लखनऊ (ब्यूरो)। मानसून आने के साथ ही डेंगू का डंक भी अपना असर दिखाने लगता है और हर साल बड़ी संख्या में लोग इसके शिकार होते हैं। डेंगू के लिहाज से राजधानी बेहद संवेदनशील सेंटर्स में भी आता है। हर साल यहां बड़ी संख्या में मरीज सामने आते हैं, जिसमें कई एरिया हर साल हॉट स्पॉट बनते हैं। स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम समेत अन्य विभाग मिलकर हर साल रणनीति तो बहुत बनाते हैं, लेकिन उनके सारे दावों की हर साल हवा निकल जाती है। समय पर एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग न होने से मच्छरों को पनपने का मौका मिल जाता है।
ये इलाके बनते हैं हॉट स्पॉट
डेंगू का लार्वा आमतौर पर घरों में जमा होने वाले पानी, खाली प्लाट में भरे पानी या आसपास कहीं ठहरे हुए पानी में पनपता है। जिसकी नियमित सफाई न होने से मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। राजधानी के आशियाना, शारदा नगर, वृंदावन कॉलोनी, फैजुल्लागंज, आलमबाग, अलीगंज, गोमती नगर, मड़ियांव, चौक जैसे एरिया हॉट स्पॉट की श्रेणी में आते हैं।
ये हैं कुछ बड़े हॉट स्पॉट्स
आशियाना
शारदा नगर
वृंदावन कॉलोनी
फैजुल्लागंज
आलमबाग
अलीगंज
गोमती नगर
मड़ियांव
चौक
नहीं होती नियमित फॉगिंग व छिड़काव
एंटी लार्वा के छिड़काव का काम स्वास्थ्य विभाग और फॉगिंग का काम नगर निगम का होता है। पर केवल कुछ ही जगहों पर यह काम किया जाता है। उसके बाद सब भूल जाते है। जबकि नियमित अंतराल पर खासतौर पर हॉट स्पॉट एरिया में छिड़काव और फॉगिंग लगातार होनी चाहिए। खासतौर पर घरों के अंदर भी क्योंकि मच्छर अधिकतर घरों के अंदर ही मिलते हैं। साथ ही आसपास के खाली प्लॉट पर भी झाड़ियां आदि उगने से उनको सही वातावरण मिल जाता है।
हॉट स्पॉट पर कर रहे फोकस
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। ऋतु श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी के हॉट स्पॉट एरिया पर विशेष फोकस किया जा रहा है। वहां टीमों को भेजकर पहले से ही एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग का काम कराया जा रहा है। खासतौर पर हॉट एरिया के जो स्पेशल डेंगू पॉकेट्स हैं, वहां पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को अवेयर करने का भी काम किया जा रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि घर और आसपास में कहीं भी पानी न जमा होने दें। इस अभियान में लोगों का सहयोग भी बेहद जरूरी है।
इन इलाकों में ज्यादा खतरा
प्रीति नगर, फैजुल्लागंज-3
यहां खुला एरिया ज्यादा है। आलम यह है कि खाली प्लॉट पर काफी समय से जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। जो मच्छरों के पनपने के लिए बेहद मुफीद है। यहां हर साल डेंगू के मरीज सामने आते हैं। वहीं, यहां काफी झाड़ियां भी हैं जो मच्छरों को पनपने का पूरा माहौल दे रही हैं। लोगों के मुताबिक, यहां कोई फॉगिंग या एंटी लार्वा छिड़काव नहीं होता है।
यहां बारिश के बाद जलभराव की समस्या सबसे अधिक रहती है। पर इसके बावजूद कोई यहां झांकने तक नहीं आता। जब बीमारी फैलती है तक विभाग के लोग जागते हैं।
-शशांक
न तो यहां फॉगिंग होती है और न ही छिड़काव। मच्छरों का आतंक लगातार फैल रहा है, जिससे काफी समस्या हो रही है। बारिश बढ़ने से समस्या और विकराल हो जाती है। अधिकारियों को समय से पहले सभी इंतजाम करने चाहिए।
-पवन शर्मा
गोबिंद गली, नटखेड़ा रोड
यहां गलियों की स्थिति बेहद खराब है। नालियां बजबजा रही हैं तो कई जगहों पर पानी भरा रहता है। लोगों के मुताबिक, बारिश होने पर गलियों में निकलना मुश्किल हो जाता है। यहां हर साल मच्छरों का आतंक देखने को मिलता है। आसपास के एरिया में डेंगू के मरीज हर साल सामने आते हैं, जिससे काफी समस्या होती है। समस्या को लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती है।
यहां गंदगी और जलभराव की समस्या बेहद आम हो गई है। कई बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती है। फॉगिंग और छिड़काव तो बहुत दूर की बात है। अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
-राजेश बत्रा
यहां गलियों तक में चलना मुहाल हो गया है। बारिश से पानी भर जाता है। जिसपर मच्छर भनभनाते रहते हैं। डेंगू भी फैलता है, लेकिन इसके बावजूद अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं, जबकि समय-समय पर छिड़काव और फॉगिंग होनी चाहिए।
-मनीष अरोड़ा
गांधी नगर, वृंदावन कॉलोनी
वृंदावन कॉलोनी डेंगू के लिहाज से हॉट जोन में आता है। यहां हर साल बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज मिलते है, लेकिन इसके बावजूद यहां खुले प्लाट्स में गंदगी और पानी भरा रहता है। जिसपर मच्छर पनपने लगते हैं। जब मामले सामने आते हैं, तभी विभाग के अधिकारी आते हैं, जिसको लेकर लोगों में बेहद नाराजगी बनी रहती है। गलियों के अंदर फॉगिंग और छिड़काव तक समय पर नहीं कराया जाता।
इलाके में जिम्मेदार विभाग से कोई नहीं आता है। खुले प्लॉट में पानी भरा रहता है। पर छिड़काव और फॉगिंग आदि कुछ नहीं होती है, जिससे समस्या जस की तस बनी रहती है।
-राहुल ठाकुर
डेंगू को लेकर विभाग के अधिकारी ही गंभीर नहीं हैं, जबकि उनको नियमित अंतराल पर साफ-सफाई और छिड़काव आदि करवाना चाहिए। वे जागते तब हैं जब बीमारी फैल जाती है।
-निखिल मिश्रा
द्वारकापुरी कॉलोनी, फैजुल्लागंज-2
यह एरिया डेंगू का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट है। यहां पर हर साल बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज आते हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां पर न तो साफ-सफाई होती है और न ही जलजमाव की समस्या का कोई समाधान किया जाता है। यहां खाली प्लॉट्स में जलजमाव की समस्या बनी रहती है। जिसकी वजह से पूरे इलाके में मच्छरों का आतंक रहता है। समय-समय पर यहां एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग होनी चाहिए ताकि लोगों को बीमारी से बचाया जा सके।
यहां जिम्मेदार विभाग द्वारा कोई फॉगिंग या छिड़काव नहीं कराया जाता है। जब बीमारी फैलती है तब विभाग आननफानन में पहुंचा है और छिड़काव व फॉगिंग कराई जाती है। कई बार तो अपने स्तर से काम कराना पड़ता है। विभाग लापरवाह बना रहता है।
-ममता त्रिपाठी
इलाके में डेंगू समेत अन्य बीमारियां हर साल फैलती हैं, जिससे लेागों को काफी परेशानी होती है। विभाग के लोग सुध नहीं लेते हैं। शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
-आशा मौर्या
चंदर नगर, आलमबाग
यहां पर घनी आबादी है। हर साल यहां डेंगू का असर देखने को मिलता है। वैसे तो पूरा आलमबाग एरिया ही डेंगू का हॉट स्पॉट है, पर कुछ इलाकों में यह ज्यादा असर दिखाता है। यहां की गलियों में गंदगी और पानी भरा रहता है, जिसकी वजह से लोग निकल तक नहीं पाते हैं। यहां साफ-सफाई और जल निकासी का कोई पुख्ता इंतजाम भी नहीं है। लोगों की शिकायत है कि जिम्मेदार विभाग शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से बीमारियां भी फैलती हैं। वहीं, जब बड़ी संख्या में डेंगू फैलता है तब जाकर विभाग साफ-सफाई के साथ छिड़काव और फॉगिंग करवाता है।
यहां साफ-सफाई की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। गलियां गंदगी से पटी हुई हैं। कई जगहों पर पानी भी भरा रहता है, जहां मच्छर पनपते हैं। बारिश तेज होने पर समस्या और गहरी हो जाती है।
-गौतम नागपाल
विभाग अगर समय पर सफाई के साथ छिड़काव और फॉगिंग करवाये तो काफी राहत मिल सकती है। कई बार बोलने के बाद कुछ काम होता है, पर उसका कोई बड़ा फायदा नहीं होता है। अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
-विजय मालिक
संचारी रोग अभियान और दस्तक अभियान लगातार चलाया जा रहा है। हॉट स्पॉट को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। फॉगिंग और छिड़काव कराया जा रहा है। जहां कमी होगी उसे तत्काल दूर किया जाएगा।
-डॉ। मनोज अग्रवाल, सीएमओ