लखनऊ (ब्यूरो)। सरकारी अस्पताल व मेडिकल संस्थानों में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम करें और समय-समय पर मॉकड्रिल करें। इसमें अधिकारी किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। वार्डों में आग से बचाव के इंतजाम किये जायें। पुरानी व जर्जर वायरिंग दुरुस्त कराई जाये। इसमें रोगी कल्याण समिति के बजट का इस्तेमाल नियमानुसार कर सकते हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को सभी जिलों के सीएमओ, अस्पताल के सीएमएस व मेडिकल संस्थान के अधिकारियों को ये निर्देश दिये।
इमरजेंसी गेट के लिए दिशा-निर्देश चस्पा करायें
डिप्टी सीएम ने कहा कि गर्मी में आग लगने जैसी घटनाओं की आशंका बढ़ जाती हैं। ऐसे में खास एहतियात बरतें। आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम कर लें। फायर फाइटिंग सिस्टम की क्षमता परखें। सप्ताह में कम से कम एक बार मॉकड्रिल करें। कर्मचारियों को आकस्मिक दशा में आग से बचाव के लिए प्रशिक्षित करें। इमरजेंसी गेट आदि के बार में दिशा निर्देश दीवारों पर चस्पा करायें, ताकि आपातकाल में लोगों को इमरजेंसी गेट आदि तलाशने में अड़चन न आये।
वार्ड में लगाएं फायर एक्सटिंग्युशर
वार्ड में फायर एक्सटिंग्युशर पर्याप्त संख्या में लगाये जायें। उन्हें चलाने की जानकारी भी दी जाये। बिजली की वायरिंग, बोर्ड, स्विच आदि भी समय-समय पर चेक कराये। सेंट्रल एयरकंडीशन के संचालन में भी मानकों की अनदेखी न करें। डिप्टी सीएम ने कहा कि निर्माणाधीन भवनों की तरफ बिना जरूरत मरीज-तीमारदार न जाने पायें। अस्पतालों में व्यवस्था बनाये रखने में किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए।
अधिकारी निभायें जिम्मेदारी
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश भर के अस्पतालों की ओपीडी में प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख से अधिक मरीज आ रहे हैं। इमरजेंसी में गंभीर मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में मरीज और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी को अधिकारी ईमानदारी से निभायें।