लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में बिना लाइसेंस संचालित हो रहे पेट क्लीनिक और शॉप पर जल्द शिकंजा कसने जा रहा है। नगर निगम की ओर से सभी जोन में सर्वे कराकर ऐसे पेट क्लीनिक और शॉप की लिस्टिंग की जा रही है। अभी तक ऐसे करीब दो हजार के आसपास पेट क्लीनिक और शॉप की संख्या सामने आई है। लाइसेंस संबंधी नोटिफिकेशन जारी होते ही सभी से लाइसेंस शुल्क जमा कराया जाएगा।

सदन में हुआ निर्णय

हाल में ही आयोजित सदन में पेट क्लीनिक और पेट शॉप को भी लाइसेंस के दायरे में लाए जाने संबंधी निर्णय हुआ है। जिसके बाद ही निगम के पशु कल्याण विभाग की ओर से सर्वे शुरू करा दिया गया है। यह सर्वे सभी आठ जोन में चलाया जा रहा है। अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उससे साफ है कि किसी भी पेट क्लीनिक या पेट शॉप संचालक के पास लाइसेंस नहीं है। ऐसे में इन सभी को लाइसेंस के दायरे में लाया जाएगा।

फर्जी भी पकड़ में आएंगे

अभी राजधानी में जो पेट क्लीनिक संचालित हो रहे हैैं, उनमें सभी को अभी फर्जी नहीं कहा जा सकता। जब लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितने फर्जी तरीके से संचालित हो रहे हैैं। जिसके बाद उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकेगा। अभी लाइसेंस शुल्क को लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, इस वजह से अभी इन सभी को नोटिस जारी की जा रही है। नोटिस के माध्यम से उन्हें लाइसेंस संबंधी प्रक्रिया से अवगत कराया जा रहा है।

जागरूक किया जाएगा

नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पशु कल्याण विभाग की टीम की ओर से सभी पेट क्लीनिक व शॉप संचालकों को लाइसेंस बनवाने को लेकर जागरूक किया जाएगा। प्रयास यही होगा कि जल्द से जल्द सभी पेट क्लीनिक और शॉप लाइसेंस के दायरे में आ जाएं। अगर इसके बाद भी कोई लाइसेंस नहीं बनवाता है तो अगले कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही पेट डॉग लाइसेंस को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है।

नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सभी पेट क्लीनिक और शॉप को लाइसेंस के दायरे में लाया जाएगा। अभी इनकी संख्या करीब दो हजार के आसपास है। प्रयास यही है कि जल्द से जल्द सभी पेट क्लीनिक-शॉप लाइसेंस के दायरे में आ जाएं।

डॉ। अभिनव वर्मा, पशु कल्याण अधिकारी, नगर निगम