लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के अलग-अलग इलाकों में सामने आ रहे संक्रामक बीमारियों के फैलने संबंधी मामलों को देखते हुए नगर निगम की ओर से शुद्ध जलापूर्ति पर विशेष फोकस किया गया है। इसके अंतर्गत नगर निगम एवं जलकल विभाग की ओर से फील्ड पर काम भी शुरू कर दिया गया है ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल मिले और संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा दूर हो सके।

बनाया गया है प्लान

नगर आयुक्त के निर्देश पर जलकल की ओर से जोनवार प्लान तैयार किया गया है। इसके साथ ही उन एरियाज के लिए अलग से कवायद हो रही है, जहां पर संक्रामक बीमारियों के फैलने की जानकारी मिल रही है। जो प्लान तैयार किया गया है, वो कुछ इस प्रकार है

1-क्लोरीन की मात्रा-बारिश के मौसम समाप्त होने तक खासकर सितंबर माह तक पानी में क्लोरीन की मात्रा बढ़ाई जा रही है। जिन एरियाज में संक्रामक बीमारियां फैल रहीं है या कंपलेन आ रही हैैं, वहां पर दो से तीन गुना क्लोरीन की मात्रा बढ़ाई जा रही है। जिससे जब जलापूर्ति हो तो लोगों के घरों में शुद्ध पानी की आपूर्ति हो।

2-पेयजल कनेक्शन-अगर किसी एरिया में पेयजल लाइन बिछी हुई है और वहां पर अगर घरों से लाइन कनेक्ट नहीं है तो उसे कनेक्ट करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही लोग निगम की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल करके इसकी जानकारी दे सकते हैैं।

3-मॉनीटरिंग टीमें-नगर निगम व जलकल की ओर से जोनवार मॉनीटरिंग टीमें भी बनाई गई हैैं, जो जलापूर्ति पर नजर रखेंगी। अगर कहीं दूषित जलापूर्ति की समस्या सामने आती है तो उस समस्या को तत्काल दूर किया जाएगा।

4-टैैंकर से आपूर्ति-अगर किसी एरिया में किसी भी कारण से जलापूर्ति नहीं हो पाती है तो वहां पर तुरंत टैैंकर भेजकर पेयजल संकट को दूर किया जाएगा। इसकी मॉनीटरिंग जलकल स्तर से की जाएगी।

5-हर दिन होगी समीक्षा-नगर आयुक्त स्तर से हर दिन ऐसे एरियाज में जलापूर्ति की स्थिति की समीक्षा की जाएगी, जहां से दूषित जलापूर्ति की शिकायत आती है।

कराई जा रही मैपिंग

नगर निगम स्तर से राजधानी के सभी पुराने एरियाज में पेयजल लाइन की मैपिंग भी कराई जा रही है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितने ऐसे प्वाइंट्स हैैं, जहां पर सीवरेज और पेयजल लाइन आपस में कनेक्ट होती हैैं। दरअसल, पुराने वार्डों में दूषित जलापूर्ति होने की प्रमुख वजह सीवर और पेयजल लाइन का आपसी कनेक्शन हो जाना है। मैपिंग कराए जाने के बाद इस समस्या को दूर करने के लिए प्रयास शुरू होंगे। जहां मैपिंग हो गई हैैं, वहां पर समस्या को दूर किया जा रहा है।

हेल्पलाइन नंबर भी एक्टिव

नगर निगम की ओर से तीन दिन पहले ही जोनवार हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैैं। इन नंबरों पर कॉल करके पेयजल संबंधी कंपलेन दर्ज कराई जा सकती है। जो भी कंपलेन आएगी, उनका तत्काल निराकरण किया जाएगा। इसके साथ ही पब्लिक फीडबैक भी लिया जाएगा।