- साफ पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं इरादत नगर के लिए लोग
- क्षेत्र में हो रहे गंदे पानी की आपूर्ति से बीमार हो रहे है लोग
- चारो तरफ है गंदगी का साम्राज्य
LUCKNOW: बजबजाती नालियों में जमा कचड़ा, उससे उठती बदबू और मच्छर की वजह से लोगों का अपने घरों में ही रहना दुश्वार हो गया है। यहां पर पानी ऐसे पानी की सप्लाई हो रही है जो प्यास तो नहीं बुझा रहा, लेकिन बीमारियां बांट रहा है। सीवर लाइन यहां है नहीं। गलियां और रोड सभी जर्जर हो चुकी है। यह हाल है इरादत नगर इलाके का। यहां के हालात बदलने के लिए इस इलाके में रहने वालों ने नगर निगम से लेकर जल संस्थान के कई चक्कर लगाए। कई विभागों में फरियाद की और अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाए। लेकिन बेदर्द हुम्करानों को यहां की मासूम जनता का दर्द महसूस करने का वक्त नहीं मिला। नतीजा वक्त तो बदलता गया लेकिन यहां की तस्वीर नहीं बदली। अब तो स्थानीय निवासियों ने इस गंदगी के बीच रहना अपना मुकद्दर मान लिया है।
पहले फैल चुकी है महामारी
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यहां एक किमी की दूरी पर ही खदरा है। पिछले साल वहां पर कचड़ा और गंदगी के चलते महामारी फैली गई थी। हर घर में लोग बीमार हो गए थे। जब वहां की जनता उग्र हो गई तब जाकर प्रशासन ने आनन-फानन में उस क्षेत्र की सफाई कराई। महामारी के दौरान उस समय वहां पर कई बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी बीमार हो गए थे। यहां के लोगों को भी अब वहीं चिंता सता रही है कि कहीं एक साल पहले वाला हाल यहां ना हो जाए। जिस तरह से क्षेत्र में गंदगी बढ़ रही है, उसे देखकर यह लग रहा है कि यहां सफाई नहीं हुई तो महामारी यहां पर भी अपने पांव पसार सकती है। अभी भी क्षेत्र में कई घरों में लोग उल्टी-दस्त से जूझ रहे हैं। क्षेत्र में गहरी नालियां बनी है जो कि खुली पड़ी है। नालियां गहरी होने की वजह से इनमें खासा कचड़ा जमा है। इसका कारण है कि क्षेत्र में सफाई कर्मी ही रोड और गलियों को साफ करने के दौरान निकलने वाला कचड़ा इसमें भर देते हैं। ऐसे में नालियों का फ्लों खत्म हो चुका है। हाल यह है कि इन खुली नाले-नालियों से उठने वाली बदबू और मच्छर के चलते लोग परेशान हो चुके हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि ऐसा नहीं कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयास नहीं किए गए। लेकिन नगर निगम और जल संस्थान के लोग सुनते नहीं है। वहीं स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि सभासद के पास जाओ तो उनका कहना होता है हमें इस क्षेत्र से उन्हें वोट ही नहीं मिला है तो इधर की साफ-सफाई क्यों कराएं। कई अधिकारियों को लिख कर इस बात की रिक्वेस्ट की जा चुकी है कि कम से कम एक बार यहां आकर दौरा कर क्षेत्र की हालत तो देखे। इन गंदी पड़ी नालियों के बीच से होकर हमारे घरों के बच्चे स्कूल जाते हैं। कई स्कूल ऐसे हैं जिनके सामने गंदगी के ढेर जमा है। क्षेत्र में बने प्राथमिक विद्यालय में बच्चे जान हथली पर रख कर पढ़ाई कर रहे हैं। यहां पर बने स्कूल में कोई बाउंड़ी वाल नहीं है जिसके स्कूल की मेन बिल्डिंग तक आवारा जानवर पहुंच जाते हैं। ये जानवर स्कूल से निकलने वाले बच्चों को चोटिल कर चुके हैं।
बाल्टी में सफेद रंग का निशान पड़ जाता है
इलाके के लोगों ने बताया कि यहां पर एक इलाके में तो इंदिरा कुंए में पम्प लगाकर पानी की सप्लाई की जा रही है। ऐसे में पानी कुछ घरों में पहुंच रहा है लेकिन कई ऐसे घर हैं जहां पर पानी पहुंच ही नहीं रहा है। इसके अलावा यह पानी कुछ अजीब तरह का है। बाल्टी में भरने के बाद जब इसे खाली किया जाता है तो पूरी बाल्टी में सफेद रंग के दाग जमा हो जाते हैं। हम यही पानी पीने को मजबूर हैं। इस पानी को पीकर इलाके के छोटे-छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। आए दिन पेट की परेशानी से बच्चों को जूझना पड़ रहा है। कई बार इस कुंए से पानी की सप्लाई नहीं हो पाती। यहां आस-पास एक भी ओवरहेड टैंक ना होने से पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है। क्षेत्र में साफ पानी की सुविधा देने लिए वर्षो पहले लगाए गए हैंडपम्प खराब पड़े हैं।
मेन रोड और सभी गलियां जर्जर
स्थानीय निवासियों ने बताया कि क्षेत्र की सड़कों की हालत बहुत खराब है। रोड पर हर वक्त पानी भरने की वजह से यहां की कई रोड और गलियां जर्जर हो चुकी हैं। इन गालियां और रोड को ठीक करने के लिए जब अप्लीकेशन दी गई तो कई बार ठेकेदार यहां आए। नापजोख भी हुई लेकिन क्षेत्र एक नई ईट तक नहीं लगाई गई। क्षेत्र कई इलाके ऐसे हैं जहां पर लोग खुले में ही पेशाब करते हैं। इस बात के लिए भी हम लोगों ने नगर निगम में आवेदन किया कुछ जगहों पर यूरीनल की व्यवस्था करवा दे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
खेल के मैदान खत्म
क्षेत्र में खेल के कई ऐसे मैदान पड़े है जहां पर कचड़ा जमा है। कई बार इसकी शिकायत की जाती है लेकिन इसे साफ नहीं किया जाता है। क्षेत्र के तमाम बच्चे ऐसे में कूड़े के ढेर पर खेलने का मजबूर हैं।
छलका नागरिकों का दर्द
क्षेत्र में कई स्कूल मौजूद हैं जिनमें मासूम बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में इन नौनिहालों को ऐसी गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है। क्षेत्र की नालियां इतनी गंदी है कि लोगों के घरों तक इनकी बदबू पहुंच रही है।
नीता गुप्ता, प्रिंसपल
गंदगी तो यहां की पहचान बन चुकी है। क्षेत्र के मुख्य मार्ग ही नहीं सभी सम्पर्क मार्गो में कूड़ा फैला रहता है। सफाई कर्मचारियों के दर्शन यहां पर महाने भर बाद ही होते हैं।
मो। इमरान, प्राइवेट जॉब
पीने के साफ पानी के लिए लोग यहां दर-दर भटक रहे हैं। लोग उन घरों में जाकर गुहार लगाते हैं जिनके यहां समरसिबल लगे हुए हैं। खराब पानी की सप्लाई के चलते क्षेत्र में मासूम बीमार पड़ रहे हैं। साफ पानी ही मिल जाए वहीं बहुत है।
नइमुद्दीन,
क्षेत्र की सभी नालियां चोक पड़ी हैं। सफाई ना होने के कारण क्षेत्र के तमाम एरिया गंदगी की चपेट में है। यहां की सबसे बड़ी समस्या पानी और सफाई है। साफ पानी मिल जाए और कूड़ा समय से उठा लिया जाए तो यह क्षेत्र जन्नत बन जाएगा।
मो। अली, प्राइवेट जॉब
गंदा पानी पीने से आए दिन लोग बीमार पड़ते हैं। क्षेत्र में एक भी ओवर हेड टैंक नहीं है। ऐसे में गंदे पानी के चलते लोग परेशान है।
आफताब अहदम, प्राइवेट जॉब
क्षेत्र का यह हाल तब है जब यह इलाका शहर से बाहर नहीं है। डॉलीगंज पुल से मात्र एक किमी की दूरी पर यह इलाका हैं जहां हम लोग रहते हैं। ऐसी हालत तो किसी गांव की भी नहीं होगी।
मुन्ना, बिजनेस