेकर जो नियम आया है, उसका अनुपालन कराया जा सके।

सिर्फ 450 के पास लाइसेंस

नगर निगम के आंकड़ों में साफ है कि 450 घरों में प्रतिबंधित ब्रीड के डॉग्स पले हुए हैैं। इनके ओनर्स की ओर से लाइसेंस भी बनवाए गए हैैं, जिनकी वैद्यता 31 मार्च तक है। वहीं, यह भी स्पष्ट है कि पॉश एरिया से लेकर अन्य इलाकों में भी घरों में चोरी छिपे ढंग से प्रतिबंधित डॉग्स पाले जा रहे हैैं। इनकी संख्या हजारों में हो सकती है। चूंकि इनके ओनर्स की ओर से लाइसेंस नहीं बनवाया जाता, इस वजह से नगर निगम के पास कोई सटीक डेटा नहीं है।

डॉग लाइसेंस एक नजर में

3525 विदेशी बड़ी ब्रीड

2560 विदेशी छोटी ब्रीड

1760 देसी ब्रीड

प्रतिबंधित ब्रीड लाइसेंस

450 कुल लाइसेंस बने

257 रॉट विलर के

60 पिटबुल के

12 डोगो अर्जेनटीनो के

07 अमेरिकन बुलडॉग

सबसे ज्यादा रॉट विलर

लाइसेंस के आंकड़ों से साफ है कि घरों में सबसे ज्यादा रॉट विलर पाले जाते हैैं, जबकि लिस्ट में दूसरे नंबर पर रॉट विलर हैैं। इसके बाद प्रतिबंधित अन्य डॉग्स की बात की जाए तो किसी ब्रीड के 10 लाइसेंस बने हैैं तो किसी के 5 या 4.

इन नस्लों पर लगा है प्रतिबंध

पिटबुल

टेरियर

टोसा इनू

अमेरिकन टेरियर

साउथ रशियन

रॉट विलर

डोगो अर्जेनटीनो

अमेरिकन बुलडॉग

मैस्टिफ

जापानी टोसा

जापानी अकिता

केन कारसो

वैनदागो

अभियान के दौरान अभद्रता

कई बार देखने में आता है कि जब नगर निगम की ओर से डॉग चेकिंग अभियान चलाया जाता है तो कई डॉग ओनर की ओर से मिसबिहेव किया जाता है। चेकिंग टीम को घर के अंदर तक घुसने नहीं दिया जाता है। इस वजह से अब नगर निगम की ओर से पुलिस की मौजूदगी में चेकिंग अभियान चलाए जाने की तैयारी की जा रही है।

50 ब्रीडिंग सेंटर पर भी नजर

नगर निगम एरिया में 50 से अधिक ब्रीडिंग सेंटर संचालित हैैं। नगर निगम की ओर से इन सभी को नोटिस जारी कर स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे कि अब वे प्रतिबंधित डॉग्स की ब्रीडिंग नहीं करा सकेंगे। अगर कोई भी ब्रीडिंग सेंटर ऐसा करता मिलता है तो उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, चोरी छिपे ढंग से चल रहे ब्रीडिंग सेंटर्स को सामने लाने के लिए नगर निगम के एनिमल वेलफेयर डिपार्टमेंट की ओर से सभी आठ जोन में चेकिंग अभियान भी चलाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत एक अप्रैल से की जाएगी।

एक अप्रैल से सभी आठ जोन में प्रतिबंधित ब्रीड के डॉग्स को लेकर चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा। जिन्होंने प्रतिबंधित ब्रीड के डॉग्स के लाइसेंस बनवा लिए हैैं, अब उनका रिन्यूवल तभी किया जाएगा, जब डॉग ओनर की ओर से नसबंदी संबंधी सर्टिफिकेट जमा कराया जाएगा। ब्रीडिंग सेंटर्स पर भी शिकंजा कसा जाएगा।

डॉ। अभिनव वर्मा, एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, नगर निगम