लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जीआईएस से मिली राहत, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम से मिल रही नोटिस का असर अब दिखने लगा है। पहले जहां ज्यादातर भवन स्वामी हाउस टैक्स जमा करने में बैकफुट पर नजर आते थे, वहीं अब वो खुद ही आगे आकर अपना हाउस टैक्स जमा कर रहे हैैं। इसकी वजह से नगर निगम के रेवेन्यू में बढ़ोत्तरी भी हो रही है। पिछले चार महीने में निगम के कोष में हाउस टैक्स के रूप में 216 करोड़ रुपये जमा हुए हैैं।

साढ़े छह लाख लोग दे रहे टैक्स

राजधानी में भवन स्वामियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। पहले जहां एक लाख से अधिक लोग टैक्स जमा नहीं करते थे, वहीं अब यह आंकड़ा 30 से 40 हजार तक में ही सिमट कर रह गया है। इनमें से भी कई ऐसे भवन स्वामी हैैं, जिनका टैक्स असेसमेंट नहीं हुआ है। नगर निगम के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो वर्तमान समय में साढ़े छह लाख से अधिक भवन स्वामी हाउस टैक्स जमा कर रहे हैैं, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

इस कवायद का दिखा असर

पहले ज्यादातर भवन स्वामी इस वजह से अपना हाउस टैक्स जमा नहीं करते थे क्योंकि जीआईएस सर्वे के दौरान उनका टैक्स तीन से चार गुना तक बढ़ गया था। इस समस्या को देखते हुए निगम प्रशासन की ओर से जीआईएस समाधान दिवस लगाया गया। हर शुक्रवार को निगम मुख्यालय में आयोजित होने वाले जीआईएस समाधान दिवस में भवन स्वामियों का हाउस टैक्स या तो आधा हो जा रहा है या तीन गुना कम। जब टैक्स सही हो जा रहा है तो भवन स्वामियों की ओर से तत्काल हाउस टैक्स जमा भी कराया जा रहा है।

15 हजार नए भवन स्वामी आए सामने

वहीं, नगर निगम की ओर से जोनवार सर्वे कराकर नए भवन स्वामियों को सामने लाने की कवायद भी की गई। अभी करीब 15 हजार नए भवन स्वामी सामने आए। जिन्हें हाउस टैक्स के दायरे में लाया जा चुका है और खास बात यह है कि उनकी ओर से टैक्स भी जमा करा दिया गया है। अभी नगर निगम की ओर से सर्वे कराया जा रहा है, ऐसे में साफ है कि जल्द ही और नए भवन स्वामी सामने आएंगे। जिन्हें भी टैक्स के दायरे में लाया जाएगा।

अब इनका सर्वे भी शुरू

नगर निगम की ओर से अब ऐसे प्रतिष्ठानों का भी सर्वे शुरू करा दिया गया है, जो निगम के रिकॉर्ड में तो आवासीय के रूप में दर्ज हैं, लेकिन उनका व्यावसायिक यूज किया जा रहा है। अभी तक दो दर्जन से अधिक ऐसे परिसर सामने आ चुके हैैं, जिनके टैक्स का स्वरूप चेंज किया जा रहा है।

एक लाख से अधिक नए मकान

जीआईएस सर्वे के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि राजधानी में एक लाख से अधिक नए मकान बने हैैं, लेकिन अभी तक इनमें से एक भी मकान टैक्स के दायरे में नहीं आया है। जिसके चलते नगर निगम की ओर से नए मकानों को सामने लाने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। जो मकान सामने आएंगे, उनका तत्काल टैक्स असेसमेंट करके टैक्स जमा कराया जाएगा।

टीम खुद जाएगी सर्वे करने

अगर कोई भवन स्वामी अपने टैक्स का असेसमेंट कराना चाहता है तो वह जोन कार्यालय में जाकर संपर्क कर सकता है। भवन स्वामी द्वारा किए जाने वाले आवेदन के आधार पर मौके पर टीम जाकर टैक्स निर्धारण करेगी।

जीआईएस समाधान दिवस का आयोजन किए जाने से भवन स्वामियों को बड़ी राहत मिली है। एक्चुअल टैक्स होने से भवन स्वामी उसे तुरंत जमा करा रहे हैैं। नए भवन स्वामियों को भी सामने लाने के लिए सर्वे कराया जा रहा है।

अंबी बिष्ट, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम